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Lok Sabha Polls : कर्नाटक में कांग्रेस ने रखा 20 लोकसभा सीटें जीतने का लक्ष्‍य, अन्‍य दलों के नेताओं पर नजर

शिवकुमार ने कहा कि कांग्रेस के स्थानीय नेतृत्व को स्थानीय स्तर पर किसी भी तरह की समझ बनाने की अनुमति दे दी गई है जिससे वहां की स्थिति के आधार पर पार्टी को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि संसद चुनाव कांग्रेस पार्टी के लिए पहली ( प्राथमिकता ) है। हमने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा है कि वे घबराएं नहीं।

By AgencyEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Wed, 16 Aug 2023 06:49 PM (IST)
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पिछले चुनाव में कांग्रेस ने कर्नाटक की 28 में से सिर्फ एक लोकसभा सीट जीती थी।
बेंगलुरु, पीटीआई। देश में गठबंधन की राजनीति कोई नई बात नहीं है। 2024 में होने जा रहे लोकसभा चुनावों के लिए विपक्षी दलों ने नया गठबंधन I.N.D.I.A बना लिया है तो वहीं, उससे मुकाबले के लिए भाजपा के नेतृत्‍व में एनडीए का कुनबा भी और बड़ा हो रहा है। इस बीच कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जीत के बाद से ही कांग्रेस के हौसले बुलंद हैं। अब पार्टी राज्‍य में लोकसभा चुनाव की संभावनाओं को मजबूत करने के लिए विपक्ष के नेताओं को शामिल करने पर विचार कर रही है।

क्या कहा डी के शिवकुमार ने?

प्रदेश अध्यक्ष उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने बुधवार को कहा कि कई राजनीतिक कार्यकर्ता पार्टी में शामिल होने के इच्छुक हैं और लोकसभा चुनाव में अपना वोट शेयर बढ़ाने के उद्देश्य से पार्टी हित को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया जाएगा।

आपको मालूम हो कि पिछले चुनाव में कांग्रेस ने कर्नाटक की 28 में से सिर्फ एक लोकसभा सीट जीती थी। पार्टी नेताओं ने कहा कि इस बार 20 सीटें जीतने का लक्ष्य है। शिवकुमार ने कहा कि कांग्रेस के स्थानीय नेतृत्व को स्थानीय स्तर पर किसी भी तरह की समझ बनाने की अनुमति दे दी गई है, जिससे वहां की स्थिति के आधार पर पार्टी को फायदा होगा।

शिवकुमार ने कहा, 

संसद चुनाव कांग्रेस पार्टी के लिए पहली (प्राथमिकता) है। हमने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा है कि वे घबराएं नहीं और स्थानीय स्तर पर किसी भी समझ पर पहुंचने के रास्ते में कोई शिकायत न रखें। हमने उनसे वोट शेयर बढ़ाने के लिए कहा है।

निर्णय लेना हमारे स्थानीय नेताओं पर निर्भर करता है : शिवकुमार

शिवकुमार ने एक सवाल के जवाब में कहा, ''स्थानीय स्थिति के आधार पर निर्णय लेना हमारे स्थानीय नेताओं पर निर्भर करता है।'' पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, ''कुछ स्थितियों में, पार्टी की उपस्थिति (कुछ स्थानों पर) नहीं हो सकती है। ऐसी स्थिति में, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि पार्टी वहां मजबूत हो। बड़े नेताओं को छोड़ दें, अन्य के कई कार्यकर्ता पार्टियां हमारे साथ आने के लिए आगे आई हैं। ऐसे में पार्टी के हित में जो भी होगा हम करेंगे।''