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Mahua Moitra: क्या महुआ मोइत्रा की फिर जाएगी सांसदी? दिल्ली पुलिस के केस में दोषी पाए जाने पर हो सकती है इतने साल की सजा

Mahua Moitra Case टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा अब नई मुसीबत में फंस गई हैं। महुआ पर NCW प्रमुख रेखा शर्मा के खिलाफ अभद्र टिप्पणी को लेकर केस दर्ज हुआ है। एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने दिल्ली पुलिस के समक्ष महुआ के खिलाफ शिकायत की थी। महुआ पर केस दर्ज होने के बाद अब उनपर फिर से सांसदी जाने का खतरा है।

By Jagran News Edited By: Mahen Khanna Updated: Mon, 08 Jul 2024 03:09 PM (IST)
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Mahua Moitra Case महुआ पर एक और मुसीबत।
जागरण डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra Case) अब एक नई मुसीबत में फंस गई हैं। महुआ पर राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की प्रमुख रेखा शर्मा के खिलाफ अभद्र टिप्पणी को लेकर केस दर्ज हुआ है। 

एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने दिल्ली पुलिस के समक्ष महुआ के खिलाफ शिकायत की थी। जिसपर अब केस दर्ज कर लिया गया है। महुआ पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत मामला दर्ज किया गया है। 

क्या है मामला?

दरअसल, यूपी के हाथरस में सत्संग में भगदड़ के बाद 120 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। हादसे में मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं थी। महिलाओं की इतनी बड़ी संख्या में मौत की खबर के बाद NCW चीफ ने हाथरस का दौरा किया था। 

क्यों दर्ज हुआ केस?

रेखा शर्मा जब वहां पहुंची तो उनके पीछे एक व्यक्ति छाता लेकर जाता दिखा। वीडियो सामने आने पर इसपर महुआ ने आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिसपर बवाल मच गया। हालांकि, इसके बाद टीएमसी सांसद ने उसे हटा दिया।

वीडियो पर किसी ने कमेंट किया कि रेखा ने खुद छाता क्यों नहीं पकड़ा, इसपर महुआ ने कहा कि वो अपने बॉस का पैजामा पकड़ने में बिजी हैं। महुआ के इस बयान पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने आपत्ति जताई और दिल्ली पुलिस में शिकायत की।

FIR में BNS की कौन सी धारा?

एनसीडब्ल्यू ने अपनी शिकायत में कहा कि महुआ की टिप्पणी न सिर्फ आपत्तिजनक थी, बल्कि महिलाओं की गरिमा पर वार था। महिला आयोग ने इसपर बीएनएस की धारा 79 के तहत मामला दर्ज करने की मांग की। इसके बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने धारा 79 के तहत मामला दर्ज कर लिया। 

क्या चली जाएगी महुआ की सांसदी?

BNS की धारा 79 के अनुसार, अगर कोई भी इंसान किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाता है, उसके खिलाफ गलती टिप्पणी या इशारा करने का दोषी पाया जाता है, तो उसे जेल हो सकती है जिसे तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है। 

अब अगर महुआ दोषी पाई गईं और उन्हें दो साल की सजा हुई तो 1951 के जनप्रतिनिधि कानून के तहत उनकी संसद सदस्यता जा सकती है। दरअसल, कानूनन अगर किसी सांसद को किसी भी मामले में दो साल की सजा होती है, तो उसकी सांसदी रद्द कर दी जाती है।