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अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में आठ अगस्त को होगी बहस, 10 तारीख को पीएम मोदी देंगे जवाब

लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर आठ से 10 अगस्त के बीच बहस होगी। पीएम मोदी 10 तारीख को इस जवाब दे सकते हैं। सरकार ने जोर देकर कहा है कि ऐसे कोई नियम नहीं हैं जो सदन के लिए अविश्वास प्रस्ताव पर तुरंत विचार करना अनिवार्य बनाते हों। विपक्षी गुट इंडिया और भारत राष्ट्र समिति ने मांग की थी कि सदन को तुरंत इस प्रस्ताव पर विचार करना चाहिए।

By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Tue, 01 Aug 2023 01:32 PM (IST)
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लोकसबा में आठ औऱ 10 अगस्त के बीच अविश्वास प्रस्ताव पर हो सकती है बहस

नई दिल्ली, पीटीआई। लोकसभा में आठ से 10 अगस्त के बीच अविश्वास प्रस्ताव पर बहस होगी, जिसके आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) विपक्ष द्वारा प्रायोजित कदम का जवाब दे सकते हैं। यह निर्णय लोकसभा की व्यापार सलाहकार समिति (BAC) की बैठक में लिया गया, जिसका विपक्षी गुट 'इंडिया' और भारत राष्ट्र समिति ने बहिष्कार किया। दोनों दलों ने मांग की, कि सदन को तुरंत इस प्रस्ताव पर विचार करना चाहिए। उन्होंने सरकार द्वारा अपने विधायी एजेंडे को आगे बढ़ाने का विरोध किया।

अविश्वास प्रस्ताव पर तुरंत विचार करना अनिवार्य नहीं

सरकार ने जोर देकर कहा है कि ऐसे कोई नियम या पूर्वता नहीं हैं, जो सदन के लिए अविश्वास प्रस्ताव पर तुरंत विचार करना अनिवार्य बनाते हों। सरकार ने तर्क दिया है कि नियम कहता है कि प्रस्ताव स्वीकार होने के 10 कार्य दिवसों के भीतर चर्चा के लिए लिया जाना चाहिए। 

कांग्रेस ने क्या कहा?

लोकसभा में कांग्रेस के सचेतक मनिकम टैगोर ने कहा कि 'INDIA' गठबंधन के विपक्षी दलों द्वारा सदन में प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति और मणिपुर मुद्दे पर बयान देने की मांग के बाद लोकसभा स्थगित कर दी गई। उन्होंने कहा

लोकसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक दोपहर में हुई, जिसमें 'इंडिया' गठबंधन के घटक दलों ने अविलंब अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग की। हम चाहते थे कि अविश्वास प्रस्ताव पर कल ही चर्चा हो।

16वीं लोकसभा में जब टीडीपी ने अविश्वास प्रस्ताव लाया था तो उसे अगले दिन सूचीबद्ध किया गया था। इसलिए देरी उचित नहीं है। इसके विरोध में 'इंडिया' गठबंधन के सहयोगी लोकसभा अध्यक्ष की कार्य सलाहकार समिति से बाहर चले गए।

टी आर बालू ने क्या कहा?

द्रमुक नेता टी आर बालू ने कहा कि वे व्यापार सलाहकार समिति की बैठक से बाहर चले गए, क्योंकि सरकार चाहती थी कि वे आठ अगस्त को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू करने के उसके फैसले का समर्थन करें।

26 जुलाई को स्वीकार किया गया था अविश्वास प्रस्ताव

विपक्षी नेता लोकसभा की प्राथमिकता और नियमों का हवाला देते रहे हैं कि अन्य सभी सरकारी कामकाज को अलग रखने के बाद अविश्वास प्रस्ताव को पहले उठाया जाना चाहिए। यह प्रस्ताव कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने पेश किया और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 26 जुलाई को इसे स्वीकार कर लिया।