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Congress Manifesto: कांग्रेस के घोषणापत्र से OPS गायब, मणिपुर सरकार को लेकर मेनिफेस्टो में क्या है पार्टी का रुख?

पिछले कुछ सालों से ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) को बड़ा चुनावी मुद्दा बनाती रही कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्र में इसे शामिल नहीं किया है। हालांकि कांग्रेस की तरफ से कहा गया कि पार्टी ने ओपीएस के मुद्दे को घोषणा पत्र में इसलिए शामिल नहीं किया है क्योंकि केंद्र की तरफ से नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) पर विचार के लिए कमेटी का गठन किया गया है।

By Jagran News Edited By: Sonu Gupta Updated: Fri, 05 Apr 2024 08:17 PM (IST)
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कांग्रेस के घोषणापत्र से OPS गायब। फोटोः रायटर।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी ने घोषणापत्र जारी किया है, जिसमें कुछ चीजें ऐसी भी हैं जिसे कानूनविद और न्यायविद सही नहीं मानते। कांग्रेस ने घोषणापत्र में कहा है कि कांग्रेस वर्तमान राज्य सरकार को तुरंत हटा देगी। यानी अगर कांग्रेस केंद्र में सत्ता में आयी तो वह मणिपुर की राज्य सरकार को बर्खास्त कर देगी।

कानूनी और संवैधानिक लिहाज से नहीं है सही

संविधान विशेषज्ञों का कहना है कि चुनाव घोषणापत्र में राज्य सरकार को हटाने की बात नहीं की जा सकती। ऐसा कहना कानूनी और संवैधानिक लिहाज से सही नहीं है।

राज्य सरकार को तुरंत हटाने की बात पूर्व न्यायाधीश क्या बोले?

कांग्रेस घोषणापत्र में राज्य सरकार को तुरंत हटाने की बात पर इलाहाबाद हाई कोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीश एसआर सिंह कहते हैं कि किसी राज्य की सरकार बर्खास्त करने और वहां राष्ट्रपति शासन लगाने का प्रविधान संविधान के अनुच्छेद 356 में दिया गया है। अनुच्छेद 356 लागू करने की कुछ शर्तें होती हैं, परिस्थितियां होती हैं। ऐसा तब होता है जब राष्ट्रपति राज्यपाल की भेजी गई रिपोर्ट या किसी और तरह से इस बात पर संतुष्ट हो कि राज्य में संवैधानिक तंत्र फेल हो गया है वहां संविधान के मुताबिक सरकार नहीं चल रही है। लेकिन कोई राजनैतिक दल पहले से घोषणापत्र में ऐसी बात कैसे कह सकता है।

सुप्रीम कोर्ट के वकील डीके गर्ग ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट के वकील डीके गर्ग भी सिंह से सहमति जताते हुए कहते हैं कि घोषणापत्र में ऐसी घोषणा नहीं की जा सकती। सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए राष्ट्रीय न्यायिक आयोग (एनजेसी) गठित करने की घोषणा पर गर्ग का कहना है कि न्यायाधीशों की नियुक्ति का मौजूदा कोलेजियम सिस्टम सुप्रीम कोर्ट के फैसले से लागू हुआ है और वह फैसला अभी भी लागू है।

जस्टिस सिंह का कहना है कि सत्ता में आने पर आयोग बनाया जा सकता है लेकिन उसके गठन में सुप्रीम कोर्ट से परामर्श की क्या जरूरत है अभी भी तो सुप्रीम कोर्ट की कोलेजियम ही जजों की नियुक्ति करती है। उसमें सरकार का कोई दखल नहीं होता सिवाय नियुक्ति आदेश जारी करने के। वह कहते हैं कि एनजेसी का गठन करना है तो कोर्ट का पूर्व फैसला है उसे देखें और उसमें जो खामी है उसे दूर कर गठन करें।

ओपीएस कांग्रेस के घोषणा पत्र से गायब

पिछले कुछ सालों से ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) को बड़ा चुनावी मुद्दा बनाती रही कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्र में इसे शामिल नहीं किया है। हालांकि, कांग्रेस की तरफ से कहा गया कि पार्टी ने ओपीएस के मुद्दे को घोषणा पत्र में इसलिए शामिल नहीं किया है क्योंकि केंद्र की तरफ से नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) पर विचार के लिए कमेटी का गठन किया गया है और कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद उसकी समीक्षा कर कांग्रेस ओपीएस के मुद्दे पर आगे बढ़ेगी।

 पिछले साल हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ व मध्य प्रदेश के चुनाव में कांग्रेस ने ओपीएस के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था हालांकि हिमाचल को छोड़कर तीनों ही राज्यों में कांग्रेस चुनाव हार गई।