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Om Prakash Dhankar: जानें- हरियाणा के नए BJP चीफ ओम प्रकाश धनखड़ से जुड़ी 6 खास बातें

Om Prakash Dhankar रेवाड़ी में कैप्टन अभिमन्यु सहित कई नेताओं ने कामयाब रैली कराकर मोदी का दिल जीता मगर इसका आधार तैयार करने का श्रेय ओपी धनखड़ के ही नाम रहा।

By JP YadavEdited By: Updated: Tue, 21 Jul 2020 07:21 AM (IST)
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Om Prakash Dhankar: जानें- हरियाणा के नए BJP चीफ ओम प्रकाश धनखड़ से जुड़ी 6 खास बातें

रेवाड़ी [महेश कुमार वैद्य]। Om Prakash Dhankar: भाजपा के नव नियुक्त प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ से जुड़े किस्सों की भरमार है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के साधारण कार्यकर्ता से लेकर सत्तारूढ़ दल के मुखिया बनने तक के सफर में ओपी धनखड़ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे वरिष्ठ नेताओं की नजर में खुद को कई बार साबित किया है। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी जब हरियाणा की कमान थामे हुए थे तब ओपी धनखड़ महामंत्री थे। नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री बने, तब हर चुनाव में ओपी धनखड़ का गुजरात जाना तय था। जानिए छह फीट लंबे ओपी धनखड़ के राजनीतिक जीवन से जुड़ी छह खास बातें।

जनरल वीके सिंह को मोदी से मिलवाया

गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए ही नरेंद्र मोदी ने चुनाव कैंपेन शुरू कर दिया था। इसी कड़ी में उन्होंने पूर्व सैनिकों की एक रैली की परिकल्पना की। नरेंद्र मोदी चाहते थे कि 15 सितंबर 2013 की पूर्व सैनिक रैली में जनरल वीके सिंह मंच पर हों, जबकि वीके सिंह चाहते थे कि मंच सांझा करने से पहले मोदी से मुलाकात हो जाए। तब रैली से पहले ओपी धनखड़ खुद वीके सिंह को लेकर नरेंद्र मोदी से मिलवाने गुजरात लेकर गए थे।

ओपी धनखड़ ने बनाई रैली की भूमिका

 नरेंद्र मोदी की इच्छा पर ओपी धनखड़ ने पूर्व सैनिकों की एक रैली की भूमिका तैयार की। पहले दिल्ली के किसी स्टेडियम का विचार किया। फिर झज्जर के लिए प्रयास किए, मगर अंत में रेवाड़ी में रैली करने का निर्णय लिया। भाजपा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष अरविंद यादव के साथ मिलकर कई गांवों में पूर्व सैन्य अधिकारियों व सैनिकों से मिलकर रैली का खाका तैयार किया, लेकिन तब तक पार्टी सक्रिय हो चुकी थी। रैली की कमान व्यक्ति विशेष के हाथों से निकलकर पार्टी के पास पहुंच गई। कैप्टन अभिमन्यु सहित कई नेताओं ने कामयाब रैली कराकर मोदी का दिल जीता, मगर इसका आधार तैयार करने का श्रेय ओपी धनखड़ के ही नाम रहा।

स्वामीनाथन आयोग और धनखड़

अगर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने के लिए सबसे सशक्त आंदोलन करने वाले चेहरों की तलाश की जाए तो धनखड़ का नाम बिना विवाद के उभरकर सामने आएगा। विपक्ष में रहते हुए कुर्ता उतारकर भी उन्होंने इसे लागू करने की मांग उठाई। जब भाजपा केंद्र व राज्य की सत्ता में आई तो स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करवाने के लिए विपक्ष के निशाने पर भी धनखड़ ही रहे।

प्रयोगधर्मी है भाजपा के नए प्रधान

भाजपा के नए प्रधान ओम प्रकाश धनखड़ प्रयोगधर्मी है। ग्राम पंचायतों को स्टार ग्रेडिंग देने की सेवन स्टार योजना हो या पढ़ी-लिखी पंचायतों का कानून और  मामले में ओपी धनखड़ ने नई पहल की। गाय के पेट से सिर्फ बछड़ी ही जन्म ले सके जैसी योजनाओं पर बतौर कृषि मंत्री पूरा ध्यान दिया।

बादली को क्यों बनाया था कर्मस्थली

ओपी धनखड़ के दादरी से बादली आने की कहानी भरोसे से जुड़ी है। धनखड़ के दादा-पड़दादा झज्जर जिले की बादली विधानसभा सीट के बड़े गांव ढाकला के मूल निवासी थे तथा बाद में चरखी दादरी में बस गए थे। बिना लहर दादरी ने धनखड़ को स्वीकार नहीं किया था, इसलिए पहला चुनाव हार गए। बाद में वर्ष 2014 में मोदी के कारण भाजपा लहर बनी तो ओपी धनखड़ ने अपने पूर्वजों की माटी को कर्मस्थली बना लिया। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गढ़ में पहला चुनाव जीते। इस बार हार गए थे, मगर दो दिन में गले में इतने हार आ चुके हैं कि वह हार अतीत बन गई है।

रोहतक से दूसरी बार क्यों नहीं लड़ा चुनाव

ओपी धनखड़ 2014 के लोकसभा चुनाव में हार के बावजूद 2019 में भी दीपेंद्र सिंह हुड्डा के सामने दो-दो हाथ करने के लिए तैयार थे, मगर खुद टिकट के लिए लाइन में लगना नहीं चाहते थे। पार्टी ने गैर जाट का प्रयोग कर पहली बार रोहतक की जाट बहुल सीट से अरविंद शर्मा को मैदान में उतार दिया। पार्टी के फैसले के आगे धनखड़ से लेकर कैप्टन अभिमन्यु तक सबको झुकना पड़ा।