Lok Sabha Election 2024: दक्षिण के लिए कांग्रेस का मिशन-50, भाजपा और क्षेत्रीय दलों की मौजूदगी बनाएगी मुकाबलों को त्रिकोणीय
दक्षिण भारत के पांच राज्यों तेलंगाना केरल तमिलनाडु पुडुचेरी व कर्नाटक में लोकसभा चुनाव की लड़ाई 2024 में बेहद दिलचस्प होगी। दक्षिण में क्षेत्रीय पार्टियां अपना आधार कायम रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं तो दोनों प्रमुख राष्ट्रीय दल भाजपा और कांग्रेस के बीच भी दक्षिण का बाजीगर बनने की होड़ है। कांग्रेस ने दक्षिण के उक्त पांच राज्यों में मिशन-50 का लक्ष्य तय कर रखा है।
संजय मिश्र, नई दिल्ली। Lok Sabha elections 2024: दक्षिण भारत के पांच राज्यों तेलंगाना, केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी व कर्नाटक में लोकसभा चुनाव की लड़ाई 2024 में बेहद दिलचस्प होगी। दरअसल, कांग्रेस ने अपने साथ-साथ विपक्षी गठबंधन आईएनडीआईए के भविष्य की संभावनाओं को जीवंत रखने के लिए मिशन-50 निर्धारित किया है।
मुकाबला त्रिकोणीय रहने की है संभावना
अलबत्ता, उत्तर भारत की तुलना में राजनीतिक तौर पर मजबूत होते हुए भी कांग्रेस के लिए मिशन दक्षिण का यह लक्ष्य चुनौती पूर्ण होगा, क्योंकि कांग्रेस और भाजपा के अलावा मुकाबले में क्षेत्रीय पार्टियां भी इन सूबों में दमखम से मौजूद हैं। यानी दक्षिण में मुकाबला इस बार त्रिकोणीय रहने की संभावना है।
दक्षिण में क्षेत्रीय पार्टियां अपना आधार कायम रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं तो दोनों प्रमुख राष्ट्रीय दल भाजपा और कांग्रेस के बीच भी दक्षिण का बाजीगर बनने की होड़ है। यही वजह है कि कांग्रेस राष्ट्रीय राजनीति में विपक्षी की धुरी बने रहने के लिए कम से कम दक्षिण भारत में भाजपा को आगे नहीं निकलने देने की रणनीति के इर्द-गिर्द अपने चुनावी प्रबंधन को दशा-दिशा देने में जुटी है।
कांग्रेस का मिशन-50
चुनावी प्रबंधन की अपनी इस अंदरूनी रणनीति के तहत कांग्रेस ने दक्षिण के उक्त पांच राज्यों में मिशन-50 का लक्ष्य तय कर रखा है। यानी पार्टी दक्षिण भारत से लोकसभा की कम से कम 50 सीटें जीतना चाहती है। पार्टी दक्षिण में कांग्रेस के अपने मिशन-50 के बड़े लक्ष्य की वजह यह भी है कि पिछले दो लोकसभा चुनावों में पार्टी के बेहद खराब दौर में दक्षिण के राज्यों ने ही उसे राजनीतिक सहारा दिया है।
बड़े-बड़े लक्ष्य के बजाय निश्चित संख्या में सीटें जीतने पर जोर
सूत्रों के अनुसार पार्टी के चुनावी रणनीतिकार सुनील कानुगोलू की टीम इस मिशन को लेकर जमीनी स्तर पर गंभीरता से काम कर रही है और केरल, तेलंगाना, कर्नाटक तथा तमिलनाडु इन चार राज्यों में कांग्रेस के बेहतर प्रदर्शन से लक्ष्य हासिल करने की रणनीति बनी है।कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के रणनीतिक सिपहसालारों में शामिल एक वरिष्ठ नेता ने इस बारे में कहा कि भाजपा की तरह हम 370 या 400 सीटों के बड़े-बड़े दावे नहीं करेंगे, मगर यह सही है कि प्रत्येक प्रदेश के साथ क्षेत्र के स्तर पर पार्टी ने निश्चित संख्या में सीटें जीतने का मिशन तय किया गया है। संभावनाओं वाली इन सीटों पर पार्टी पूरी ताकत झोंकने में कसर नहीं रखेगी।