Lok Sabha Elections: सीटों को लेकर कांग्रेस में मशक्कत, कब होगी सीट शेयरिंग फॉर्मूले पर बात?
विपक्षी गठबंधन आईएनडीआईए के घटक दलों की ओर से कांग्रेस पर दबाव है कि सीटों के बंटवारे का फैसला जल्द से जल्द हो। कांग्रेस पार्टी ने गठबंधन के सहयोगी दलों के साथ सीट बंटवारे पर तालमेल करने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक की अगुवाई में एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया है। इसमें अशोक गहलोत भूपेश बघेल सलमान खुर्शीद व मोहन प्रकाश जैसे नेताओं को रखा है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विपक्षी गठबंधन आईएनडीआईए के घटक दलों की ओर से कांग्रेस पर दबाव है कि सीटों के बंटवारे का फैसला जल्द से जल्द हो। साथ ही अपने-अपने कोटे की सीटों को लेकर परोक्ष दावा भी ठोका जा रहा है। ऐसे में कांग्रेस भी अपनी अंदरूनी चर्चा में तेजी से जुटी है।
कांग्रेस ने सहयोगी दलों के साथ सीटों के बंटवारे पर चर्चा शुरू होने से पहले ऐसी सभी जिताऊ सीटों को लेकर राज्यवार ब्यौरा जुटाना शुरू कर दिया है। पार्टी ने शनिवार को भी इसे लेकर राज्यों के पदाधिकारियों के साथ ही लंबी चर्चा की है। कांग्रेस के महाराष्ट्र और झारखंड से आए वरिष्ठ नेताओं ने जो संकेत दिए है, उसके तहत वह सिर्फ उन्हीं सीटों को लेकर दावेदारी करेंगे, जो जीत सकते हैं।
इन राज्यों में कांग्रेस की स्थिति बेहतर नहीं
पार्टी पदाधिकारियों का मानना है कि हमारा पहला लक्ष्य भाजपा को हराने का है। फिलहाल जो संकेत मिल रहे हैं उसमें पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में पार्टी को कम सीटों पर समझौता करना पड़ सकता है। इन राज्यों में वैसे भी कांग्रेस की स्थिति बेहतर नहीं है। इसके बदले कांग्रेस पार्टी को मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ, हिमाचल प्रदेश,कर्नाटक,असम, हरियाणा व उत्तराखंड जैसे नौ राज्यों की करीब 152 सीटों पर लड़ने का मौका मिलेगा।यह भी पढ़ें: क्या INDI गठबंधन में तय हो गई सीट शेयरिंग का फॉर्मूला? अगले हफ्ते से शुरू होगी बातचीत
क्या मजबूत है कांग्रेस की दावेदारी?
कांग्रेस का सामान्य रूप से लगभग ढ़ाई सौ सीटों पर दावा बनता है, लेकिन कांग्रेस चाहेगी कि वह कम से कम सवा तीन सौ सीटों पर उम्मीदवार उतारे, लेकिन जिस तरह सहयोगी दल तृणमूल कांग्रेस, राजद व जदयू, शिवसेना उद्धव गुट की ओर से बयान आ रहे हैं उसकी काट के लिए दावेदारी मजबूत दिखानी होगी। पिछले चुनाव नतीजों के आधार पर यह साबित करना मुश्किल होगा कि कांग्रेस की दावेदारी मजबूत है।
बता दें कि शिवसेना उद्धव के संजय राउत ने बयान दे दिया है कि वह 48 सीटों वाले महाराष्ट्र में 23 सीटों पर लड़ेंगे। तृणमूल बंगाल में कांग्रेस के लिए महज दो सीटें छोड़ने का संकेत दे रही है। बिहार में कांग्रेस के लिए अधिकतम पांच सीटों की बात की जा रही है। 4 जनवरी को सहयोगी दलों के साथ सीटों पर चर्चा शुरू होगी।
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