मोदी मंत्रिमंडल में शामिल इन 15 नामों ने सभी को चौंकाया, दूर-दूर तक नहीं था इनका जिक्र; कौन है सबसे कम उम्र और सबसे अमीर मंत्री?
Modi Cabinet 3.0 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों ने शपथ ग्रहण की है। मोदी के साथ 71 सांसदों ने मंत्री पद के लिए शपथ ली। इसमें से कुछ नाम एकदम चौंकाने वाले सामने आए। यहां जानिए कौन-से हैं वे नाम जिन्हें मोदी ने अपने मंत्रिमंडल में शामिल कर लोगों को हैरत में डाल दिया है...
चुनाव डेस्क, नई दिल्ली। एनडीए के नेता नरेंद्र मोदी आज यानी 9 जून शाम 7:15 पर लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ ही उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों ने शपथ ग्रहण की। मोदी के साथ 71 सांसदों ने मंत्री पद की शपथ ली। इसमें से कुछ नाम एकदम चौंकाने वाले सामने आए। यहां जानिए कौन-से हैं वे नाम, जिन्हें मोदी ने अपने मंत्रिमंडल में शामिल कर लोगों को हैरत में डाल दिया है...
गुजरात से इन चेहरों ने चौंकाया
1. सीआर पाटिल: हर चुनाव में बढ़ता गया जीत का अंतर
नवसारी सीट से 7.77 लाख वोटों के भारी-भरकम अंतर से जीतकर आए सीआर पाटिल भी मोदी के मंत्रिमंडल का हिस्सा बन गए हैं। पाटिल भाजपा की गुजरात इकाई के अध्यक्ष हैं। सीआर पाटिल का जन्म महाराष्ट्र के जलगांव में हुआ।पाटिल 2009 के चुनाव से पहली बार नवसारी लोकसभा सीट से चुनाव लड़े और एक लाख वोटों से जीत दर्ज की थी। इसके बाद 2014, 2019 और 2024 के चुनाव में भी उन्होंने इसी सीट से बंपर जीत हासिल की। मजेदार बात यह है कि पाटिल की जीत का अंतर हर चुनाव में बढ़ जाता है।
बता दें कि मोदी के करीबी नेताओं में गिने जाने वाले सीआर पाटिल ने आईटीआई करने के बाद गुजरात पुलिस बल में कांस्टेबल की नौकरी भी की थी। 1984 में नौकरी छोड़ खुद का बिजनेस शुरू किया। साथ ही समाज सेवा के क्षेत्र में भी सक्रिय हो गए। 1989 में भाजपा में शामिल हुए। दक्षिण गुजरात में भाजपा की मजबूती का श्रेय पाटिल को दिया जाता है।
2. निमुबेन बंभानिया: पेशे से टीचर
भावनगर लोकसभा सीट से 4.55 लाख वोटों से जीतकर संसद पहुंची निमुबेन बंभानिया को भी मोदी के मंत्रिमंडल में जगह मिली है। निमुबेन तलपड़ा कोली समाज से आती हैं। वे पेशे से टीचर रही हैं और साथ में सामाजिक कार्यकर्ता भी। 8 सितंबर, 1966 को जन्मीं निमुबेन बाभंणिया ने गणित व विज्ञान विषयों से बीएससी और बीएड किया है। निमुबेन के पति का नाम जयंतीभाई बाभंणिया है।वह अपने पति के साथ स्कूल चलाती हैं। निमुबेन की छवि शांत, आदर्श और सरल स्वभाव वाले नेता के तौर पर है। बता दें कि मेयर चुने जाने के बाद निमुबेन ने सरकारी वाहनों के इस्तेमाल के खिलाफ फैसला किया था। इतना ही नहीं, उनके परिवार के सदस्यों को भी उनके कार्यालय में आने की इजाजत नहीं थी। निमुबेन 2009 से 2010 और 2015 से 2018 तक भावनगर की मेयर रहीं।
उत्तर प्रदेश से इन कामों ने चौंकाया
3. कमलेश पासवान: राजनेता था पिता, रैली में हुई थी हत्या
गोरखपुर जिले के बांसगांव लोकसभा सीट से भाजपा सांसद कमलेश पासवान को भी मोदी ने अपने मंत्रिमंडल में जगह दी है। कमलेश 2009 से लगातार जीतते आ रहे हैं। कमलेश पासवान के पिता ओम प्रकाश पासवान भी राजनीति में थे, उन्हें एक रैली को संबोधित करने के दौरान मार दिया गया था। कमलेश पासवान की मां सुभावती पासवान भी सांसद रह चुकी हैं। कमलेश पासवान के छोटे भाई विमलेश पासवान भी बांसगांव सीट से भाजपा के दूसरी बार विधायक हैं। बता दें कि पॉलिटिकल साइंस से पोस्ट ग्रेजुएट हैं। पत्नी का रितु पासवान है। उनके दो बच्चे- एक बेटा और बेटी है।4. कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया बने मंत्री
