राज ठाकरे के सामने नया संकट, पहले सभी सीटों पर मिली हार; अब खतरे में मनसे की मान्यता और चुनाव चिह्न
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में राज ठाकरे को बड़ा झटका लगा है। इसकी वजह यह है कि उनकी पार्टी एक भी सीट नहीं जीत पाई है। अब मनसे की मान्यता और चुनाव चिह्न खोने का खतरा मंडराने लगा है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन ने सबसे अधिक सीटों पर जीत दर्ज की है। विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी पूरी तरह से धराशयी हो गया है।
पीटीआई, मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) पर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल और चुनाव चिह्न खोने का खतरा मंडराने लगा है। महाराष्ट्र में हुए चुनाव में मनसे एक भी सीट जीतने में विफल रही। मीडिया से बातचीत में महाराष्ट्र विधानमंडल के पूर्व सचिव अनंत कालसे ने एक राजनीतिक दल के लिए मान्यता और चुनाव चिह्न बनाए रखने के लिए भारत के चुनाव आयोग के मानदंडों के बारे में बताया।
मान्यता बनाए रखने के लिए यह मानदंड अहम
मान्यता बनाए रखने के लिए किसी पार्टी को या तो कम से कम एक सीट जीतनी होगी और कुल वोट शेयर का आठ प्रतिशत हासिल करना होगा या छह प्रतिशत वोटों के साथ दो सीटें जीतनी होंगी या तीन प्रतिशत वोटों के साथ तीन सीटें जीतनी होंगी।
कलसे ने कहा कि इनमें से कोई भी शर्त पूरी नहीं होती है तो चुनाव आयोग पार्टी की मान्यता रद कर सकता है। मनसे केवल 1.8 प्रतिशत वोट हासिल करने में सफल रही और आवश्यक मानकों से काफी पीछे रहकर कोई भी सीट जीतने में असफल रही।
राजठाकरे की पार्टी का चुनाव चिह्न रेल का इंजन है। मगर इसके खोने का खतरा मंडराने लगा है। विधानसभा चुनाव में मनसे ने 125 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। मगर राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे समेत सभी प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा।
अगर चुनाव चिह्न छिना तो क्या होगा?
अनंत कालसे ने कहा, "चुनाव आयोग एक स्वतंत्र निकाय है और इस मामले पर निर्णय ले सकता है। वह मनसे को नोटिस भेज सकता है और उसकी मान्यता रद कर सकता है।" कलसे ने कहा कि अगर पार्टी की मान्यता रद की जाती है तो वह रेल इंजन के अपने आरक्षित चुनाव चिह्न का हकदार नहीं होगी। अगले चुनाव में मनसे को उपलब्ध अनारक्षित चिह्न चुनना होगा। हालांकि पार्टी के नाम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।