Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

घंटाघर बनाने के लिए उखाड़ दी महात्मा गांधी की प्रतिमा, असम में मचा सियासी हंगामा; CM हिमंत ने दी सफाई

असम के तिनसुकिया जिले में महात्मा गांधी की प्रतिमा हटाए जाने को लेकर राजनीति विवाद चल रहा है। 5.5 फीट की प्रतिमा को बुधवार को क्रेन की मदद से हटा दिया गया।इस घटना के दो दिनों बाद असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने प्रतिक्रिया दी। सरमा ने एक्स पर लिखामुझे जिला प्रशासन द्वारा लिए गए इस निर्णय की जानकारी नहीं है।

By Piyush Kumar Edited By: Piyush Kumar Updated: Fri, 12 Jul 2024 03:22 PM (IST)
Hero Image
असम के तिनसुकिया जिले में महात्मा गांधी के प्रतिमा हटाए जाने पर विवाद खड़ा हो गया।(फोटो सोर्स: सोशल मीडिया)

पीटीआई, गुवाहाटी। असम के तिनसुकिया जिले में महात्मा गांधी की प्रतिमा को लेकर हंगामा मचा हुआ है। डूमडूमा कस्बे में घंटाघर का निर्माण करने के लिए महात्म गांधी की प्रतिमा हटा दिया गया। इस घटना पर कई लोगों ने आपत्ति जाहिर की है। जानकारी के मुताबिक, 5.5 फीट की प्रतिमा को बुधवार को क्रेन की मदद से हटा दिया गया।

कांग्रेस नेता ने प्रतिमा हटाए जाने की निंदा की

इस मामले पर राजीनितिक टिप्पणियां भी सामने आ रही है। कांग्रेस के पूर्व विधायक दुर्गा भूमिज ने इस घटना को लेकर असम सरकार पर निशाना साधा। हम राष्ट्रपिता की प्रतिमा के स्थान पर घंटाघर नहीं बनने देंगे। वे घंटाघर कहीं और बना सकते हैं, लेकिन गांधी की प्रतिमा अपने मूल स्थान पर ही रहनी चाहिए। यह उनका अपमान है। लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है।'

सीएम सरमा ने दी प्रतिक्रिया

इस घटना के दो दिनों बाद असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने प्रतिक्रिया दी। सरमा ने एक्स पर लिखा,"मुझे जिला प्रशासन द्वारा लिए गए इस निर्णय की जानकारी नहीं है। मुझे तथ्यों को सत्यापित करने दीजिए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि असम महात्मा गांधी का बहुत आभारी है।"

सीएम सरमा ने आगे लिखा,"जब नेहरू के नेतृत्व वाली कांग्रेस पार्टी असम को ग्रुपिंग प्लान के तहत पाकिस्तान में शामिल करना चाहती थी, तब वह भारत रत्न गोपीनाथ बोरदोलोई के साथ मजबूती से खड़े थे।"

जल्द ही दोबारा स्थापित की जाएगी प्रतिमा: बीजेपी

गुरुवार को डूमडोमा विधायक रूपेश गोवाला ने उन्हें आश्वासन दिया कि उसी स्थान पर राष्ट्रपिता की एक नई और ऊंची प्रतिमा लगाई जाएगी। भाजपा विधायक ने दावा किया कि प्रतिमा कुछ हद तक जीर्ण-शीर्ण स्थिति में है और स्थल के सौंदर्यीकरण के साथ-साथ छह महीने के भीतर नई प्रतिमा स्थापित की जाएगी।