TRS MLAs Poaching Case: तेलंगाना में विधायकों की खरीद-फरोख्त का मामला, SIT ने चार नेताओं को बनाया आरोपी
टीआरएस विधायकों की खरीद-फरोख्त के प्रयास की जांच कर रही विशेष जांच दल (SIT) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विरष्ठ नेता बी एल संतोष और तीन अन्य को इस मामले में आरोपी बनाया है। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी है।
By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Thu, 24 Nov 2022 04:08 PM (IST)
हैदराबाद, पीटीआइ। टीआरएस विधायकों की खरीद-फरोख्त के प्रयास की जांच कर रही विशेष जांच दल (SIT) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विरष्ठ नेता बी एल संतोष और तीन अन्य को इस मामले में आरोपी बनाया है। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी है। तेलंगाना हाई कोर्ट के निर्देशों पर इस मामले की जांच कर रही विशेष जांच दल ने भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) संतोष को दूसरा नोटिस भी जारी किया है, जो अभी तक उसके सामने पेश नहीं हुए हैं।
चार लोगों को बनाया गया है आरोपी
आधिकारिक सूत्रों ने समाचार एजेंसी पीटीआइ को बताया कि विशेष जांच दल द्वारा जारी किए गए ताजा नोटिस में उन्हें 26 नवंबर या 28 नवंबर को पूछताछ के लिए एसआईटी के समक्ष पेश होने को कहा गया है। उन्होंने आगे कहा कि SIT ने अब तक की जांच के आधार पर विशेष भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) कोर्ट में एक ज्ञापन दायर किया है। इस मामले में आरोपी के रूप में संतोष और केरल के दो अन्य व्यक्तियों जग्गू स्वामी और तुषार वेल्लापल्ली के अलावा बी श्रीनिवास का नाम शामिल है।
तीन लोगों को पहले ही बनाया गया है आरोपी
विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में टीआरएस विधायक पायलट रोहित रेड्डी समेत चार अन्य विधायकों ने 26 अक्टूबर को शिकायत दर्ज कराया था, जिसके बाद रामचंद्र भारती उर्फ सतीश शर्मा, नंदा कुमार और सिम्हायाजी स्वामी कुल तीन लोगों को पहले ही आरोपी बनाया जा चुका है। एफआइआर कापी के मुताबिक, रोहित रेड्डी ने आरोप लगाया था कि आरोपी ने उन्हें 100 करोड़ रुपये की पेशकश की। बदले में विधायक को टीआरएस छोड़कर अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ना था।पूछताछ के लिए नहीं हुए थे पेश
तेलंगाना हाई कोर्ट ने बुधवार को एसआईटी को दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 41 ए के तहत बी एल संतोष को दोबारा नोटिस जारी करने का निर्देश दिया था। इससे पहले एसआईटी ने संतोष और अन्य दो व्यक्तियों को 21 नवंबर को पूछताछ के लिए पेश होने के लिए नोटिस जारी किया था। हालांकि संतोष इस दौरान एसआइटी के सामने पेश नहीं हुए थे। मालूम हो कि तेलंगाना सरकार ने नौ नवंबर को विधायकों के कथित तौर पर खरीद-फरोख्त के प्रयास मामले में सात सदस्यीय एसआईटी गठन करने का आदेश दिया था।
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