'मोदी और शाह हिंदुओं और मुसलमानों के बीच दरार पैदा करना चाहते', उद्धव ठाकरे का BJP पर तीखा हमला
Maharashtra election यवतमाल जिले के वानी में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए ठाकरे ने कहा कि मुझे प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह द्वारा महाराष्ट्र में रैलियां संबोधित करने से कोई समस्या नहीं है। लेकिन वे जिस तरह से ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ नारे के साथ हिंदुओं और मुसलमानों के बीच दरार पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं वह सही नहीं है।
जेएनएन, मुंबई। शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह हिंदुओं और मुसलमानों के बीच दरार पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।
यवतमाल जिले के वानी में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए ठाकरे ने कहा कि मुझे प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह द्वारा महाराष्ट्र में रैलियां संबोधित करने से कोई समस्या नहीं है। लेकिन वे जिस तरह से ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ नारे के साथ हिंदुओं और मुसलमानों के बीच दरार पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, वह सही नहीं है।
पीएम ने ‘एक हैं, तो सेफ हैं’ का दिया नारा
बता दें कि प्रधानमंत्री ने 20 नवंबर को महाराष्ट्र में होने वाले चुनावों के लिए भाजपा के पक्ष में प्रचार करते हुए ‘एक हैं, तो सेफ हैं’ का नारा दिया था। उन्होंने यह बात अनुसूचित जातियों, जनजातियों और ओबीसी के सदस्यों को विभाजित करने की कांग्रेस की नीति के मद्देनजर पिछड़े वर्गों के बीच एकता का आह्वान करते हुए कही थी।
योगी आदित्यनाथ बोले- बंटोंगे तो कटोगे
जबकि, बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ का नारा दिया था। ठाकरे ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि शाह द्वारा अपनी चुनावी रैलियों में अनुच्छेद 370 को हटाने का जिक्र करने से महाराष्ट्र के किसानों को कोई फायदा नहीं होगा। अनुच्छेद 370 हटाने से न तो सोयाबीन और कपास की फसलों के लिए उचित मूल्य सुनिश्चित होगा और न ही रोजगार मिलेगा।
बैग की जांच पर भड़के उद्धव
उद्धव ठाकरे ने यह आरोप भी लगाया है कि चुनाव प्रचार के लिए जब वह महाराष्ट्र के यवतमाल पहुंचे तो सरकारी अधिकारियों ने उनके बैग की जांच की। उन्होंने सवाल किया है कि क्या चुनाव अधिकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य वरिष्ठ नेताओं के भी बैग की जांच करेंगे।
उन्होंने बताया कि जब वह हेलीकॉप्टर से वानी पहुंचे तो कई सरकारी अधिकारियों ने उनके बैग की जांच की। उन्होंने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं और मतदाताओं का आह्वान किया कि वे उन अधिकारियों की जेबों और पहचान पत्रों की भी जांच करें जो उनकी जांच करते हैं।
मोदी-शाह की भी हो जांच
ठाकरे ने कहा कि वह चुनाव अधिकारियों से नाराज नहीं हैं। आप अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं और मैं अपनी जिम्मेदारी निभाऊंगा। उन्होंने पूछा कि जिस तरह आपने मेरे बैग की जांच की, क्या आपने मोदी और शाह के बैग की भी जांच की ? उन्होंने जानना चाहा कि क्या मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस के बैग की जांच नहीं की जानी चाहिए ।
उन्होंने कहा कि यदि चुनाव अधिकारी सत्तारूढ़ गठबंधन के वरिष्ठ नेताओं के बैग की जांच नहीं करते हैं, तो शिवसेना (यूबीटी) और विपक्षी महाविकास आघाड़ी के कार्यकर्ता उनकी जांच करेंगे। तब पुलिस और चुनाव आयोग को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। क्योंकि मतदाताओं को भी यह अधिकार है कि जब वे (सत्तारूढ़ दलों के वरिष्ठ नेता) प्रचार के लिए आएं तो उनके बैग की जांच की जाए।