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खड़गे जीते तो कांग्रेस में सभी स्तरों पर 50 साल से कम उम्र के लोगों को मिलेंगे आधे पद

खड़गे ने कहा कि यह चुनाव मैं नहीं हम का है। पूरे राजनीतिक जीवन में उन्होंने इसी अवधारणा में विश्वास किया है और इसी विश्वास के आधार पर वे देश और कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में सेवा का अवसर दिए जाने की उम्मीद कर रहे हैं।

By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraUpdated: Wed, 12 Oct 2022 11:03 PM (IST)
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खड़गे ने उदयपुर संकल्प समेत सात मुख्य चुनावी वादों की घोषणा की।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी प्रतिनिधियों का समर्थन हासिल करने के लिए उदयपुर संकल्प की कई अहम घोषणाओं को लागू कर कांग्रेस में बदलाव लाने का वादा किया है। इस क्रम में कांग्रेस को युवाओं की पार्टी बनाने के लिए उन्होंने संगठन के सभी स्तरों पर 50 फीसद पद 50 वर्ष से कम उम्र के लोगों को देने की प्रतिबद्धता जताई है। साथ ही पार्टी में कुछ ही लोगों के लगातार पद पर काबिज रहने की परंपरा खत्म करने का भी वादा किया है और इसके तहत एक व्यक्ति को एक पद पर पांच साल से अधिक रहने का मौका नहीं दिया जाएगा। खड़गे ने संगठन के शीर्ष नेतृत्व और कार्यकर्ताओं के बीच सीधे संवाद की प्रक्रिया को भी शुरू करने की बात कही है।

मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रदेश कांग्रेस प्रतिनिधियों को जारी किया पत्र

कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में खड़गे के मुकाबले उतरे शशि थरूर ने अपना चुनाव अभियान शुरू करते ही अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया था ओर वे इसी पर फोकस रखते हुए धुआंधार तरीके से अपना चुनाव प्रचार कर रहे हैं। मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी अपने अभियान को गति देने के लिए बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव में वोट डालने वाले प्रदेश कांग्रेस प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए दो पन्नों का एक पत्र जारी किया। इसमें अपनी राजनीतिक यात्रा, चुनाव से लेकर कांग्रेस की चुनौतियों से जुड़ी बातों का उल्लेख करते हुए खड़गे ने मुख्य रूप से सात चुनावी वादे किए हैं।

इसमें संगठन में 50 अंडर 50 का फार्मूला लागू करने के साथ ही एक पद पर पांच साल से अधिक नहीं रहने का वादा पहले नंबर पर है। सभी स्तरों पर पार्टी की मशीनरी को मजबूत करना और संगठन में लंबित नियुक्तियों को तुरंत भरना दूसरी प्राथमिकता होगी। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व और पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच संवादहीनता की शिकायतों को खत्म करने की अहमियत खड़गे के पहले तीन वादों का हिस्सा है।

उन्होंने कहा कि अध्यक्ष चुने जाने पर वे सभी स्तरों पर कार्यकर्ताओं से संवाद शुरू करेंगे। महत्वपूर्ण नियुक्तियों में भी कार्यकर्ताओं की भूमिका होगी और समर्पित कार्यकर्ता को महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति में वरीयता दी जाएगी।

किसानों, असंगठित श्रमिकों, युवाओं, महिलाओं, एससी-एसटी, पिछड़े, अल्पसंख्यक, छोटे व्यवसायी आदि से संबंधित राजनीतिक, आर्थिक, और सामाजिक मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए प्रदेश व जिला इकाइयां साल में दो बार सत्र बुलाने का कैलेंडर तैयार करेंगी। खड़गे ने अपने पांचवें वादे में चुनावी राज्यों में संगठन को मजबूत करने को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की घोषणा की है ताकि कांग्रेस की जीत सुनिश्चित की जा सके।

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पार्टी के सभी अग्रिम संगठनों में बदलाव और समय-समय पर पार्टी के सभी प्रतिनिधियों तथा कार्यकर्ताओं के लिए राजनीतिक, सामाजिक व आर्थिक विषयों पर प्रशिक्षण का आयोजन कराया जाएगा। इसमें उनकी भागीदारी ही उनके आगे के पदों पर पहुंचने के मानदंड का हिस्सा होगा।

खड़गे ने इन वादों के साथ भाजपा-आरएसएस के लोकतंत्र, संघवाद पर प्रहार करने की बात उठाते हुए कहा कि यह चुनाव मैं नहीं हम का है। पूरे राजनीतिक जीवन में उन्होंने इसी अवधारणा में विश्वास किया है और इसी विश्वास के आधार पर वे देश और कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में सेवा का अवसर दिए जाने की उम्मीद कर रहे हैं।

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