कांग्रेस के संगठनात्मक सुधारों को आगे बढाएंगे मल्लिकार्जुन खरगे, राज्य इकाइयों के ढांचे में भी होगा बदलाव
संकेत हैं कि गुजरात विधानसभा चुनाव के तत्काल बाद प्रदेश कांग्रेस इकाइयों के ढांचे में सुधारों से जुड़े बदलावों पर अमल शुरू हो जाएगा। राज्यों में पार्टी के राजनीतिक मामलों की समिति के गठन के नए प्रयोग को इस क्रम में सबसे पहले मूर्त रूप दिया जाएगा।
By Sanjay MishraEdited By: Arun kumar SinghUpdated: Fri, 11 Nov 2022 07:57 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस के नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पार्टी को राजनीतिक चुनौतियों के सबसे कठिन दौर से उबारने के लिए संगठनात्मक सुधारों को लागू करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे। इस पहल के तहत राज्य कांग्रेस इकाइयों के कमजोर संगठनात्मक तंत्र को दुरूस्त करने को प्राथमिकता देंगे, ताकि प्रदेश इकाइयां चुनावों में जुझारू लड़ाई के लिए तैयार हो सकें। संकेत हैं कि गुजरात विधानसभा चुनाव के तत्काल बाद प्रदेश कांग्रेस इकाइयों के ढांचे में सुधारों से जुड़े बदलावों पर अमल शुरू हो जाएगा। राज्यों में पार्टी के राजनीतिक मामलों की समिति के गठन के नए प्रयोग को इस क्रम में सबसे पहले मूर्त रूप दिया जाएगा।
कांग्रेस को मुश्किलों से उबारने के लिए तेज कदम उठाने की जरूरत
राज्यों से लेकर केंद्र तक कांग्रेस की राजनीतिक वापसी के लिए उपर से लेकर ब्लॉक और बूथ स्तर तक के पार्टी के ढांचे में आमूल-चूल बदलाव की जरूरत है और कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभालने के दिन ही खरगे ने इस हकीकत को स्वीकार किया था। स्वाभाविक रूप से अब उन पर पार्टी को इन मुश्किलों से उबारने के लिए तेजी से कदम उठाने की जरूरत है क्योंकि 2024 के लोकसभा चुनाव में अब महज डेढ़ साल का समय रह गया है और इससे पूर्व 2023 में कर्नाटक, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ और राजस्थान जैसे कई अहम राज्यों के चुनाव होने हैं। इसीलिए कांग्रेस के प्लनेरी सत्र में अध्यक्ष चुने जाने पर मुहर लगाए जाने की औपचारिकता पूरी होने से पहले ही खरगे ने सुधारों को लागू करने की पहल कर दी।प्रदेश कांग्रेस और सूबे के अग्रिम संगठनों से मांगा जा रहा रिकार्ड
पार्टी सूत्रों के अनुसार इस क्रम में कांग्रेस अध्यक्ष ने सभी राज्यों की इकाइयों से उनके कामकाज और संचालन के तौर-तरीकों की रिपोर्ट मांगी है। साथ ही राज्य में पार्टी के अग्रिम संगठन इकाइयों युवा कांग्रेस, महिला कांग्रेस, एनएसयूआई से लेकर तमाम विभागों के कामकाज की भी समीक्षा की जा रही है। प्रदेश कांग्रेस और सूबे के अग्रिम संगठनों से अपने राजनीतिक व संगठनात्मक गतिविधियों का रोजाना का रिकार्ड भी अब से रखे जाने को कहा गया है।राज्यों में सामाजिक न्याय समिति के जल्द गठन के संकेत
संकेत हैं कि प्रदेश कांग्रेस की सियासी सक्रियता बढ़ाने और प्रमुख नेताओं को अहम नीतिगत निर्णयों का हिस्सा बनाने के लिए सभी राज्यों में राजनीतिक मामलों की समिति के गठन की प्रक्रिया जल्द ही शुरू हो जाएगी। इसी तरह कांग्रेस के कमजोर हुए सामाजिक आधार की जमीन को वापस लाने के लिए इसी तर्ज पर हर राज्य में सामाजिक न्याय से जुड़ी समिति का भी गठन किया जाएगा।