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Maharashtra Politics: शरद पवार की दो मांगों पर चुनाव आयोग का आ गया फैसला, एक खारिज तो एक हुई स्वीकार

Maharashtra Assembly Election Date महाराष्ट्र में चुनाव की घोषणा हो गई है। इलेक्शन कमीशन ने एलान किया कि 20 नवंबर को महाराष्ट्र में चुनाव होंगे। इसी के साथ आयोग ने एनसीपी (शरद पवार) की दो मांगों पर भी अपने फैसले के बारे में बताया। सीईसी राजीव कुमार ने शरद पवार की चुनाव चिह्न को लेकर दो मांगों पर अपना निर्णय सुनाया है।

By Agency Edited By: Mahen Khanna Updated: Wed, 16 Oct 2024 08:34 AM (IST)
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Maharashtra Assembly Election Date चुनाव आयोग ने शरद पवार की एक मांग मानी।

एजेंसी, नई दिल्ली। Maharashtra Assembly Election Date महाराष्ट्र में चुनावी बिगुल बज चुका है। इलेक्शन कमीशन ने बीते दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एलान किया कि महाराष्ट्र में 20 नवंबर को एक ही चरण में विधानसभा चुनाव होंगे। इसी के साथ आयोग ने एनसीपी (शरद पवार) की दो मांगों पर भी अपने फैसले के बारे में बताया।

एक मांग मानी एक की खारिज

चुनाव आयोग ने बताया कि उसने शरद पवार के उस अनुरोध को स्वीकार कर लिया है जिसमें उसने ईवीएम की बैलेट यूनिट पर अपने चुनाव चिह्न 'तुरहा' को प्रमुखता से प्रदर्शित करने की मांग की थी। हालांकि, आयोग ने तुरही के चिह्न को फ्रीज करने की मांग को खारिज कर दिया। 

क्या बोले राजीव कुमार?

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि एनसीपी-एसपी ने चुनाव प्राधिकरण को बताया है कि उनका चुनाव चिह्न - 'तुरहा' को ईवीएम की बैलेट यूनिट पर प्रमुखता से प्रदर्शित नहीं किया गया है। कुमार ने कहा, "हमने उनसे यह स्पष्ट करने के लिए कहा था कि वे अपने चुनाव चिह्न को बैलेट यूनिट पर किस तरह प्रदर्शित करना चाहते हैं। एनसीपी-एसपी ने हमें चुनाव चिह्न के बारे में तीन विकल्प दिए थे और हमने उनके द्वारा दिए गए पहले सुझाव को स्वीकार कर लिया।

तुरही चिह्न के कारण लोकसभा में हुआ नुकसानः शरद

हालांकि, सीईसी ने यह स्पष्ट किया कि आयोग चुनाव चिह्नों के आवंटन की मौजूदा प्रणाली में कोई बदलाव नहीं करना चाहता है। साथ ही, उसने तुरही के चिह्न को ईवीएम की सूची से हटाने की मांग को खारिज कर दिया। सीईसी ने जोर देकर कहा कि तुरही का चिह्न 'तुरहा' के चिह्न से अलग है। 

शरद पवार की अगुआई वाली पार्टी ने तर्क दिया था कि तुरही का चुनाव चिह्न 'तुरहा बजाता हुआ आदमी' जैसा है, जिससे लोकसभा चुनाव के दौरान मतदाता भ्रमित हो गए थे।

शरद पवार की पार्टी ने दिया था ये तर्क

एनसीपी (शरद पवार) ने तर्क दिया था कि सतारा निर्वाचन क्षेत्र में जिस निर्दलीय उम्मीदवार को तुरही का चुनाव चिह्न आवंटित किया गया था, उसे भाजपा उम्मीदवार उदयनराजे भोंसले की जीत के अंतर से ज्यादा वोट मिले थे।

भोंसले ने एनसीपी-एसपी उम्मीदवार शशिकांत शिंदे को 32,771 वोटों के अंतर से हराया था। तुरही के चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ने वाले निर्दलीय उम्मीदवार संजय गाडे को 37,062 वोट मिले थे।

Maharashtra में कब है चुनाव?

बता दें कि कल ही चुनाव आयोग ने घोषणा की है कि महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर को चुनाव होंगे और परिणाम 23 नवंबर को आएंगे।

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