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Video : सचिन तेंदुलकर को शरद पवार की नसीहत, कहा- अपने क्षेत्र से अलग मसलों पर बोलने में बरतें सावधानी

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने सचिन को सलाह दी है कि वे अपने क्षेत्र को छोड़कर किसी अलग विषय पर बोलने में सावधानी बरतें। पवार ने कहा कि जो राय इन्होंने रखी है उससे लोगों में नाराजगी है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Sun, 07 Feb 2021 12:32 AM (IST)
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राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने सचिन को सलाह दी है वह बोलने में सावधानी बरतें...
पुणे, एजेंसियां। पॉप सिंगर रिहाना और पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग के ट्वीटों के बाद तेंदुलकर और ख्यात पा‌र्श्व गायिका लता मंगेशकर जैसी हस्तियों ने सरकार के समर्थन में इंटरनेट मीडिया पर हैशटैग इंडिया टुगेदर और हैशटैग इंडिया अगेंस्ट प्रोपेगेंडा पर अपने संदेश दिए थे। इसे लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार ने शनिवार के कहा कि किक्रेट आइकन सचिन तेंदुलकर को किसानों के मुद्दे पर बोलने में सतर्क रहना चाहिए। 

दूसरे मुद्दों पर बोलते समय सतर्क रहें 

समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक यह पूछे जाने पर नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर जारी प्रदर्शन को लेकर तेंदुलकर और मंगेशकर जैसी हस्तियों ने भी प्रतिक्रियाएं व्यक्त की हैं, इस पर पवार का कहना था कि लोगों ने जोरदार जवाब दिया है। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा, 'मैं सचिन (तेंदुलकर) को सलाह दूंगा कि उन्हें दूसरे क्षेत्र के मुद्दों पर बोलते समय सतर्क रहना चाहिए।'

राज ठाकरे ने केंद्र पर साधा निशाना 

वहीं, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने कहा कि सरकार को विदेशियों के ट्वीटों के खिलाफ अपने अभियान में सचिन तेंदुलकर और लता मंगेशकर जैसी हस्तियों को इंटरनेट मीडिया पर सामने नहीं लाना चाहिए। उन्होंने कहा कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों के समर्थन में यदि अमेरिकी पॉप स्टार और कुछ अन्य का सामने आना भारत के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप है तो फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का डोनाल्ड ट्रंप के समर्थन में नारा लगाना भी समस्या थी।

तेंदुलकर की साख दांव पर न लगाए सरकार 

राज ठाकरे ने कहा कि केंद्र को सचिन तेंदुलकर और लता मंगेशकर से अपने पक्ष में ट्वीट करने के लिए कह कर उनकी साख को दांव पर नहीं लगाना चाहिए था। सरकार को अभिनेता अक्षय कुमार का भी अपने अभियान के लिए सीमित इस्तेमाल ही करना चाहिए।

दरअसल, किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए पॉप स्टार रिहाना और ग्रेटा थनबर्ग समेत कई अंतरराष्ट्रीय हस्तियों ने कहा था कि हमें इस मसले पर बात करनी चाहिए। रिहाना ने ट्वीट में किसान आंदोलन से जुड़ी खबर शेयर करते हुए लिखा था कि हम इस बारे में बात क्यों नहीं कर रहे? दूसरी ओर पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने कहा था कि हम भारत में प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ खड़े हैं।

बाहरी ताकतें ना करें दखलंदाजी

इसके बाद सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने ट्वीट कर कहा था कि भारत की संप्रभुता से समझौता नहीं किया जा सकता है। किसान आंदोलन में बाहरी ताकतों को दखलंदाजी नहीं करनी चाहिए। बाहरी ताकतें दर्शक हो सकती हैं... प्रतिभागी नहीं। भारतीय भारत को बेहतर तरीके से जानते हैं और उनको ही भारत में चल रहे मसलों पर फैसला करना चाहिए। आइए एक राष्ट्र के रूप में हम सभी एकजुट हों।

इन्‍होंने विदेशी हस्तियों को दी थी नसीहत 

विदेशी हस्तियों के ट्वीट पर अभिनेता अक्षय कुमार, सुनील शेट्टी, अजय देवगन और करण जौहर ने इंडियाटुगेदर हैशटैग के साथ केंद्र सरकार का समर्थन किया था। साथ ही विदेशी हस्तियों द्वारा किसान आंदोलन पर प्रतिक्रिया देने को प्रोपेगेंडा करार दिया था। अभिनेता अक्षय कुमार ने कहा था कि सरकार किसानों के मसले के समाधान की कोशिश कर रही है। अत: विभाजन पैदा करने वालों पर ध्यान देने की बजाय समाधान पर ध्यान दें। 

झूठा प्रचार न करें

वहीं अभिनेता अजय देवगन ने ट्वीट कर कहा था कि भारत या भारतीय नीतियों के खिलाफ किसी भी तरह का झूठा प्रचार न करें। इस समय जरूरत है एकजुट होने की। सुनील शेट्टी ने लिखा कि हमें हमेशा चीजों पर व्यापक दृष्टिकोण रखना चाहिए क्योंकि आधे सच से ज्यादा खतरनाक कुछ भी नहीं है। करण जौहर ने लिखा कि हमें मिलकर हर संभव प्रयास करना चाहिए ताकि हमें कोई विभाजित न कर पाए।