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Lok Sabha Election 2024 Result: यूपी-बंगाल के जख्म पर दक्षिण ने लगाया मरहम, जानें भाजपा को क्यों हुआ नुकसान?

पश्चिम बंगाल की सभी 42 सीटों के रूझान आ गए हैं। चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक रूझानों में राज्य में सत्तारूढ तृणमूल कांग्रेस 31 बीजेपी 10 कांग्रेस एक सीट पर आगे चल रही है। ये रूझान बताते हैं कि तृणमूल कांग्रेस ने राज्य में अपनी जड़े और गहरी की हैं। वहीं राज्य में बीजेपी ने कानून व्यवस्था और संदेशखाली का मुद्दा उठाया था।

By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Updated: Tue, 04 Jun 2024 03:17 PM (IST)
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दोपहर 2 बजे तक के आंकड़ों के अनुसार, सबसे बड़ा सियासी उलटफेर यूपी में दिख रहा है।
जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। अगर लोकसभा परिणामों के ताजा रुझानों में दक्षिणी राज्यों की बात करें तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) दो दक्षिणी राज्यों आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में बढ़त बनाए हुए है, जबकि तमिलनाडु में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) और केरल में कांग्रेस के नेतृत्व वाला गठबंधन एक बार फिर शानदार प्रदर्शन की राह पर हैं।

हालांकि, ताजा रुझानों में केरल में बीजेपी की एक या दो सीटों पर बढ़त पर दिख रही है लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस यहां बेहतर प्रदर्शन कर रही है और I.N.D.I.A गठबंधन भी। खासकर केरल और तमिलनाडु में कांग्रेस और गठबंधन आगे हैं। कर्नाटक में कांग्रेस पिछली बार से ज्यादा सीटें जीतने का संकेत दे रही है।

गौरतलब है, दक्षिण में सबसे बड़ा राज्य तमिलनाडु है, जिसमें लोकसभा 39 सीटे हैं। इसके अलावा, कर्नाटक में 28, आंध्र प्रदेश में 25, केरल में 20 और तेलंगाना में कुल 17 सीट सीटें हैं। इन सभी सीटों पर अलग-अलग चरणों में मतदान हुए थे।

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यूपी में बीजेपी को बड़ा झटका

दोपहर 2 बजे तक के आंकड़ों के अनुसार, सबसे बड़ा सियासी उलटफेर यूपी में दिख रहा है, जहां पर सपा और कांग्रेस वाले I.N.D.I.A गठबंधन ने जबरदस्त प्रदर्शन किया है। सपा 37, कांग्रेस सात सीटों पर आगे चल रही है, जबकि बीजेपी को बंपर नुकसान होते हुए महज 33 सीटों पर ही बढ़त हासिल है। बड़ी संख्या में सीटें घटने की वजह से बीजेपी 272 का बहुमत का आंकड़ा भी पार करती नहीं दिख रही।

हालांकि, एनडीए गठबंधन जरूर सरकार बनाता दिख रहा है। यूपी में बीजेपी के बड़े सियासी उलटफेर के पीछे कई वजहें दिखाई दे रही हैं। आम चुनाव के दौरान सपा और कांग्रेस ने जिस तरह से संविधान, आरक्षण, बेरोजगारी जैसे मुद्दे उठाए, नतीजों से साफ लग रहा है कि जमीन पर यह सब काम कर गया। वहीं, बीजेपी जिस राम मंदिर मुद्दे के सहारे देशभर में 400 पार की उम्मीद लगाए बैठी थी, वो यूपी में भी काम नहीं कर सका।

पश्चिम बंगाल में भी बीजेपी को बड़ा नुकसान

पश्चिम बंगाल की सभी 42 सीटों के रूझान आ गए हैं। चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक रूझानों में राज्य में सत्तारूढ तृणमूल कांग्रेस 31, बीजेपी 10, कांग्रेस एक सीट पर आगे चल रही है। ये रूझान बताते हैं कि तृणमूल कांग्रेस ने राज्य में अपनी जड़े और गहरी की हैं। वहीं राज्य में बीजेपी ने कानून व्यवस्था और संदेशखाली का मुद्दा उठाया था। इसे जनता नकारती हुई दिख रही है।

