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Maharashtra Elections: BJP का प्लान तैयार, सीटों के बंटवारे से लेकर उम्मीदवारों के चयन तक के लिए बना ली रणनीति

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बहुमत के आंकड़े को पार करने के लिए भाजपा चुनावी रणनीति को धार में जुट गई है। सोमवार को अमित शाह और जेपी नड्डा के नेतृत्व में महाराष्ट्र कोर कमेटी की बैठक हुई। इस बैठक में भाजपा नेताओं के बीच सीटों के बंटवारे उम्मीदवारों के चयन से लेकर बूथ स्तर तक माइक्रो मैनेजमेंट की रणनीति पर चर्चा हुई।

By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Updated: Mon, 14 Oct 2024 09:03 PM (IST)
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अमित शाह, एकनाथ शिंदे और जेपी नड्डा (Photo Jagran)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। हरियाणा में मिली अप्रत्याशित जीत के बाद भाजपा महाराष्ट्र में चुनावी रणनीति को धार में जुट गई है। इस सिलसिले में केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के नेतृत्व में महाराष्ट्र से जुड़े नेताओं की कोर कमेटी की बैठक हुई।

माना जा रहा है कि बैठक में महायुति में शामिल शिवसेना (शिंदे गुट) और राकांपा (अजीत पवार) गुट के साथ सीटों के बंटवारे से लेकर बूथ स्तर पर चुनावी प्रबंधन की रणनीति पर चर्चा हुई। 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा लगभग 160 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है।

कई मुद्दों पर होनी है बातचीत

  • कोर ग्रुप की बैठक से पहले भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि महायुति के घटक दलों में सीटों के बंटवारे को लेकर ज्यादा खींचतान की स्थिति नहीं आनी चाहिए।
  • उनके अनुसार अभी जिन सीटों पर महायुति के घटक दलों के विधायक हैं, उन्हें कमोवेश ये सीटें दे दी जाएंगी। इसके बाद सिर्फ बाकी बची सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत होनी है।
  • इसके साथ ही भाजपा मुख्यमंत्री के पद को चुनाव के बाद के लिए खुला रखने के पक्ष है। इस स्थिति में मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को शायद महायुति के मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में पेश नहीं किया जाए।

उम्मीदवारों के चयन को लेकर संतुलन

महायुति का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसे चुनाव में जीत के बाद तय किया जाएगा। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार हरियाणा में मिली जीत के बाद महाराष्ट्र में पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल काफी ऊंचा है। लेकिन टिकट बंटवारे से लेकर उम्मीदवारों के चयन में काफी संतुलन की जरूरत बनेगी।

कमियों को दूर करने के लिए उचित रणनीति

लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के पांच महीने बाद होने के जा रहे चुनाव में भाजपा की स्थिति के बार में पूछे जाने पर एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी में इसका गहन विश्लेषण किया गया है। उनके अनुसार लगभग आठ लोकसभा सीटों में हार सिर्फ एक विधानसभा सीट पर पार्टी के खराब प्रदर्शन के कारण हुई है।

इन सीटों पर पांच विधानसभा सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों की काफी बढ़त थी, लेकिन एक विधानसभा सीट पर खराब प्रदर्शन के कारण सीट गंवानी पड़ गई। इस कमियों को दूर करने के लिए पार्टी उचित रणनीति तैयार कर रही है।

झारखंड-महाराष्ट्र में कब होंगे विधानसभा चुनाव?

ध्यान देने की बात है कि इसके पहले पिछले हफ्ते झारखंड विधानसभा की तैयारियों के लिए भाजपा की कोर कमेटी की बैठक हो चुकी है। माना जा रहा है कि अगले एक-दो दिनों में चुनाव आयोग इन दोनों राज्यों के लिए चुनाव की तारीखों का एलान कर देगा। इसके साथ ही भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में भी उम्मीदवारों के नाम मुहर लग सकती है।

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