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Lok Sabha Election: कैसे और कौन संभालता है BJP का 'वॉर रूम'? 24x7 ऐसे रखी जाती है नजर; दिल्ली के लिए बनी खास रणनीति

LS Polls वॉर रूम में बैठे पार्टी के दिग्गज लड़ाके यहीं से मैदान सजाने और मारने में जुटे हैं। इस बार 400 पार का नारा लेकर चल रही भाजपा की रणनीति बूथ केंद्रित है। पार्टी के रणनीतिकार मानते हैं कि बूथों पर जितनी मजबूती होगी जीत उतनी ही करीब और सुनिश्चित होगी। यही वजह है कि पीएम मोदी भी कई बार बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से संवाद कर चुके हैं।

By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Updated: Mon, 20 May 2024 07:24 PM (IST)
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Lok Sabha Election: कैसे और कौन संभालता है BJP का 'वॉर रूम'?
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आग बरसाते मौसम और चुनावी ताप के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर भाजपा के सभी दिग्गज स्टार प्रचारक चुनाव क्षेत्रों को लगातार अपने पसीने से सींच रहे हैं, ताकि केंद्र की सत्ता में लगातार तीसरी बार कमल खिल सके। लंबी लड़ाई और चरणवॉर कई-कई राज्यों में एक साथ चुनाव। एक दिन में कई जनसभाएं हैं, हलचल है, लेकिन अव्यवस्था नहीं, क्योंकि 'कंट्रोल रूम' पूरी तरह व्यवस्थित है।

भाजपा की रणनीति और रणनीतिकार

वॉर रूम में बैठे पार्टी के दिग्गज लड़ाके यहीं से मैदान सजाने और मारने में जुटे हैं। इस बार 400 पार का नारा लेकर चल रही भाजपा की रणनीति बूथ केंद्रित है। पार्टी के रणनीतिकार मानते हैं कि बूथों पर जितनी मजबूती होगी, जीत उतनी ही करीब और सुनिश्चित होगी। यही वजह है कि पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा कई बार बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से संवाद कर चुके हैं।

इनके हाथ भाजपा का वॉर रूम

अब चुनाव के दौरान भी यह सबसे निचली, लेकिन महत्वपूर्ण इकाई पूरी तरह सक्रिय रहे, इसलिए इसकी कमान खुद राष्ट्रीय महासचिव संगठन बीएल संतोष और राष्ट्रीय महासचिव सुनील बंसल ने संभाल रखी है। वह राजग के सहयोगी दलों से भी समन्वय का जिम्मा संभाल रहे हैं। वहीं, स्टार प्रचारक के रूप में देशभर को मथ तो कई वरिष्ठ नेता रहे हैं, लेकिन भाजपा सहित सभी प्रत्याशियों को सबसे अधिक भरोसा प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे पर है।

पीएम की रैली-रोड शो का दायित्व

जनता के बीच उनकी लोकप्रियता को देखते हुए ही प्रत्याशियों की ओर से भी सबसे अधिक पीएम की रैलियों की ही मांग है। ऐसे में आवश्यकता को देखते हुए पीएम की रैली, रोड शो आदि के समन्वय आदि का दायित्व पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को सौंपा गया है। इसकी वजह यह है कि 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी यह जिम्मेदारी सफलतापूर्वक नकवी ने ही संभाली थी।

हर स्तर पर प्रचार-प्रसार की योजना

इस बार चुनाव में कई दलों के प्रमुख नेताओं ने दल बदल कर भाजपा का रुख किया है। नवागत नेताओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए पार्टी ने इस गतिविधि को व्यवस्थित और उपयोगी बनाने के लिए संगठन का लंबा अनुभव रखने वाले राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े को जिम्मा सौंपा। उनकी टीम महत्वपूर्ण लोगों को पार्टी में शामिल कराने के साथ ही हर स्तर पर प्रचार-प्रसार की योजना को कार्यान्वित करने में जुटी है।

राज्यों और चुनाव आयोग के बीच समन्वय

चरणवॉर मतदान के अनुरूप देशभर के वरिष्ठ नेता व संगठन पदाधिकारी अलग-अलग राज्यों का रुख कर रहे हैं। ऐसे में सभी नेताओं के प्रवास कार्यक्रमों का समन्वय राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग की टीम कर रही है। राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी और सह-प्रभारी संजय मयूख की टीम मीडिया व इंटरनेट मीडिया का समन्वय देख रहे हैं तो राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह की टीम के जिम्मे राज्यों और चुनाव आयोग के बीच समन्वय है।

नमो ऐप और वर्चुअल बैठकों का समन्वय

भाजपा के विदेश मामलों से जुड़े विभाग के प्रभारी विजय चौथाईवाले चुनाव अभियान देखने के इच्छुक विदेशी प्रतिनिधिमंडलों को भाजपा के चुनाव कार्यक्रमों से जोड़ रहे हैं। अश्वनी वैष्णव और हरदीप पुरी जैसे वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री अलग-अलग सामाजिक समूहों में पार्टी के प्रचार-विज्ञापन आदि की व्यवस्था देख रहे हैं तो कुलदीप चहल की टीम नमो ऐप और वर्चुअल बैठकों का समन्वय कर रही है।

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