इस बार पश्चिम बंगाल में इस बार कुल 495 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे। इस बार के चुनाव में प्रदेश में करीब 6.03 करोड़ मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था।

दक्षिण भारत से 132 सांसद आते हैं

दक्षिण भारत से कुल 132 सांसद चुनकर आते हैं। दक्षिण भारत की ये सीटें तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, पुडुचेरी, लक्षद्वीप और अंडमान निकोबार जैसे कुल आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आती हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में 132 में से कांग्रेस और भाजपा दोनों ने 29-29 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं, इन दलों से काफी आगे क्षेत्रीय पार्टियों के 74 सांसद चुनकर लोकसभा पहुंचे थे।

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खासकर यूपी में क्यों हुआ बीजेपी को नुकसान?

यूपी में भाजपा के सपनों पर पानी फेरने का सबसे बड़ा काम समाजवादी पार्टी (सपा) ने किया है। हालांकि, अभी काउंटिंग चल रही है इसलिए नतीजों को लेकर ज्यादा कुछ कहना सही नहीं होगा। दोपहर 2 बजे तक आए रूझानों के मुताबिक, अभी तक जो स्थिति दिख रही है उससे यही लगता है कि बीजेपी को बहुत बड़ा नुकसान होता दिख रहा है, न केवल 400 का सपना टूटता दिख रहा है, बल्कि सरकार बनाने के लिए एनडीए लड़ाई लड़ती हुई नजर आ रही है।

चुनाव आयोग की वेबसाइट के अनुसार, अभी तक यूपी में भाजपा 32 सीटों पर तो सपा 37 सीटों पर आगे दिख रही है, जबकि कांग्रेस भी सात सीटों पर आगे दिख रही है। इस तरह स्पष्ट है कि अभी एनडीए से आगे I.N.D.I.A दिख रहा है।

आइये जानते हैं उत्तर प्रदेश में भाजपा को क्यों हुआ नुकसान?

मायावती की वजह से भाजपा को हुआ नुकसान

1. मायावती की पार्टी बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) को विपक्ष भाजपा की बी टीम कहकर निशाना साधता रहता है। इस बीच, मायावती ने यूपी में पश्चिम से पूरब तक ऐसे प्रत्याशियों को टिकट दे दी। जिससे भाजपा को नुकसान हुआ। पश्चिमी यूपी में मेरठ में देवव्रत त्यागी, मुजफ्फरनगर से दारा सिंह प्रजापति, खीरी सीट से पंजाबी प्रत्याशी आदि बीजेपी को सीधे नुकसान पहुंचा रहे थे।

2. अखिलेश यादव ने उम्मीदवारों को टिकट देनें में सूझबूझ दिखाई

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस बार के चुनाव में प्रत्याशियों को टिकट देने में काफी सूझबूझ दिखाई है। यही कारण है कि धरातल पर वो भाजपा प्रत्याशियों को जबरदस्त टक्कर देते दिख रहे हैं।

फैजाबाद में सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद अभी तक लीड लिए हुए हैं। एक एससी कैंडिडेट को फैजाबाद में खड़ा करने का साहस दिखाना ही अखिलेश की सूझबूझ को दिखाता है। इसी तरह मेरठ संसदीय सीट से जहां टीवी के राम अरुण गोविल चुनाव लड़ रहे थे, वहां से भी एक एससी कैंडिडेट को खड़ा करना अखिलेश की चुनावी समझ को बताता है।

3. योगी आदित्यनाथ को यूपी सीएम पद से हटाने की अफवाह से नुकसान

यूपी में राजपूतों की नाराजगी की भी भाजपा को कीमत चुकानी पड़ी है। पहले गुजरात में परषोत्तम रूपाला का क्षत्रियों पर कमेंट मुद्दा बना, जिसकी आंच यूपी तक महसूस की जा रही थी। इस बीच, गाजियाबाद से जनरल वीके सिंह का टिकट कटना भी मुद्दा बन गया।

भाजपा को लेकर एक अफवाह यह भी फैलाई गई कि अगर पार्टी को 400 सीटें मिलती हैं तो उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ को बीजेपी हटा देगी। इस बात को लेकर आम आदमी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा था।