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उद्धव ठाकरे को 2 लाख रुपये देगा नांदेड़ का शख्स, बॉम्बे हाईकोर्ट ने क्यों दिया ये आदेश?

Maharashtra News हाईकोर्ट ने नांदेड़ के एक शख्स को उद्धव ठाकरे को 2 लाख रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया है। ठाकरे के खिलाफ गलत आरोप लगाने के चलते नांदेड़ निवासी पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है और उसे महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री को डिमांड ड्राफ्ट के रूप में व्यक्तिगत रूप से यह राशि सौंपने का निर्देश दिया है।

By Agency Edited By: Mahen Khanna Updated: Sun, 01 Sep 2024 01:47 PM (IST)
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Maharashtra News नांदेड़ के व्यक्ति को हाईकोर्ट की फटकार।
पीटीआई, मुंबई। Maharashtra News महाराष्ट्र के नांदेड़ निवासी को शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे को 2 लाख रुपये देने का आदेश दिया गया है। ये आदेश बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ ने एक गलती करने पर दिया है।

क्यों दिया गया आदेश?

दरअसल, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे के खिलाफ बेकार याचिका दायर करने के लिए नांदेड़ निवासी पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है और उसे महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री को डिमांड ड्राफ्ट के रूप में व्यक्तिगत रूप से यह राशि सौंपने का निर्देश दिया है।

धार्मिक भावना आहत होने की कही थी बात

दर्शनशास्त्र में डॉक्टर होने का दावा करने वाले मोहन चव्हाण बंजारा समुदाय से हैं, उसने तर्क दिया था कि ठाकरे द्वारा एक समारोह के दौरान चव्हाण के पुजारी द्वारा उन्हें दी गई पवित्र भस्म (विभूति) नहीं लगाने से उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।

पीठ ने क्या कहा?

  • न्यायमूर्ति एस जी मेहरे की एकल पीठ ने 29 अगस्त के आदेश में कहा कि प्रथम दृष्टया कानून के बारे में कम जानकारी रखने वाला व्यक्ति भी कहेगा कि यह "कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग या सेलिब्रिटी बनने के लिए न्यायिक प्रणाली का उपयोग" के अलावा और कुछ नहीं है।
  • पीठ ने कहा कि ऐसी याचिकाएं समाज के सम्मानित सदस्यों की छवि को कम करती हैं। ज्यादातर बार, ऐसी याचिकाएं गुप्त उद्देश्य से दायर की जाती हैं।
  • कोर्ट ने कहा कि ठाकरे के खिलाफ लगाए गए आरोप मूल रूप से बिना किसी आधार के हैं।
  • पीठ ने चव्हाण को याचिका वापस लेने की अनुमति देते हुए कहा कि यह कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग करने के लिए जुर्माना लगाने का एक उपयुक्त मामला है।
हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि याचिकाकर्ता चव्हाण को पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव बालासाहेब ठाकरे के नाम पर एक डीडी (डिमांड ड्राफ्ट) खरीदना चाहिए, व्यक्तिगत रूप से उनके घर जाना चाहिए और इसे उनके हाथों या उनके द्वारा निर्देशित व्यक्ति को सौंपना चाहिए।