Eknath Shinde News: जानें कौन हैं एकनाथ शिंदे जिन्होंने महाराष्ट्र के राजनीतिक जगत में मचाई उथल-पुथल
Eknath Shinde News 1980 के दशक में शिवसेना में शामिल हुए एकनाथ को किसान नगर का शाखा प्रमुख नियुक्त किया गया और तभी से वे पार्टी द्वारा सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों को लेकर कई आंदोलनों में सबसे आगे रहे।
By Monika MinalEdited By: Updated: Tue, 21 Jun 2022 01:04 PM (IST)
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र की राजनीति में इस वक्त उथल पुथल मची हुई है। इसमें शिवसेना और उद्धव ठाकरे सरकार के लिए मुश्किलें बढ़ती जा रही है जिसे बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं एकनाथ शिंदे। 'मातो श्री' यानि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के करीबी माने जाने वाले एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) 1980 के दशक में शिवसेना में शामिल हुए थे। अब उनके ही कारण महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ सरकार मुसीबत में है। एकनाथ शिंदे ने ऐन वक्त पर उद्धव ठाकरे को झटका दे दिया है। कल रात से ही उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है। वे 17 विधायकों के साथ गुजरात में हैं।
विधान परिषद चुनाव के नतीजों के बाद से ही आ रहीं शिवसेना में दरार की खबरेंवैसे तो शिवसेना में दरार की खबरें महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही आ रही हैं। दरअसल भाजपा ने विधान परिषद चुनाव में सत्तारूढ़ शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन को जोरदार झटका देते हुए 5वीं सीट पर जीत दर्ज कर ली थी। बता दें कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र की राजनीति में जारी उठापटक को देखते हुए आज 12 बजे विधायकों की आपात बैठक बुलाई है। बताया जा रहा कि एकनाथ शिंदे के साथ संपर्क नहीं हो पाने के कारण यह बैठक बुलाई गई है।
महाराष्ट्र के मौजूदा नगरविकास मंत्री हैं एकनाथ शिंदे9 फरवरी 1964 को जन्मे एकनाथ वर्तमान में महाराष्ट्र के नगरविकास मंत्री हैं। शिवसेना में शुरुआत से ही शामिल एकनाथ शिंदे वर्तमान में ठाणे की पछपाखडी विधानसभा सीट से विधायक हैं। महाराष्ट्र विधान सभा में लगातार चार बार साल 2004, 2009, 2014 और 2019 में एकनाथ शिंदे निर्वाचित हुए हैं।
विधान परिषद चुनाव में भाजपा के सभी उम्मीदवारों की हुई जीतमहाराष्ट्र की दस सीटों पर विधान परिषद चुनाव में भाजपा के सभी उम्मीदवारों ने जीत हासिल की। वहीं एनसीपी और शिवसेना के दो-दो उम्मीदवारों को जीत मिली। कांग्रेस को एक सीट पर जीत मिली। शिवसेना से सचिन अहीर और अमाश्या पाडवी जीते। वहीं एनसीपी के एकनाथ खडसे और रामराजे निंबालकर ने जीत हासिल की। उधर भाजपा के प्रवीण दरेकर, राम शिंदे, श्रीकांत भारतीय और उमा खपरे ने विधान परिषद का चुनाव जीता है। वहीं बीजेपी नेता प्रसाद लाड को कांग्रेस के भाई जगताप से हार का सामना करना पड़ा है।
1980 के दशक में शिवसेना में हुए शामिल1970-80 के दशक में एकनाथ शिंदे शिवसेना सुप्रीमो बालासाहेब ठाकरे के प्रभाव से अछूते नहीं थे। 1980 के दशक में शिवसेना में शामिल हुए एकनाथ को किसान नगर का शाखा प्रमुख नियुक्त किया गया और तभी से वे पार्टी द्वारा सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों को लेकर कई आंदोलनों में सबसे आगे रहे।2004 में पहली बार पहुंचे विधानसभा
साल 1997 में एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) को शिवसेना ने ठाणे नगर निगम चुनाव में पार्षद का टिकट दिया और उन्होंने भारी बहुमत से जीत हासिल की. 2001 में वह ठाणे नगर निगम में सदन के नेता के रूप में चुने गए और 2004 तक इस पद पर बने रहे. साल 2004 में एकनाथ शिंदे को बालासाहेब ठाकरे ने ठाणे विधानसभा चुनाव लड़ने का मौका दिया और उन्होंने भारी बहुमत से जीत हासिल की।2014 में चुने गए विधायक दल के नेता
साल 2005 में शिवसेना ठाणे जिला प्रमुख के प्रतिष्ठित पद पर एकनाथ शिंदे को नियुक्त किया गया था। इसके बाद उन्होंने साल 2009, 2014 और 2019 के विधानसभा चुनावों में जीत हासिल किए। साल 2014 के चुनावों के बाद एकनाथ शिंदे को शिवसेना के विधायक दल के नेता और बाद में महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में चुना गया। इसके बाद राज्य सरकार में शामिल होने के बाद शिवसेना ने एकनाथ शिंदे को लोक निर्माण विभाग (सार्वजनिक उपक्रम) मंत्री के रूप में शपथ ली। इसके बाद उन्होंने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की अतिरिक्त जिम्मेदारी संभाली।
सतारा जिले के पहाड़ी जवाली तालुका से आने वाले एकनाथ शिंदे ने ठाणे शहर में आने के बाद 11वीं कक्षा तक मंगला हाई स्कूल और जूनियर कालेज, ठाणे से पढ़ाई की। इसमें गौर करने वाली बात है कि लोकसभा चुनाव हो या निकाय चुनाव में हमेशा शिंदे के उम्मीदवार की ही जीत हुई है। शिवसेना के ही टिकट पर एकनाथ के बेटे श्रीकांत शिंदे भी कल्याण सीट से सांसद हैं। अक्टूबर 2014 से दिसंबर 2014 तक महाराष्ट्र विधानसभा में वे विपक्ष के नेता रहे। 2014 में ही महाराष्ट्र राज्य सरकार में PWD के कैबिनेट मंत्री के रूप में नियुक्त हुए। 2019 में कैबिनेट मंत्री सार्वजनिक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री (महाराष्ट्र सरकार) का पद मिला।