ममता बनर्जी ने मोदी सरकार पर हमले के लिए इस खास दिन को चुना, जानिए- क्या जहर उगला
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधान हटाए जाने को लेकर मोदी सरकार पर विपक्षियों का हमला जारी है। मोदी सरकार पर ताजा हमला पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने किया है।
By Tilak RajEdited By: Updated: Mon, 19 Aug 2019 10:50 AM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधान हटाए जाने को लेकर मोदी सरकार पर विपक्षियों का हमला जारी है। मोदी सरकार पर ताजा हमला पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने किया है। ममता बनर्जी का कहना है कि कश्मीर में मानवाधिकारों का पूरी तरह से उल्लंघन किया गया है। हालांकि, जम्मू-कश्मीर में धीरे-धीरे सामान्य जनजीवन रफ्तार पकड़ने लगा है।
ममता बोलीं- मानवाधिकार विषय मेरे दिल के बहुत करीब
ममता बनर्जी ने कश्मीर के हालात को लेकर ट्वीट कर कहा, 'आज विश्व मानवतावादी दिवस है। इन दिनों कश्मीर में मानवाधिकारों का पूरी तरह से उल्लंघन किया जा रहा है। आइए हम कश्मीर में मानवाधिकारों और शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करें। मानवाधिकार एक ऐसा विषय है जो मेरे दिल के बहुत करीब है। 1995 में कुछ लोगों की हिरासत में मौतों के खिलाफ मैंने 21 दिनों तक सड़क पर प्रदर्शन किया था।'
ममता बनर्जी ने कश्मीर के हालात को लेकर ट्वीट कर कहा, 'आज विश्व मानवतावादी दिवस है। इन दिनों कश्मीर में मानवाधिकारों का पूरी तरह से उल्लंघन किया जा रहा है। आइए हम कश्मीर में मानवाधिकारों और शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करें। मानवाधिकार एक ऐसा विषय है जो मेरे दिल के बहुत करीब है। 1995 में कुछ लोगों की हिरासत में मौतों के खिलाफ मैंने 21 दिनों तक सड़क पर प्रदर्शन किया था।'
जम्मू-कश्मीर में रफ्तार पकड़ने लगा सामान्य जनजीवन
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में धीरे-धीरे सामान्य जनजीवन रफ्तार पकड़ने लगा है। कश्मीर में घटती प्रशासनिक पाबंदियों के साथ ही शनिवार को 12 दिनों से बंद पड़े 23 हजार लैंडलाइन फोन बहाल हो गए। 17 टेलीफोन एक्सचेंज ने भी काम करना शुरू कर दिया। 35 पुलिस थाना क्षेत्रों में ढील दी गई है। आज से कश्मीर में प्राथमिक स्कूलों में अकादमिक गतिविधियां बहाल कर दी गई हैं। इस बीच, प्रशासन ने जम्मू संभाग के पांच जिलों जम्मू, ऊधमपुर, सांबा, कठुआ और रियासी में शुक्रवार मध्य रात्रि के बाद 2जी मोबाइल इंटरनेट सेवा भी बहाल कर दी। राज्य के हालात सामान्य रहने पर 4जी सेवा बहाल की जाएगी। इसे भी पढ़ें- जम्मू कश्मीर: घाटी में खुले स्कूल-कॉलेज, आज से होंगे कई बड़े परिवर्तन, हर पल सतर्क हैं जवान
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में धीरे-धीरे सामान्य जनजीवन रफ्तार पकड़ने लगा है। कश्मीर में घटती प्रशासनिक पाबंदियों के साथ ही शनिवार को 12 दिनों से बंद पड़े 23 हजार लैंडलाइन फोन बहाल हो गए। 17 टेलीफोन एक्सचेंज ने भी काम करना शुरू कर दिया। 35 पुलिस थाना क्षेत्रों में ढील दी गई है। आज से कश्मीर में प्राथमिक स्कूलों में अकादमिक गतिविधियां बहाल कर दी गई हैं। इस बीच, प्रशासन ने जम्मू संभाग के पांच जिलों जम्मू, ऊधमपुर, सांबा, कठुआ और रियासी में शुक्रवार मध्य रात्रि के बाद 2जी मोबाइल इंटरनेट सेवा भी बहाल कर दी। राज्य के हालात सामान्य रहने पर 4जी सेवा बहाल की जाएगी। इसे भी पढ़ें- जम्मू कश्मीर: घाटी में खुले स्कूल-कॉलेज, आज से होंगे कई बड़े परिवर्तन, हर पल सतर्क हैं जवान
आज शाम तक सभी 96 एक्सचेंज बहाल करने का प्रयास
वादी में तनाव के बावजूद कोई बड़ा हिसक प्रदर्शन न होने और कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने में जनसहयोग को देखते हुए प्रशासन ने पाबंदियों को हटाना शुरू कर दिया है। इसका असर सामान्य जनजीवन पर भी हो रहा है। विभिन्न इलाकों में दुकानें खुल रही हैं और सड़कों पर वाहनों की आवाजाही भी बढ़ रही है। आज शाम तक सभी 96 एक्सचेंज बहाल करने का होगा प्रयास। गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर से 370 हटने से कश्मीर में उपजी स्थिति के मद्देनजर प्रशासन ने वादी में निषेधाज्ञा लागू कर रखी है। सभी प्रकार की टेलीफोन, मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं भी चार अगस्त की रात से बंद थी। एहतियात के तौर पर सभी शिक्षण संस्थान बंद हैं और कई इलाकों के रास्ते भी सील किए गए हैं। इसे भी पढ़ें- Jammu Kashmir and POK : पाक का दोहरा चरित्र, भारत के सामने क्या हैं विकल्प
वादी में तनाव के बावजूद कोई बड़ा हिसक प्रदर्शन न होने और कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने में जनसहयोग को देखते हुए प्रशासन ने पाबंदियों को हटाना शुरू कर दिया है। इसका असर सामान्य जनजीवन पर भी हो रहा है। विभिन्न इलाकों में दुकानें खुल रही हैं और सड़कों पर वाहनों की आवाजाही भी बढ़ रही है। आज शाम तक सभी 96 एक्सचेंज बहाल करने का होगा प्रयास। गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर से 370 हटने से कश्मीर में उपजी स्थिति के मद्देनजर प्रशासन ने वादी में निषेधाज्ञा लागू कर रखी है। सभी प्रकार की टेलीफोन, मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं भी चार अगस्त की रात से बंद थी। एहतियात के तौर पर सभी शिक्षण संस्थान बंद हैं और कई इलाकों के रास्ते भी सील किए गए हैं। इसे भी पढ़ें- Jammu Kashmir and POK : पाक का दोहरा चरित्र, भारत के सामने क्या हैं विकल्प