हेलीकॉप्टर घोटाले में आया अहमद पटेल का नाम, पूरक आरोपपत्र में 'श्रीमती गांधी' का भी जिक्र
तीन हजार पन्नों के पूरक आरोप पत्र में दावा किया गया है कि पूरे प्रकरण में 325 करोड़ रुपये से ज्यादा की रिश्वत आरोपितों में बंटी।
By Bhupendra SinghEdited By: Updated: Fri, 05 Apr 2019 07:14 AM (IST)
नई दिल्ली, प्रेट्र/आइएएनएस। अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआइपी हेलीकॉप्टर मामले में यूएई से प्रत्यर्पित कर लाए गए बिचौलिये क्रिश्चियन मिशेल ने 'एपी' की पहचान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल के रूप में की है। यह जानकारी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को पटियाला हाउस स्थित विशेष अदालत में दाखिल पूरक आरोपपत्र में दी है। इसमें 'श्रीमती गांधी' और कुछ कांग्रेस नेताओं का भी जिक्र किया गया है, लेकिन उनका नाम आरोपित के तौर पर शामिल नहीं किया गया है। इसी आरोपपत्र में मामले के एक अन्य आरोपित राजीव सक्सेना ने भी ईडी को 'एपी' का मतलब अहमद पटेल बताया है।
प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत दायर पूरक आरोपपत्र में ईडी ने कहा है कि 'बजट शीट' के मुताबिक 325 करोड़ रुपये की रिश्वत की रकम रक्षा अधिकारियों, नौकरशाहों, मीडियाकर्मियों और तत्कालीन सत्तारूढ़ पार्टी के महत्वपूर्ण राजनेताओं में वितरित की गई थी। क्रिश्चियन मिशेल जेम्स ने 'बजट शीट' में इस्तेमाल कई और संक्षिप्त शब्दों की जानकारी दी है जिन्हें रिश्वत की रकम दी गई थी।
ईडी ने बताया है कि मिशेल ने 'एपी' का मतलब अहमद पटेल और 'फैम' का मतलब फैमिली बताया है। आरोपपत्र में एक स्थान पर मिशेल का कहना है, 'मैं नहीं बता सकता कि गुइडो हश्के क्या सोच रहा था। जहां तक मेरा अंदाजा है, मुझे लगता है कि वह अहमद पटेल के बारे में बात कर रहा था।'हालांकि यह नहीं बताया गया है कि यह अहमद पटेल कौन हैं, लेकिन माना जा रहा है यह वरिष्ठ कांग्रेस नेता ही हैं। इस मामले की एफआइआर में उनका नाम शामिल नहीं है। इस मामले में संलिप्तता से वह पहले ही इन्कार करते रहे हैं।
ईडी के मुताबिक, 3,600 करोड़ रुपये के इस सौदे में करीब 12 फीसद राशि रिश्वत के रूप में वितरित की गई। आरोपपत्र में 'श्रीमती गांधी' को लेकर सूत्रों ने बताया कि यह साफ नहीं है कि यह 'श्रीमती गांधी' कौन हैं और आरोपपत्र में उनका नाम किस संदर्भ में आया है।घोटाले में 50 करोड़ लेने वाला 'आरजी' कौन
हेलीकॉप्टर घोटाले की जांच में ईडी 'आरजी' का रहस्य सुलझाने की कोशिश में भी जुटा है। दरअसल, घोटाले में मिली दलाली में से 50 करोड़ रुपये 'आरजी' को मिलने की बात भी सामने आई है। ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकारी गवाह बन चुके राजीव सक्सेना ने जांच अधिकारियों को एक डायरी दी है। यह डायरी दुबई में सक्सेना के पास रहती थी, लेकिन इसमें पैसे के लेन-देन का हिसाब सुशेन मोहन गुप्ता रखता था।सुशेन दिल्ली से राजीव सक्सेना को बताता था कि किस आदमी के आगे कितनी रकम लिखनी है। इस डायरी में कई राजनेताओं और नौकरशाहों के नाम और उनके आगे दी गई रकम लिखी गई है। इनमें एक नाम 'आरजी' के आगे 50 करोड़ रुपये की रकम लिखी गई है।
ईडी ने जब सुशेन मोहन गुप्ता से इस बारे में पूछा तो उसने बताया कि 'आरजी' दिल्ली के एक ज्वैलर 'रजत गुप्ता' का संक्षिप्त नाम है। इसके बाद ईडी ने रजत गुप्ता को बुलाकर पूछताछ की, लेकिन रजत गुप्ता ने साफ कहा कि सुशेन मोहन गुप्ता और उसके 50 करोड़ रुपये से उसका कोई लेना-देना नहीं है।कमलनाथ के भांजे से पूछताछ
वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, गुरुवार को सुशेन मोहन गुप्ता के साथ रितुल पुरी से पूछताछ की गई। रितुल पुरी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ की बहन नीता पुरी और दीपक पुरी का बेटा है। जांच के अहम मोड़ पर होने का हवाला देते हुए उन्होंने फिलहाल विस्तार से कुछ भी बताने से मना कर दिया। लेकिन उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, हेलीकॉप्टर घोटाले में दी गई दलाली की रकम पुरी परिवार की कंपनियों तक पहुंचने के पुख्ता सुबूत मिल रहे हैं।आरोपितों को समन पर फैसला छह अप्रैल को
तीन हजार पन्नों के पूरक आरोप पत्र में दावा किया गया है कि पूरे प्रकरण में 325 करोड़ रुपये से ज्यादा की रिश्वत आरोपितों में बंटी। इसमें मिशेल के पार्टनर डेविड सिम्स और उसकी कंपनियों ग्लोबल ट्रेड, ग्लोबल सर्विस को भी नामजद किया गया है। विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार ने कहा कि पूरक आरोप पत्र पर संज्ञान लेने और आरोपितों को समन जारी करने पर फैसला छह अप्रैल को लिया जाएगा।कई और नाम
ईडी ने जब जून 2016 में मिशेल के खिलाफ पहला आरोपपत्र दाखिल किया था तब दावा किया था कि आरोपितों ने करीब 225 करोड़ रुपये की रिश्वत अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी से ली थी। अब ईडी की तरफ से बताया गया कि ब्रिटिश नागरिक सिम्स और मिशेल ने अपनी कंपनियों के माध्यम से रिश्वत का पैसा लिया।12 हेलीकॉप्टर का सौदा कराने की एवज में यह पैसा लिया गया, लेकिन हेलीकॉप्टर नहीं खरीदे गए। पैसा अलग-अलग कंपनियों, व्यक्ति विशेष को बांट दिया गया। सिम्स के बैंक खाते से बड़ी रकम का लेन-देन हुआ। इसके अलावा आरोपित गौतम खेतान, राजीव सक्सेना और उसकी पत्नी शिवानी ने भी अपनी-अपनी कंपनियों के मार्फत करोड़ों रुपये को अलग-अलग जगह खपाया।