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'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकारों में कटौती के लिए हुआ पहला संविधान संशोधन', PM Modi का कांग्रेस पर हमला

पीएम मोदी ने 26 नवंबर को मन की बात के 107वें संस्करण को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने संविधान दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कांग्रेस पर परोक्ष रूप से हमला किया। उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकारों में कटौती के लिए पहला संविधान संशोधन हुआ। प्रधानमंत्री ने कहा कि 44वें संशोधन के माध्यम से इमरजेंसी के दौरान की गई गलतियों को सुधारा गया।

By Achyut KumarEdited By: Achyut KumarUpdated: Sun, 26 Nov 2023 08:53 PM (IST)
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Mann Ki Baat: PM Modi ने संविधान दिवस पर कांग्रेस पर परोक्ष रूप से बोला हमला

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लोकतंत्र पर खतरा बताकर राजनीति को उफान देने के लिए प्रयासरत रहने वाली कांग्रेस को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को अवसर और उदाहरण के साथ घेर लिया। उन्होंने सीधा हमला तो नहीं बोला, लेकिन देशवासियों को 'मन की बात' सुनाते हुए कांग्रेस को शब्दों के कठघरे में जरूर खड़ा कर लिया।

पीएम मोदी ने दी संविधान दिवस की शुभकामनाएं

पीएम मोदी ने 2015 से वर्तमान भाजपा सरकार द्वारा 26 नवंबर को संविधान दिवस की परंपरा शुरू किए जाने की याद दिलाते हुए संविधान दिवस की शुभकामनाएं दीं। साथ ही याद दिलाया कि संविधान में पहला संशोधन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकारों में कटौती के लिए किया गया था, जबकि 44वां संशोधन इमरजेंसी के दौरान की गई गलतियों को सुधारने के लिए।

आज के दिन का क्यों है विशेष महत्व?

प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम में याद दिलाया कि 1949 में आज ही के दिन (26 नवंबर) संविधान सभा ने भारत के संविधान को अंगीकार किया। 60 से ज्यादा देशों के संविधान का अध्ययन और लंबी चर्चा के बाद हमारे संविधान का ड्राफ्ट तैयार हुआ था। ड्राफ्ट तैयार होने के बाद उसे अंतिम रूप देने से पहले उसमें दो हजार से अधिक संशोधन फिर किए गए थे। 1950 में संविधान लागू होने के बाद भी अब तक कुल 106 बार संविधान संशोधन किया जा चुका है। यहीं से पीएम मोदी ने बिना नाम लिए कांग्रेस को निशाने पर लिया और कहा,

समय, परिस्थिति, देश की आवश्यकता को देखते हुए अलग-अलग सरकारों ने अलग-अलग समय पर संशोधन किए, लेकिन ये भी दुर्भाग्य रहा कि संविधान का पहला संशोधन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकारों में कटौती करने के लिए हुआ था। वहीं, संविधान के 44वें संशोधन के माध्यम से इमरजेंसी के दौरान की गई गलतियों को सुधारा गया था।

'संविधान सभा में 15 महिलाओं को मनोनीत किया गया'

उल्लेखनीय है कि संविधान में पहले संशोधन के समय देश में कांग्रेस की सरकार थी, जबकि 44वां संशोधन जनता पार्टी की सरकार ने किया था। संविधान की भावना से अपनी नीति को जोड़ते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह भी बहुत प्रेरक है कि संविधान सभा के कुछ सदस्य मनोनीत किए गए थे, जिनमें से 15 महिलाएं थीं। ऐसी ही एक सदस्य हंसा मेहता ने महिलाओं के अधिकार और न्याय की आवाज बुलंद की थी। उस दौर में भारत उन कुछ देशों में था, जहां महिलाओं को संविधान से मतदान का अधिकार दिया गया।

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नारी शक्ति वंदन अधिनियम का जिक्र

प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में जब सबका साथ होता है, तभी सबका विकास भी हो पाता है। मुझे संतोष है कि संविधान निर्माताओं के उसी दूरदृष्टि का पालन करते हुए अब भारत की संसद ने 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' को पास किया है। नारी शक्ति वंदन अधिनियम हमारे लोकतंत्र की संकल्प शक्ति का उदाहरण है।

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'26 नवंबर को हम कभी नहीं भूल सकते'

चूंकि, वर्ष 2008 में 26 नवंबर को ही मुंबई में आतंकी हमला हुआ था, इसलिए पीएम मोदी ने उस घटना को भी याद किया। कहा कि 26 नवंबर हम कभी भी भूल नहीं सकते हैं। आज के ही दिन देश पर सबसे जघन्य आतंकी हमला हुआ था। आतंकियों ने मुंबई को, पूरे देश को थर्रा कर रख दिया था, लेकिन ये भारत का साम‌र्थ्य है कि हम उस हमले से उबरे और अब पूरे हौसले के साथ आतंक को कुचल भी रहे हैं।

मोदी के मन से निकली विदेशों में 'डेस्टिनेशन वेडिंग' पर पीड़ा

प्रधानमंत्री ने कहा- पिछले महीने मैंने वोकल फॉर लोकल यानी स्थानीय उत्पादों को खरीदने पर जोर दिया था। बीते कुछ दिनों के भीतर ही दिवाली, भैयादूज और छठ पर देश में चार लाख करोड़ से ज्यादा का कारोबार हुआ है। वोकल फॉर लोकल का ये अभियान पूरे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देता है। यह अभियान रोजगार की गारंटी है, विकास की गारंटी है। यह भावना केवल त्योहारों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। अभी शादियों का मौसम भी शुरू हो चुका है। कुछ व्यापार संगठनों का अनुमान है कि शादियों के इस मौसम में करीब पांच लाख करोड़ रुपये का कारोबार हो सकता है। शादियों से जुड़ी खरीदारी में भी आप सभी भारत में बने उत्पादों को ही महत्व दें।''''

इसके बाद पीएम ने मन की पीड़ा उजागर की और बोले- जब शादी की बात निकली है तो एक बात मुझे लंबे अरसे से कभी-कभी बहुत पीड़ा देती है। इन दिनों कुछ परिवारों में विदेशों में जाकर शादी करने का एक नया ही वातावरण बनता जा रहा है। ये जरूरी है क्या? भारत की मिट्टी में, भारत के लोगों के बीच अगर हम शादी-ब्याह करें तो देश का पैसा देश में रहेगा।

यह भी बोले पीएम मोदी

  • आप तय करिए कि एक महीने तक आप यूपीआइ से या किसी डिजिटल माध्यम से ही भुगतान करेंगे। जब एक महीना हो जाए तो मुझे अपने अनुभव, अपनी फोटो जरूर शेयर करिएगा।
  • 2022 में भारतीयों के पेटेंट आवेदन में 31 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। 10 वर्ष पहले के आंकड़ों से तुलना करें तो आज हमारे पेटेंट को 10 गुणा ज्यादा मंजूरी मिल रही है।

संसदीय क्षेत्र काशी के लिए संदेश

कल 27 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा का पर्व है। इसी दिन देव दीपावली भी मनाई जाती है। मेरा तो मन रहता है कि मैं काशी की देव दीपावली जरूर देखूं। इस बार मैं काशी तो नहीं जा पा रहा हूं, लेकिन मन की बात के माध्यम से बनारस के लोगों को अपनी शुभकामनाएं जरूर भेज रहा हूं। इस बार भी काशी के घाटों पर लाखों दीये जलाए जाएंगे, भव्य आरती होगी, लेजर शो होगा, लाखों की संख्या में देश-विदेश से आए लोग देव दीपावली का आनंद लेंगे।