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Election 2024: सांसद नवनीत राणा भाजपा में शामिल, पार्टी ने महाराष्ट्र की अमरावती सीट से उम्मीदवार किया है घोषित

अमरावती से सांसद नवनीत राणा बुधवार देर रात पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले की मौजूदगी में नागपुर में भाजपा में शामिल हो गए। वह नागपुर में बावनकुले के आवास पर अपने समर्थकों के साथ और अमरावती नागपुर वर्धा और अन्य स्थानों के वरिष्ठ पार्टी नेताओं की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हुईं। जब वह भाजपा में शामिल हुईं तो उनके विधायक पति रवि राणा भी मौजूद थे।

By Agency Edited By: Amit Singh Updated: Thu, 28 Mar 2024 01:35 AM (IST)
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भाजपा में शामिल हुईं सांसद नवनीत राणा।
पीटीआई, नागपुर/अमरावती। अमरावती से मौजूदा सांसद नवनीत राणा बुधवार देर रात पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले की मौजूदगी में नागपुर में भाजपा में शामिल हो गईं। वह नागपुर में बावनकुले के आवास पर अपने समर्थकों के साथ और अमरावती, नागपुर, वर्धा और अन्य स्थानों के वरिष्ठ पार्टी नेताओं की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हुईं। जब वह भाजपा में शामिल हुईं तो उनके विधायक पति रवि राणा भी मौजूद थे।

भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति ने बुधवार को अमरावती सीट के लिए पार्टी के उम्मीदवार के रूप में उनके नाम की घोषणा की। बावनकुले ने कहा कि वह 4 अप्रैल को अपना चुनाव नामांकन दाखिल करेंगी। बावनकुले के आवास पर आधी रात के करीब एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए नवनीत राणा ने कहा कि वह पिछले पांच वर्षों से एनडीए समर्थक के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के विकास पथ का अनुसरण कर रही हैं।

राणा ने भाजपा में शामिल होने पर खुशी व्यक्त की और कहा कि वह यह सुनिश्चित करेंगी कि अमरावती संसदीय क्षेत्र उन 400 सीटों में से एक हो जो पार्टी आम चुनावों में जीतेगी। इस दौरान बावनकुले ने कहा कि नवनीत राणा पीएम मोदी के विकसित भारत दृष्टिकोण का समर्थन करने के लिए भाजपा में शामिल हुई हैं। राणा ने पहली बार 2014 में राकांपा के टिकट पर अमरावती से चुनाव लड़ा था और शिवसेना के आनंदराव अडसुल से हार गईं थीं। 2019 में, उन्होंने एनसीपी के समर्थन से निर्दलीय के रूप में सीट से चुनाव लड़ा और अडसुल को हराया।

पिछले महीने, सुप्रीम कोर्ट ने नवनीत राणा की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसमें उनके जाति प्रमाण पत्र को रद्द करने के बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी। 8 जून, 2021 को उच्च न्यायालय ने कहा कि 'मोची' जाति प्रमाण पत्र फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके धोखाधड़ी से प्राप्त किया गया था। इसने अमरावती सांसद पर 2 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था।