केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, अब मदरसों में होगी कंप्यूटर और विज्ञान की पढ़ाई
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि अब मदरसों को औपचारिक और मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ा जाएगा।
By TaniskEdited By: Updated: Tue, 11 Jun 2019 10:08 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के नए नारे के साथ ही अल्पसंख्यक मंत्रालय ने सक्रियता दिखाते हुए देश के अल्पसंख्यक विद्यार्थियों के लिए अगले पांच वर्ष का खाका खींच दिया है। सरकार ने तय किया है कि देश भर के मदरसों में मुख्यधारा की शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए मदरसा शिक्षकों को विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों से प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। ताकि वे मदरसों में मुख्यधारा की शिक्षा-हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, कंप्यूटर आदि दे सकें।
सरकार के इस कार्यक्रम के अनुसार अगले पांच वर्षो में प्री-मैट्रिक, पोस्ट मैट्रिक एवं मेरिट-कम-मीन्स आदि योजनाओं के जरिए देश के पांच करोड़ अल्पसंख्यक विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति दी जाएगी। इनमें 50 प्रतिशत से ज्यादा लड़कियों को शामिल किया जाएगा। इसमें आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग की लड़कियों के लिए बेगम हजरत महल बालिका स्कालरशिप भी शामिल है। यह स्कालरशिप दस लाख से ज्यादा होंगी। यह काम अगले महीने से शुरू कर दिया जाएगा।मुख्तार अब्बास नकवी ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने देश में विकास की सेहत को सांप्रदायिकता एवं तुष्टीकरण की बीमारी से मुक्ति दिलाकर सेहतमंद समावेशी सशक्तिकरण का माहौल तैयार किया है। नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार समावेशी विकास, सर्वस्पर्शी विश्वास के संकल्प से भरपूर है।
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बताया कि अल्पसंख्यक वर्ग की स्कूल ड्रॉपआउट लड़कियों को देश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों से ब्रिज कोर्स करा कर उन्हें शिक्षा और रोजगार से जोड़ा जाएगा।सरकार ने तय किया है कि देश भर के मदरसों में मुख्यधारा की शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए मदरसा शिक्षकों को विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों से प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। ताकि वे मदरसों में मुख्यधारा की शिक्षा-हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, कंप्यूटर आदि दे सकें। यह काम अगले महीने से शुरू कर दिया जाएगा। मुख्तार अब्बास नकवी ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने देश में विकास की सेहत को सांप्रदायिकता एवं तुष्टीकरण की बीमारी से मुक्ति दिलाकर सेहतमंद समावेशी सशक्तिकरण का माहौल तैयार किया है। नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार समावेशी विकास, सर्वस्पर्शी विश्वास के संकल्प से भरपूर है।
नकवी ने आगे कहा कि जिन क्षेत्रों में शैक्षणिक संस्थाओं के लिए पर्याप्त ढांचागत सुविधायें नहीं हैं, वहां प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (पीएमजेवीके) के तहत पॉलिटेक्निक, आइटीआइ, गर्ल्स हॉस्टल, स्कूल, कालेज, गुरुकुल टाईप आवासीय विद्यालय, कॉमन सर्विस सेंटर आदि का युद्ध स्तर पर निर्माण शुरू किया गया है।इसके अलावा, सरकार अल्पसंख्यक बच्चों की शिक्षा को ध्यान में रखते हुए पढ़ो व बढ़ो जागरूकता अभियान चलाएगी। इसके तहत सभी दूरदराज क्षेत्रों में जहां सामाजिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़ापन है तथा और लोग अपने बच्चों को शैक्षणिक संस्थानों में नहीं भेज पा रहे हैं। ऐसे माता-पिताओं को अपने बच्चों को शैक्षणिक संस्थानों में भेजने के लिए जागरूक एवं प्रोत्साहित किया जाएगा। इसमें विशेष रूप से लड़कियों की शिक्षा पर ध्यान किया जाएगा। साथ ही शैक्षणिक संस्थानों को सुविधा एवं साधन उपलब्ध कराने के लिए प्रभावी काम किया जाएगा। इस कड़ी में पहले चरण में देश के 60 अल्पसंख्यक बहुल जिलों को चयनित कर इस अभियान को प्रारंभ किया जाएगा।लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप