Move to Jagran APP

मोहन भागवत बोले, मुस्लिम संघ से डरें नहीं, आकर समझें और परखें

मुस्लिम समाज को भी संघ में आकर इसे समझने का खुला आमंत्रण देकर यह भी बताने का प्रयास किया कि संघ से भयभीत होने की जरूरत नहीं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Updated: Wed, 19 Sep 2018 09:41 PM (IST)
मोहन भागवत बोले, मुस्लिम संघ से डरें नहीं, आकर समझें और परखें
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कुछ राजनीतिक दलों की आलोचना और बहुत बड़े वर्ग के लिए कौतुहल के केंद्र में रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने दिल्ली में आयोजित तीन दिवसीय व्याख्यान में तीर निशाने पर साधा। हिंदुत्व, अल्पसंख्यक वर्ग, आरक्षण, अंतरजातीय विवाह, समलैंगिकता,गोरक्षा समेत सभी अहम सवालों पर खरे खरे शब्दों में जवाब देते हुए जहां यह स्पष्ट करने की कोशिश की कि संघ की सोच संविधान और देश की परंपरा के दायरे में है।

संघ से भयभीत होने की जरूरत नहीं 
वहीं मुस्लिम समाज को भी संघ में आकर इसे समझने का खुला आमंत्रण देकर यह भी बताने का प्रयास किया कि संघ से भयभीत होने की जरूरत नहीं। संघ किसी के विरोध के लिए कुछ नहीं कहता या करता है। उन्होंने सपाट शब्दों में कहा- 'गुरु गोलवलकर की पुस्तक बंच आफ थाट्स के उन शब्दों को भी भूल जाइए जिससे भय उत्पन्न होता था। कुछ बातें देश काल के हिसाब से बोली जाती है.. गुरुजी के विजन और मिशन पर लिखी गई पुस्तक में ऐसी कोई बात नहीं है।'

Image result for mohan bhagwat

लोगों में उठते सवालों को साफ किया 
सोमवार से दिल्ली के विज्ञान भवन में शुरू हुआ संघ का कार्यक्रम बुधवार को समाप्त हो गया। जाहिर तौर पर इस कार्यक्रम के पीछे यही मंशा थी कि संघ को लेकर समाज के विभिन्न वर्गो में उठते रहे सवालों को साफ किया जाए। कुछ इसी लिहाज से ऐसे लोगों को भी श्रोता के तौर पर आमंत्रित किया गया था जिनकी विचारधारा दूसरी रही है।

सवाल जवाब का दौर 
बुधवार को सवाल जवाब का दौर था और संघ की कार्यशैली, उसके खातों के आडिट से लेकर मुसलमानों के विरोध, भाजपा से संबंध, राममंदिर जैसे कई सवाल पूछे गए। भागवत ने हर किसी का उत्तर दिया। संघ का यह तीन दिनी कार्यक्रम इस लिहाज से भी अहम था क्योंकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस की ओर से संघ को तानाशाह तक बताया जा रहा है। 

Image result for mohan bhagwat

हिंदुत्व की अवधारणा को राष्ट्रीय पहचान से जोड़ें 
भागवत पहले ही हिंदुत्व की अवधारणा को राष्ट्रीय पहचान से जोड़ते हुए कह चुके हैं कि इसमें किसी भी संप्रदाय का विरोध नहीं है। बुधवार को उन्होंने सुझाव दिया कि आकर परखें। संघ के किसी भी कार्यक्रम में जाकर बैठें और सुनें कि क्या किसी का विरोध करने के लिए कुछ कहा और किया जा रहा है।

जल्द भव्य राममंदिर निर्माण की इच्छा जताई 
हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि किसी को खुश करने के लिए भी कुछ नहीं कहा जाएगा, जो देश के लिए सही होगा वही किया जाएगा भले ही उससे कोई नाराज हो। सवाल जवाब में यह स्पष्ट तौर पर दिखा भी जब जनसंख्या नियंत्रण, एक समान कानून, धारा 370 और 35 ए, धर्म परिवर्तन पर बेझिझक उन्होंने राय रखी। उन्होंने जल्द से जल्द भव्य राममंदिर निर्माण की इच्छा भी जताई और जनसंख्या नियंत्रण नीति बनाने का सुझाव भी दिया जो सबपर लागू हो।