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हरियाणा की हार से सबक, महाराष्ट्र में फतह के लिए कांग्रेस का BJP वाला 'फॉर्मूला'; टीम-11 का गठन

हरियाणा विधानसभा चुनाव की हार से सबक लेते हुए कांग्रेस महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रही है। कांग्रेस ने महाराष्ट्र के लिए 11 वरिष्ठ पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है। इसमें अशोक गहलोत भूपेश बघेल चरणजीत सिंह चन्नी से लेकर सचिन पायलट का नाम शामिल है। इसके अलावा झारखंड चुनाव के लिए भी केंद्रीय पर्यवेक्षक की नियुक्ति की गई है।

By Jagran News Edited By: Manish Negi Updated: Tue, 15 Oct 2024 10:00 PM (IST)
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झारखंड और महाराष्ट्र में कांग्रेस पर्यवेक्षकों की तैनाती

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चुनावी चुनौतियां राजनीतिक पार्टियों को अक्सर कुछ नए प्रयोग के लिए प्रेरित ही नहीं बाध्य भी करती हैं। कांग्रेस का महाराष्ट्र चुनाव के लिए करीब दर्जन भर वरिष्ठ केंद्रीय पर्यवेक्षकों की नियुक्ति इसका ताजा उदाहरण है। महाराष्ट्र को चुनावी दृष्टि से पांच क्षेत्रों में बांटकर पार्टी ने इन पर्यवेक्षकों को सियासी रणनीति को जमीन पर सौंपने की कमान सौंपी है।

बीजेपी जैसी रणनीति अपनाने का फैसला

राजस्थान के पूर्व सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत, भूपेश बघेल, चरणजीत सिंह चन्नी से लेकर सचिन पायलट और कर्नाटक के वरिष्ठ मंत्रियों एमबी पाटिल तथा डा जी परेमश्वर जैसे दिग्गजों को कांग्रेस ने महाराष्ट्र में जमीनी स्तर पर चुनावी रणनीति के संचालन के लिए उतारने का फैसला किया है। यह रणनीति भाजपा कई चुनावों से लगातार अपना रही है।

हरियाणा की हार से लिया सबक

कांग्रेस हाईकमान के इस फैसले से साफ है कि हरियाणा के चुनाव में हैरान करने वाली हार के बाद पार्टी चुनावी रणनीति का पूरा दारोमदार सूबे के नेताओं पर छोड़ने का जोखिम पार्टी नहीं लेना चाहती। पहले दो या अधिकतम तीन की परिपाटी से अलग पार्टी ने इस बार 11 वरिष्ठ पर्यवेक्षकों की नियुक्ति अकेले महाराष्ट्र के लिए की है। इन 11 वरिष्ठ पर्यवेक्षकों की फौज के अलावा कांग्रेस के शीर्ष संगठन में महासचिव पद की जिम्मेदारी संभाल रहे महाराष्ट्र के दो वरिष्ठ नेताओं मुकुल वासनिक और अविनाश पांडे को प्रदेश चुनाव का वरिष्ठ समन्वयक बनाया गया है।

झारखंड में भी तैयारी में जुटी कांग्रेस

झारखंड में भी कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेताओं को चुनाव के दौरान तैनात कर सूबे के नेताओं को साफ संदेश देने की कोशिश कि है कि जमीनी हकीकत से परे उनके दावों को स्वीकार नहीं किया जाएगा। पार्टी हाईकमान चुनावी रणनीति को अपने स्तर पर डांवाडोल नहीं होने देगा।

इसके मद्देनजर ही वरिष्ठ नेता तारिक अनवर और पिछली लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता रहे अधीर रंजन चौधरी के साथ तेलंगाना के वरिष्ठ मंत्री भट्टी विक्रामार्का मल्लू को झारखंड का वरिष्ठ केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। झारखंड और महाराष्ट्र के चुनावों के एलान के तत्काल बाद कांग्रेस अध्यक्ष की ओर से इन चुनावी नियुक्तियों की घोषणा की गई।

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