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Maharashtra: 'शरद पवार का साथ कभी नहीं छोड़ता', अजित गुट के विधायक ने खोला पार्टी बदलने का राज; बताई क्या थी मजबूरी

Maharashtra politics अजित पवार गुट के नेताओं के शरद पवार से मिलने के बाद कई अटकलें भी लगने लगीं थी। इस बीच एनसीपी विधायक राजेंद्र शिंगने ने आज दावा किया कि वो शरद पवार को छोड़ना नहीं चाहते थे लेकिन एक मजबूरी के चलने वो अजित गुट में गए। साल पार्टी में विभाजन के बाद महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार का साथ देना पड़ा।

By Agency Edited By: Mahen Khanna Updated: Sun, 18 Aug 2024 05:28 PM (IST)
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Maharashtra politics महाराष्ट्र में राजनीतिक बयानबाजी तेज।
पीटीआई, नागपुर। Maharashtra politics महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहली ही वहां राजनीति चरम पर पहुंच गई है। अजित पवार गुट के नेताओं के शरद पवार से मिलने के बाद कई अटकलें भी लगने लगीं थी। इस बीच एनसीपी विधायक राजेंद्र शिंगने ने आज दावा किया कि वो शरद पवार को छोड़ना नहीं चाहते थे, लेकिन एक मजबूरी के चलने वो अजित गुट में गए।

इस कारण अजित पवार का दिया साथ

एनसीपी विधायक ने दावा किया है कि जिस सहकारी बैंक से वे जुड़े थे, उसमें दिक्कतें आने के कारण उन्हें पिछले साल पार्टी में विभाजन के बाद महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार का साथ देना पड़ा। अजित पवार और कई अन्य विधायक पिछले साल राज्य में शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल हो गए थे, जिसके कारण शरद पवार द्वारा स्थापित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में विभाजन हो गया था।

हमेशा शरद पवार का सम्मान किया

शिंगने ने शनिवार को वर्धा में एक कार्यक्रम में एनसीपी (सपा) प्रमुख शरद पवार के साथ मंच साझा किया। कार्यक्रम के दौरान मीडियाकर्मियों से बात करते हुए बुलढाणा जिले के सिंदखेड राजा का प्रतिनिधित्व करने वाले विधायक ने कहा कि उन्होंने हमेशा शरद पवार का सम्मान किया है।

शरद पवार के हमेशा ऋणी रहेंगे 

शिंगने ने कहा कि उन्होंने करीब 30 साल तक शरद पवार के नेतृत्व में काम किया है और उन्होंने उनके राजनीतिक जीवन में बहुत बड़ा योगदान दिया है और वे हमेशा उनके ऋणी रहेंगे।