G20 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी की सफलता के पीछे हैं 100 से अधिक युवा अफसर, पीएम मोदी ने दिए थे ये निर्देश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का टीम को निर्देश स्पष्ट था कि भारत को G20 की अध्यक्षता के रूप में एक साल के कार्यकाल के दौरान अमिट छाप छोड़ने में सक्षम होना चाहिए। इसके जरिये भारत खुद को वैश्विक आर्थिक महाशक्ति के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय मामलों में स्थापित कर सकता है।
By AgencyEdited By: Arun kumar SinghUpdated: Thu, 17 Nov 2022 06:32 PM (IST)
New Delhi, Agency. Amidst geopolitical dynamics and growing global challenges, all eyes are on India after assuming the presidency of the G20 organization for one year. The government had started preparations for this a year ago. A batch of over 120 newly recruited Indian Economic Service officers, entrusted with the presidency of the G-20, are meticulously working on various researches and reports for a better understanding of each and every issue at the international level. Instead of keeping fresh batches of trained young officers in separate departments and ministries, collective assignments have been given for two years to prepare for the G20 meetings and chairmanship.
PM wants to leave an indelible mark in G20 to be held in 2023
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपनी टीम को निर्देश स्पष्ट था कि भारत को G20 की अध्यक्षता के रूप में एक साल के कार्यकाल के दौरान अमिट छाप छोड़ने में सक्षम होना चाहिए। इसके जरिये भारत खुद को वैश्विक आर्थिक महाशक्ति के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय मामलों के लिए एक विश्वसनीय आवाज के रूप में स्थापित कर सकता है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने बताया कि यह पीएम मोदी के स्वभाव को भी दर्शाता है। वह हर स्थिति और मुद्दे की गहराई में जाते हैं। 2023 में भारत में होने वाले G20 की अध्यक्षता के लिए जो तैयारी की गई है, वह अद्वितीय है और जिस तरह से भारत हाल ही में संपन्न G20 शिखर सम्मेलन में खड़ा हुआ है, वह दिखाता है कि योजना कितनी विस्तृत और सावधानीपूर्वक थी।इसे भी पढ़ें: G20 Summit: 5 बिंदुओं में जानें G20 में क्यों छाया रहा भारत, दुनिया के शीर्ष नेताओं ने PM मोदी का माना लोहा