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तीन दशक बाद भी नगालैंड विधानसभा महिला विधायक से रहेगी महरूम

नगालैंड की जनता ने एक बार फिर से विधानसभा चुनाव में खड़ी सभी पांच महिला प्रत्‍याशियों को नकार दिया। लिहाजा तीन दशक बाद भी कोई महिला विधायक नहीं बन सकी।

By Digpal SinghEdited By: Updated: Mon, 05 Mar 2018 08:29 AM (IST)
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तीन दशक बाद भी नगालैंड विधानसभा महिला विधायक से रहेगी महरूम

नई दिल्‍ली [स्‍पेशल डेस्‍क]। नगालैंड की जनता ने एक बार फिर से विधानसभा चुनाव में खड़ी सभी पांच महिला प्रत्‍याशियों को नकार दिया। लिहाजा तीन दशक बाद भी कोई महिला विधायक नहीं बन सकी। इस बार माना जा रहा था कि शायद कोई महिला विधायक बन सके। ऐसा इसलिए था क्‍योंकि नागालैंड के 54 सालों के राजनीतिक इतिहास में पहली बार विधानसभा चुनाव में पहली बार पांच महिला उम्मीदवारों की सक्रिय उपस्थिति दिखाई दी थी।

नगालैंड विधानसभा चुनाव में इस बार कुल 195 उम्मीदवार मैदान में उतरे थे जिनमें से पांच महिलाएं थी। इनमें से वीडि-यू-क्रोनू और मांग्यांगपूला नेशनल पीपुल्स पार्टी से दीमापुर और नोक्सेन निर्वाचन क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतरी थीं। इनके अलावा रखीला टुनसांग सदर सीट से भाजपा की उम्मीदवार थीं। वहीं नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी ने अबोई सीट से अवान कोन्याक को मैदान में उतारा था। इसके अलावा शिजामी निर्वाचन क्षेत्र से स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर रेखा रोज डुकोरु चुनावी मैदान में अपनी किस्‍मत आजमा रही थीं।

दीमापुर थ्री से खड़ी वीडि-यू-क्रोनू को नगा पिपुल्‍स फ्रंट के उम्‍मीद्वार से हार का सामना करना पड़ा है। वह इस सीट पर तीसरे नंबर पर रहीं। उनको कुल 483 मत मिले जबकि नगा पिपुल्‍स फ्रंट के अजितो जिमोमी को 13162 मत मिले। इस सीट पर दूसरे नंबर पर एनडीपीपी के टोकेहो रहे हैं। वहीं अबोई सीट से एनडीपीपी की उम्‍मीद्वार अवान कोन्‍याक को भी अपने प्रतिद्वंदी नगा पिपुल्‍स फ्रंट के इशाक कोन्‍याक से हार का सामना करना पड़ा। इशाक ने अवान पर 900 से अधिक मतों से जीत दर्ज की। अवान राज्‍य के पूर्व मंत्री की बेटी हैं। उनके पिता का इसी वर्ष जनवरी में निधन हो गया था, जिसके बाद उन्‍हें चुनावी मैदान में उतारा गया था।

इनके अलावा नोक्‍सेन सीट पर एनपीपी की महिला उम्‍मीद्वार डॉक्‍टर मांग्‍यानपुला छांग को भी हार का सामना करना पड़ा है। वह इस सीट पर चौथे नंबर पर रही हैं। यहां से एनडीपीपी के सीएम छांग ने 4436 वोट हासिल करते हुए जीत दर्ज की है। वहीं मांग्‍यानपुला को महज 725 वोट ही मिल सके। इनके अलावा तुनसांग सदर सेकेंड सीट से भाजपा की उम्‍मीद्वार रहीं रखीला को भी हार का मुंह देखना पड़ा है। वह यहां पर तीसरे नंबर पर रहीं। इस सीट से नगा पिपुल्‍स फ्रंट के विजयी उम्‍मीद्वार केजोंग छांग को जहां 6204 वोट मिले वहीं रखीला को 2749 वोट ही हासिल हुए। रखिला पर भाजपा ने दूसरी बार दांव आजमाया था।

शिजामी सीट से खड़ी निर्दलीय उम्‍मीद्वार रोज डाकुरू भी अपना चुनाव हार गई हैं। वह इस सीट पर पांचवें नंबर पर रही और उन्‍हें महज 17 वोट ही मिल सके। इस सीट पर एनपीएफ के केजियेंकि खालो ने जीत दर्ज की है। आपको बता दें कि नगालैंड से पहली बार 1977 में रानो एम शैजा लोकसभा चुनाव जीत कर सांसद बनीं थीं। इस राज्‍य के गठन 1963 के बाद से अब तक करीब 30 महिलाओं ने चुनाव में अपनी तकदीर आजमाई लेकिन किसी को भी जीत का स्‍वाद नहीं मिल सका था।

पांच वर्ष पहले जहां कहीं नहीं थी भाजपा अब वहीं बन रही उसकी सरकार