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Monsoon Session 2022: संसद ठप करने को लेकर बढ़ा घमासान, भाजपा ने राहुल गांधी को बताया मौजूदा गतिरोध का सूत्रधार

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल प्रह्लाद जोशी और स्मृति ईरानी ने विपक्षी दलों पर निशाना साधा क्योंकि लोकसभा और राज्यसभा में महंगाई और कई सामानों खासकर लेबल वाले खाद्य पदार्थ पर जीएसटी लागू होने के मुद्दों पर उनके विरोध के कारण तीसरे दिन बहुत कम कामकाज हुआ है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Updated: Wed, 20 Jul 2022 06:49 PM (IST)
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केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। संसद के मानसून सत्र के शुरुआती तीन दिनों तक संसद के दोंनों सदनों के ठप होने के बाद कांग्रेस और भाजपा के बीच राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। जहां कांग्रेस सरकार पर महंगाई और खाद्य पदार्थों पर जीएसटी जैसे मुद्दों पर बहस से भागने का आरोप लगा रही है, वहीं भाजपा ने पलटवार करते हुए बहस के पूरी तरह से तैयार होने का दावा किया है।

भाजपा के वरिष्ठ नेता व शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और महिला व बाल विकास मंत्री स्मृति इरानी ने राहुल गांधी को संसद में मौजूदा गतिरोध का सूत्रधार करार दिया है। दरअसल, मंगलवार को राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर संसद में विपक्ष के सवालों और बहस से भागने का आरोप लगाते हुए इसे असंसदीय करार दिया था। बुधवार को प्रधान और इरानी ने कहा कि राहुल सदन में बोलने से भाग रहे हैं। इरानी ने संसदीय कार्यवाही में राहुल की नगण्य भागीदारी का हिसाब भी पेश कर दिया। दोपहर में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि राज्यसभा में विपक्ष महंगाई और खाद्य पदार्थों पर जीएसटी के मुद्दे पर तत्काल चर्चा की मांग की थी, लेकिन सरकार ने इसे स्वीकार नहीं किया।

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इसका प्रतिकार करते हुए कहा कि सरकार महंगाई समेत सभी मुद्दों पर चर्चा पर जोर दे रही है, लेकिन विपक्ष बहस की संभावना को भी ध्वस्त करने में जुटा है। धर्मेंद्र प्रधान ने कटाक्ष करते हुए कहा कि राहुल गांधी या तो सदन में बोलने से डर रहे हैं, या उनके पास बोलने के लिए कुछ नहीं है, या फिर उन्हें अभी ट्यूशन नहीं मिला है। स्‍मृति इरानी ने कहा कि वह राजनीतिक रूप से अनुत्पादक हो सकते हैं, लेकिन उन्हें संसद की उत्पादकता पर लगातार अंकुश लगाने की हिम्मत नहीं करनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी का राजनीतिक जीवन संसदीय प्रक्रियाओं और परंपराओं के अनादर के प्रदर्शन के साथ बिताया है। उन्होंने कहा कि वह अब लोकसभा की उत्पादकता को कम करने पर अड़े हैं।

राहुल गांधी पर हमला करते हुए इरानी ने कहा कि राहुल गांधी पहले भी संसदीय परंपराओं का अपमान करते रहे हैं। उनके अनुसार 2004 से लोकसभा के सांसद रहे कांग्रेस नेता की उपस्थिति मात्र 40 फीसद रही है। यही नहीं 2004 से 2014 तक अमेठी से सांसद रहने के दौरान उन्होंने संसद में एक भी सवाल नहीं पूछा और फिर वायनाड भाग गए। यही नहीं, राहुल गांधी ने इतने सालों तक सांसद रहने के बावजूद एक भी प्राइवेट मेंबर बिल नहीं पेश किया।

उधर, राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि कांग्रेस का लोकतंत्र के प्रति विनाशकारी रवैया है। जयराम रमेश के ट्वीट से यह उजागर हो गया कि कांग्रेस सदन को चलने नहीं देने में सफल रही। उन्होंने कहा कि सरकार किसी बहस से नहीं भाग रही है। प्रह्लाद जोशी ने कहा कि कांग्रेस की दिलचस्पी रचनात्मक बहस में नहीं बल्कि 'विनाशकारी क्षति' में है। उन्होंने कहा कि विपक्ष को बहस करने की प्रक्रिया का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्यसभा के सभापति और लोकसभा अध्यक्ष ने भी चर्चा के लिए अपनी इच्छा व्यक्त की है, लेकिन विपक्ष को नियमों का पालन करना चाहिए।

प्रश्नकाल जैसी महत्वपूर्ण कार्यवाही में बाधा डालने पर आपत्ति जताते हुए प्रह्लाद जोशी ने कहा कि एक घंटे का सत्र जिसमें सरकार के मंत्री सदस्यों के सवालों का जवाब देते हैं, संसदीय कार्यवाही का दिल है। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष सांसदों को उनके अधिकारों का प्रयोग करने से वंचित कर रहा है। उन्होंने कहा कि यहां तक ​​कि कांग्रेस के सांसद भी इससे खुश नहीं हैं।