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Mission 2024: दिल्ली-पंजाब ही नहीं कांग्रेस की कई राज्य इकाइयां आप से चुनावी तालमेल के पक्ष में नहीं

Mission 2024 आइएनडीआइ गठबंधन (I.N.D.IA Alliance) के दलों के बीच 2024 के चुनाव में सीटों के तालमेल का मसला भले ही अभी प्राथमिकता के निचले पायदान पर है। मगर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस (Congress) के लिए आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) की चुनौतियां कई राज्यों में सामने आने लगी है। दिल्ली और पंजाब की कांग्रेस इकाईयां जहां आप से चुनावी तालमेल के खिलाफ पहले से ही मुखर हैं।

By Jagran NewsEdited By: Mohd FaisalUpdated: Sat, 26 Aug 2023 09:02 PM (IST)
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आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (फोटो जागरण ग्राफिक्स)

संजय मिश्र, नई दिल्ली। आइएनडीआइ गठबंधन (I.N.D.IA Alliance) के दलों के बीच 2024 के चुनाव में सीटों के तालमेल का मसला भले ही अभी प्राथमिकता के निचले पायदान पर है। मगर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस (Congress) के लिए आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) की चुनौतियां कई राज्यों में सामने आने लगी है।

कांग्रेस नेता 2024 में आप को सीट देने के पक्ष में नहीं

दिल्ली और पंजाब की कांग्रेस इकाईयां जहां आप से चुनावी तालमेल के खिलाफ पहले से ही मुखर हैं। वहीं गुजरात, गोवा से लेकर हरियाणा जैसे राज्यों के पार्टी नेता लोकसभा में आप के साथ सीटों के तालमेल को लेकर हाईकमान को आगाह करने लगे हैं। इन नेताओं का साफ कहना है कि विपक्षी एकजुटता की खातिर आप को सीट देने का जोखिम उठाया गया तो इन राज्यों में कांग्रेस की राजनीति पर दूरगामी प्रतिकूल असर पड़ेगा।

विपक्षी एकता का संतुलन बनाए रखना कांग्रेस नेतृत्व के लिए है चुनौती

विपक्षी आइएनडीआइए में शामिल होने के बाद आप अगले लोकसभा चुनाव में गठबंधन के दलों के बीच सीटों के तालमेल पर जोर दे रही है। लेकिन कांग्रेस इस मुद्दे पर अभी सधे कदमों से ही आगे बढ़ना चाह रही, मगर आम आदमी पार्टी इसे पर स्पष्टता के लिए दबाव बना रही है। आप के इस दबाव का प्रमाण दिल्ली कांग्रेस के नेताओं की पार्टी हाईकमान के साथ अगले चुनाव की तैयारियों पर हुई चर्चा के बाद सभी सातों सीटों पर चुनाव लड़ने के अल्का लांबा के बयान पर दिखा।

अलका लांबा के बयान पर बिफरी थी AAP

अलका के बयान के बयान पर आप बिफर पड़ी और आइएनडीआइए की मुंबई बैठक से दूरी बनाने तक की चेतावनी दे डाली। हालांकि, कांग्रेस के दिल्ली प्रभारी दीपक बाबरिया ने तत्काल स्पष्टीकरण जारी कर मामले को संभाला। पार्टी सूत्रों के अनुसार, दबाव बनाने की आप की इस रणनीति ने कई राज्यों के कांग्रेस नेताओं को चिंता में डाल दिया है कि कहीं केजरीवाल की पार्टी दिल्ली का फार्मूला उनके सूबों में ही न अपनाने लगे।

क्या बोले गुजरात कांग्रेस के वरिष्ठ नेता?

राजधानी आए गुजरात कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि विधानसभा चुनाव में आप ने भाजपा की बड़ी जीत की राह बनाई और लोकसभा में गठबंधन करने का मतलब होगा कि सूबे में पार्टी के आधार को और सीमित करना। जाहिर तौर पर गुजरात में आप को और विस्तार फलक नहीं मिले इसको लेकर हाईकमान को सतर्क करना हमारी जिम्मेदारी है। गोवा में वैसे लोकसभा की चाहे दो ही सीटें हैं मगर वहां के नेता आप के लिए सीट छोड़ने के खिलाफ हैं।

आप से सीटों के तालमेल के खिलाफ बोलने से परहेज कर रहे कांग्रेस नेता

हरियाणा में आम आदमी पार्टी अपना आधार बनाने की कोशिश कर रही है और ऐसे में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से तालमेल में एक सीट भी वह हासिल कर लेती है तो पार्टी की सियासत को नई जमीन मिल जाएगी। हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह हुडडा ऐसे किसी प्रस्ताव से सहमत होंगे इसकी गुंजाइश फिलहाल नहीं है। पंजाब में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा खुलकर आप से सीटों के तालमेल के खिलाफ बोलने से परहेज नहीं कर रहे हैं।

AAP के दबाव से कांग्रेस को हो सकता है नुकसान

आप लोकसभा में सीटें हासिल करने के लिए कांग्रेस पर जहां एक ओर दबाव बना रही तो दूसरी ओर मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ और राजस्थान विधानसभा चुनाव में उतरने के लिए पूरी तैयारी कर रही और माना जा रहा कि इसका सीधा नुकसान कांग्रेस को हो सकता है। छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सूबे में आप की चुनावी सरगर्मी को लेकर शुक्रवार को कांग्रेस मुख्यालय में टिप्पणी करते हुए केजरीवाल पर तंज कसते हुए साफ कहा कि विपक्ष का गठबंधन विधानसभा चुनाव के लिए नहीं है। राज्यों के कांग्रेस नेताओं की आप को थामने की ऐसी स्पष्टता के बीच पार्टी नेतृत्व के लिए विपक्षी एकता की पहल का संतुलन बनाए रखने की चुनौती आसान नहीं।