यूपी की गोंडा लोकसभा सीट से लगातार तीसरी बार भाजपा के टिकट पर सांसद चुने गए कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया ने भी मंत्री पद की शपथ ली है। जबकि इस बार वह पांचवीं बार सांसद चुने गए हैं। 1998 और 2004 में वह सपा के टिकट पर सांसद चुने गए थे। लखनऊ विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएट करने वाले राजा भैया को पावर्ड हैंग ग्लाइडर केवी के खासा शौकीन हैं। पत्नी का नाम मधु श्री सिंह है और उनके बेटे का नाम जयवर्धन सिंह। जयवर्धन सिंह मौजूदा वक्त में पढ़ाई कर रहे हैं। हालांकि, वह पिता के चुनाव के दौरान सक्रिय थे।बिहार से इन नामों ने हैरत में डाला
5. रामनाथ ठाकुर: पिता नहीं चाहते थे- बेटा राजनीति में आए
राज्यसभा सांसद रामनाथ ठाकुर को भी मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिली है। बिहार की राजनीति में ठाकुर एक जाना-पहचाना नाम है और वह नीतीश कुमार के खासा करीबी भी माने जाते हैं। रामनाथ ठाकुर ने राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ली है। रामनाथ बिहार के पूर्व सीएम और भारत रत्न से सम्मानित कर्पूरी ठाकुर के बेटे हैं। बताया जाता है कि कर्पूरी ठाकुर जब तक राजनीति में रहें, उन्होंने अपने बेटे को राजनीति से दूर रखा। वह नहीं चाहते थे कि बेटा नेता बने।6. सतीश दुबे : उत्तर बिहार के मजबूत ब्राह्मण नेता
भाजपा के राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र दुबे को भी मोदी ने अपना मंत्री बनाया है। सतीश को उत्तर बिहार का मजबूत ब्राह्मण नेता माना जाता है। सतीश वाल्मीकि नगर सीट से 2014 से 2019 तक लोकसभा के सांसद रह चुके हैं। 2019 में उनका टिकट कट जाने के बाद भाजपा हाईकमान ने उन्हें राज्यसभा भेज दिया था। सांसद बनने से पहले वह चनपटिया और नरकटिया विधानसभा सीट से विधायक भी रह चुके हैं।7. डॉ. राज भूषण चौधरी निषाद: मुकेश सहनी को झटका
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में सबसे अधिक जिस नाम ने चौंकाया है, वह नाम है मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट से पहली बार सांसद चुनकर संसद पहुंचने वाले डॉ. राजभूषण चौधरी निषाद का। राजभूषण अति पिछड़ा समाज की निषाद जाति से हैं।बता दें कि राजभूषण कुछ महीने पहले ही वीआईपी पार्टी छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे। भाजपा के टिकट पर वह चुनाव लड़े थे। पेशे से चिकित्सक राज भूषण का मोदी सरकार में मंत्रि बनना बिहार में मुकेश सहनी के लिए झटका माना जा रहा है, जोकि निषादों की राजनीति करते हैं।8. केरल: अभिनेता से नेता और अब मंत्री बने सुरेश गोपी
अभिनेता से नेता बने केरल की त्रिशूर सीट से भाजपा सांसद सुरेश गोपी को भी मोदी सरकार में मंत्री बनाया गया है। सुरेश गोपी ने केरल में भाजपा का खाता खोला है। सुरेश गोपी का जन्म केरल के अलप्पुझा में 26 जून 1958 को हुआ था। उनकी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई कोल्लम से हुई। बाद में जूलॉजी से बीएससी और अंग्रेजी पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री हासिल की। 1965 से एक बाल कलाकार से अभिनय की शुरुआत की।