बंगाल में रेल ओवरब्रिज के उद्घाटन को लेकर केंद्र और ममता सरकार आमने-सामने, समारोह में रेलवे आमंत्रित नहीं
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज हुगली के सिंगुर भी जाएंगी। वहां वह संतोषी माता के व्रत का उद्यापन करेंगी। ममता 16 वर्षों से संतोषी माता का व्रत कर रही हैं। सिंगुर में वह संतोषी माता का मंदिर भी बनवा चुकी हैं।
By TilakrajEdited By: Updated: Fri, 03 Jun 2022 12:38 PM (IST)
कोलकाता, जेएनएन। बंगाल में अब रेल ओवरब्रिज के उद्घाटन को लेकर केंद्र व ममता सरकार आमने सामने आ गई हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज दोपहर में करीब तीन बजे हुगली जिले के कुमारकुंडू स्टेशन के पास निर्मित इस रेल ओवरब्रिज का उद्घाटन करेंगी, लेकिन समारोह में रेलवे अधिकारियों को आमंत्रित नहीं किए जाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इसको लेकर हावड़ा के डीआरएम मनीष जैन ने हुगली के डीएम को पत्र लिखकर आपत्ति जताई है।
रेलवे का कहना है कि कुमारकुंडू स्टेशन के पास स्थित लेवल क्रासिंग पर इस ओवरब्रिज के निर्माण में खर्च का 60 प्रतिशत हिस्सा पूर्व रेलवे ने वहन किया है, ऐसे में ब्रिज के उद्घाटन में रेलवे की अनदेखी कैसे की जा सकती है? 44 करोड़ की इस परियोजना में रेलवे ने 26.70 करोड़ रुपये की राशि खर्च की है, जबकि बंगाल सरकार का योगदान महज 18.16 करोड़ रुपये है।बता दें कि रेल मंत्री रहते हुए ममता ने इस परियोजना को मंजूरी दी थी। वहीं, केंद्र व राज्य द्वारा संयुक्त रूप से निर्मित इस रेल ओवरब्रिज का उद्घाटन अब ममता रेलवे अधिकारियों को बिना आमंत्रित किए करने जा रही हैं। इस कार्यक्रम के लिए जिला प्रशासन ने सभी तैयारियां की है। बता दें कि बंगाल में इस प्रकार का विवाद कोई नया नहीं है। इससे पहले भी केंद्र व राज्य की संयुक्त परियोजना के उद्घाटन को लेकर कई बार विवाद हो चुका है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज हुगली के सिंगुर भी जाएंगी। वहां वह संतोषी माता के व्रत का उद्यापन करेंगी। ममता 16 वर्षों से संतोषी माता का व्रत कर रही हैं। सिंगुर में वह संतोषी माता का मंदिर भी बनवा चुकी हैं। बता दें कि कभी सिंगूर में जबरन भूमि अधिग्रहण के खिलाफ ममता ने 26 दिनों तक भूख हड़ताल की थीं। इसी आंदोलन ने ममता को बंगाल की सत्ता तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी।