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MUDA मामले में CM सिद्धारमैया की बढ़ी टेंशन, राज्यपाल ने मुकदमा चलाने की दी मंजूरी

कर्नाटक के राज्यपाल थावर चंद गहलोत ने सीएम सिद्धारमैया और उनके परिवार के सदस्यों पर MUDA (मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण) मामले में मुकदमा चलाने की इजाजत दे दी है। भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता टीजे अब्राहम समेत कई अन्य शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि मुडा घोटाले में अवैध आवंटन से राज्य के खजाने को 45 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। हालांकि सिद्धारमैया ने इस मामले को राजनीति से प्रेरित बताया है।

By Agency Edited By: Piyush Kumar Updated: Sat, 17 Aug 2024 11:58 AM (IST)
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MUDA मामले में राज्यपाल ने सीएम सिद्धारमैया पर मुकदमा चलाने के आदेश दिए।(फोटो सोर्स: जागरण)
एएनआई, बेंगलुरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की मुश्किलें बढ़ सकती है। राज्यपाल थावर चंद गहलोत ने सीएम सिद्धारमैया और उनके परिवार के सदस्यों पर MUDA (मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण) मामले में मुकदमा चलाने की इजाजत दे दी है। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) इस जानकारी की पुष्टि की है। हालांकि, सिद्धारमैया ने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया है।

दो कार्यकर्ताओं की शिकायत पर राज्यपाल ने मुकदमा चलाने का आदेश दिया है। शिकायत में बताया गया है कि सीएम सिद्धारमैया द्वारा कानून का पालन करने के बार-बार दावों के बावजूद सिद्धारमैया की पत्नी को MUDA द्वारा 14 साइटें आवंटित करने में स्पष्ट उल्लंघन हुआ है।

राज्य के खजाने को 45 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ: शिकायतकर्ता

भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता टीजे अब्राहम समेत कई अन्य शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि मुडा घोटाले में अवैध आवंटन से राज्य के खजाने को 45 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। शिकायत में सीएम सिद्धारमैया, उनकी पत्नी, बेटे और मुडा के आयुक्त के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की गई है।

क्या है मामला?

मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA), कर्नाटक की राज्य स्तरीय विकास एजेंसी है। इस एजेंसी का काम लोगों को किफायती कीमत पर आवास उपलब्ध कराना है। मुडा शहरी विकास के दौरान अपनी जमीन खोने वाले लोगों के लिए एक योजना लेकर आई थी।

50:50 नाम की इस योजना में जमीन खोने वाले लोग विकसित भूमि के 50 प्रतिशत के हकदार होते थे। यह योजना 2009 में पहली बार लागू की गई थी। हालांकि, 2020 में तत्कालीन भाजपा सरकार ने इस योजना को बंद कर दिया था।

सीएम की पत्नी को पहुंचाया गया लाभ: आरोप 

आरोप है कि योजना के बंद होने के बाद भी मुडा ने 50:50 योजना के तहत जमीनों का अधिग्रहण और आवंटन जारी रखा। आरोप है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को इसी के तहत लाभ पहुंचाया गया। सीएम सिद्धारमैया की पत्नी की 3 एकड़ और 16 गुंटा भूमि  मुडा द्वारा अधिग्रहित की गई।

इसके बदले में एक महंगे इलाके में 14 साइटें आवंटित की गईं। मैसूर के बाहरी इलाके के सारे में यह जमीन मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को उनके भाई मल्लिकार्जुन स्वामी ने 2010 में उपहार स्वरूप दी थी।

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