मध्य प्रदेश सीएम शिवराज सिंह ने कहा- कोरोना का खतरा खत्म होते ही 'गिरिराज परिक्रमा' के लिए जाऊंगा
सीएम ने प्रदेश में कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए सभी धर्मगुरुओं के साथ बैठक करके उनसे आग्रह किया गया है कि प्रदेश में आगामी त्यौहार घर पर ही रहकर मनाए जाएं।
By Nitin AroraEdited By: Updated: Sun, 05 Apr 2020 03:49 PM (IST)
भोपाल, पीटीआइ। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को कहा कि एक बार कोरोना वायरस का खतरा खत्म हो जाए तो मैं उत्तर प्रदेश के मथुरा में पवित्र गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करने जाऊंगा। गोवर्धन की परिक्रमा को 'गिरिराज जी की परिक्रमा' के नाम से भी जाना जाता है। चौहान ने जनता से अपील की है कि कोविड-19 महामारी के दौरान लोग मृत्युभोज एवं विवाह सहित आदि का आयोजन न करें। चौहान ने शनिवार रात को दूरदर्शन के माध्यम से प्रदेश की जनता को संबोधित करते हुए यह बात कही।
चौहान ने कहा, 'मैं कोरोना वायरस संकट की समाप्ति के बाद गिरिराज जी (यूपी के मथुरा में एक पवित्र पर्वत) की परिक्रमा के लिए जाऊंगा।' उन्होंने कहा कि मुरैना में संक्रमण फैलने का कारण दुबई से आए एक परिवार द्वारा वहां मृत्युभोज का आयोजन किया जाना था। मैं लोगों से अनुरोध करता हूं कि इस संकट की घड़ी में लोग मृत्युभोज, विवाह आदि का आयोजन न करें।
बता दें कि मुरैना में, 12 लोग वायरस से संक्रमित हुए हैं, ट्रांसमिशन की शुरुआती 17 मार्च को दुबई से लौटी दंपत्ति से जिले में हुई। उनके द्वारा 20 मार्च को एक समारोह आयोजित किया गया था। दुबई रिटर्न और उनी पत्नी के अलावा समारोह में भाग लेने वाले दस लोगों ने बाद में सकारात्मक परीक्षण किया।
सीएम ने प्रदेश में कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए सभी धर्मगुरुओं के साथ बैठक करके उनसे आग्रह किया गया है कि प्रदेश में आगामी त्यौहार घर पर ही रहकर मनाए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर समुदाय अथवा धर्म के लोग कोरोना वायरस से निपटने के प्रयासों में सहयोग कर रहे हैं तथा पिछले त्यौहार भी उन्होंने घर पर रहकर ही मनाए हैं।
वहीं, आपको बता दें कि गोवर्धन और इसके आसपास के क्षेत्र को ब्रज भूमि भी कहते हैं। यह क्षेत्र भगवान श्री कृष्ण से जाना जाता है। यहीं पर भगवान श्री कृष्ण ने द्वापर युग में ब्रजवासियों को इंद्र के प्रकोप से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी सबसे छोटी अंगुली पर उठा लिया था। गोवर्धन पर्वत को भक्तजन गिरिराज जी भी कहते हैं।