Sadhvi Pragya: मालेगांव ब्लास्ट मामले में साध्वी प्रज्ञा का कांग्रेस पर हमला, बोलीं- इनके झूठ के चक्कर में...
Malegaon Blasts Case मालेगांव ब्लास्ट मामले पर आज सुनवाई होनी थी लेकिन विशेष एनआईए अदालत ने 3 अक्टूबर तक के लिए इसे स्थगित कर दिया है। साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने इसको लेकर कांग्रेस पर हमला बोला है। प्रज्ञा ने कहा कि कांग्रेस ने झूठे मामले में फंसाने का काम किया और इसके चलते मुझे कांग्रेस सरकार और तत्कालीन एटीएस की प्रताड़ना का खामियाजा भुगतना पड़ा।
By AgencyEdited By: Mahen KhannaUpdated: Mon, 25 Sep 2023 04:07 PM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसी। Malegaon Blasts Case मालेगांव ब्लास्ट मामले पर भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कांग्रेस पर हमला बोला है। प्रज्ञा ने कहा कि कांग्रेस के झूठ के चलते मुझे परेशानियां झेलनी पड़ी। भाजपा नेता ने तत्कालीन एटीएस पर भी हमला बोला।
बता दें कि आज मामले की सुनवाई होनी थी, जिसे विशेष एनआईए अदालत ने 3 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी गई है। इसी मामले में पेशी के लिए प्रज्ञा ठाकुर पहुंची थी, जहां उन्होंने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला।
ATS की प्रताड़ना का खामियाजा भुगतना पड़ा
साधवी प्रज्ञा ने कहा कि कांग्रेस ने मुझे झूठे मामले में फंसाने का काम किया। इसके चलते मुझे कांग्रेस सरकार और तत्कालीन एटीएस की प्रताड़ना का खामियाजा भुगतना पड़ा।On the Malegaon 2008 blasts case, BJP MP Sadhvi Pragya Singh says, "I suffered due to harassment by Congress government and ATS...A completely false case was made." pic.twitter.com/lZq3B9XD2K
— ANI (@ANI) September 25, 2023
ठाकुर ने आज दो घंटे रुकने के बाद अदालत को सूचित किया कि वह स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं और इसलिए वो सुबह जल्दी नहीं उठ सकती हैं। इसके बाद अदालत ने आरोपियों के बयान दर्ज करने के लिए मामले को 3 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया।
अभियोजन पक्ष ने 14 सितंबर को अदालत को सूचित किया था कि मामले में साक्ष्य दर्ज करने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और अभियोजन पक्ष के किसी भी गवाह से पूछताछ की जरूरत नहीं है। एक बार साक्ष्य की रिकॉर्डिंग पूरी हो जाने के बाद, अदालत आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 313 के तहत आरोपी के बयान दर्ज करती है।
केवल छह आरोपी हुए पेश
आज केस की सुनवाई में केवल छह आरोपी प्रज्ञा ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, मेजर (सेवानिवृत्त) रमेश उपाध्याय, अजय रहीरकर, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी ही अदालत में पेश हुए। सुधाकर द्विवेदी उपस्थित नहीं हो सके और उनके वकील ने अदालत में उपस्थित होने में असमर्थता का कारण धार्मिक अनुष्ठानों का हवाला दिया और उपस्थिति से छूट मांगी।
हालांकि, अदालत ने याचिका खारिज कर दी और द्विवेदी के खिलाफ 5,000 रुपये का जमानती वारंट जारी किया।