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10 साल में मुख्‍यमंत्री रह चुके 14 कद्दावर नेताओं ने छोड़ा 'हाथ' का साथ, क्‍या नाथ जाएंगे कमल के साथ?

पिछले दो-तीन दिन से मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के पार्टी छोड़ने और भाजपा में शामिल होने की अटकलों से बाजार गर्माया रहा। हालांकि कमलनाथ ने भाजपा में शामिल होने से साफ इनकार कर दिया है। अगर कमलनाथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होते तो वह भी उन पूर्व मुख्यमंत्रियों की कतार में शामिल हो जाते जिन्‍होंने बहुत पुरानी पार्टी से मुंह मोड़ लिया।

By Jagran News Edited By: Deepti Mishra Updated: Mon, 19 Feb 2024 05:41 PM (IST)
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वे नेता जो कांग्रेस से मुख्‍यमंत्री रहे और बाद में छोड़ दी पार्टी।
 डिजिटल डेस्क, नई दिल्‍ली। पिछले दो-तीन दिन से कांग्रेस के दिग्गज नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के पार्टी छोड़ने और भाजपा में शामिल होने की अटकलों से बाजार गर्माया रहा। कहा जा रहा था कि कमलनाथ अपने बेटे नकुल नाथ, कई समर्थक विधायक और स्‍थानीय नेताओं संग भाजपा में शामिल हो सकते हैं।

हालांकि, कमलनाथ ने भाजपा में शामिल होने से साफ इनकार कर दिया है। अगर कमलनाथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होते तो वह भी उन पूर्व मुख्यमंत्रियों की कतार में शामिल हो जाते, जिन्‍होंने बहुत पुरानी पार्टी से मुंह मोड़ लिया। उनमें से कई तो भाजपा में भी शामिल हो गए। यहां पढ़िए, उन कद्दावर नेताओं के बारे में जो कांग्रेस से मुख्यमंत्री पद पर रहे और बाद में पार्टी छोड़ दी...

1. अशोक चव्हाण

महाराष्ट्र के दो बार मुख्यमंत्री रहे और गांधी परिवार के वफादार रहे शंकरराव चव्हाण के वारिस व खुद दो बार सीएम रहे अशोक चव्हाण ने 12 फरवरी 2024 को कांग्रेस पार्टी छोड़ दी। इसके अगले दिन ही भाजपा में शामिल हो गए। कांग्रेस छोड़ने की वजह पर बात करते हुए अशोक चव्हाण ने स्थानीय नेतृत्व से नाराजगी जाहिर की। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय नेतृत्व चीजों को संभालने में नाकाम रहा।

2. किरण कुमार रेड्डी

आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी ने मार्च 2023 में कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया था। इसके बाद वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे। रेड्डी ने कांग्रेस छोड़ने की वजह बताते हुए कहा था, ''मैंने कभी नहीं सोचा था कि कांग्रेस को छोड़ना पड़ेगा। एक कहावत बहुत चर्चित है कि मेरा राजा बहुत बुद्धिमान है, वो कभी अपने आपसे नहीं सोचते, ना ही वो किसी की सलाह मानते। आप सबको पता चल गया होगा कि मैं क्या कहना चाहता हूं।''

दरअसल  उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व पर राज्‍य के नेताओं को दरकिनार करने का आरोप लगाया था। वर्तमान में वह भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का हिस्सा हैं।

3. गुलाम नबी आजाद

जम्मू-कश्‍मीर के मुख्यमंत्री रहे कांग्रेस के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद ने अगस्त 2022 में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद गुलाम नबी आजाद ने अपनी खुद की पार्टी - डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी बनाई। आजाद ने कांग्रेस पार्टी में चल रही मनमानी और राहुल गांधी के नेतृत्व कौशल पर सवाल खड़ा किए थे।

4. दिगंबर कामत

गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री और एक जमाने में कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे दिगंबर कामत ने सितंबर 2022 में पार्टी छोड़ दी थी। इसके साथ ही अगले दिन वह भाजपा में शामिल हो गए। कांग्रेस छोड़ने के दौरान उन्होंने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर गोवा के मामलों को दरकिनार करने का आरोप लगाया।

5. प्रताप सिंह राणे 

गोवा के कद्दावर नेता रहे और छह बार के मुख्यमंत्री प्रताप सिंह राणे ने मार्च 2022 में राजनीति से संन्यास ले लिया। मौजूदा वक्त में उनके बेटे विश्‍वजीत राणे प्रमोद सावंत की अगुआई वाली भाजपा सरकार में मंत्री हैं और बहू देविया राणे भाजपा विधायक हैं। बताया गया कि उनके बेटे की ओर से उन पर कांग्रेस छोड़ने का दबाव बनाया गया था।  

6. कैप्‍टन अमरिंदर सिंह

पंजाब में दो बार के मुख्‍यमंत्री रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नवंबर 2021 में कांग्रेस पार्टी छोड़ दी। इसके बाद उन्होंने अपनी पार्टी - 'पंजाब लोक कांग्रेस पार्टी' का गठन किया, जो विधानसभा चुनाव में बुरी तरह नाकाम साबित हुई। इसके बाद कैप्‍टन ने अपनी पार्टी का भाजपा में विलय कर लिया। अब वे भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का हिस्सा हैं। उनकी बेटी जय इंदर कौर भाजपा की राज्य महिला विंग की प्रमुख हैं। बता दें कि कैप्टन मुख्यमंत्री पद से बड़ी रुखाई से हटाए जाने की वजह से नाराज थे। इसके लिए राहुल और प्रियंका गांधी को जिम्मेदार बताया था।

7. लुइजिन्हो फलेरो

गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता लुइजिन्हो फलेरो (Luizinho Faleiro) ने सितंबर 2021 को कांग्रेस को अलविदा कह दिया। इसके बाद वे तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे। कांग्रेस छोड़ते वक्त उन्होंने स्थानीय इकाई को 'कांग्रेस के मूल्यों का क्रूर मजाक'  करार दिया था। उन्होंने कहा था कि पार्टी का पतन रुकने का नाम नहीं ले रहा है।

8. एस एम कृष्‍णा

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा ने जनवरी 2017 में कांग्रेस का साथ छोड़ दिया था और भाजपा में शामिल हो गए थे। कांग्रेस में शामिल होने के बाद एसएम कृष्‍णा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की थी। हालांकि, बाद में उन्होंने खुद को सार्वजनिक जीवन से दूर कर लिया। उन्होंने कांग्रेस छोड़ने की वजह राहुल गांधी के काम करने के तौर-तरीके बताए थे।

9. नारायण राणे

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ कांग्रेसी नेता नारायण राणे ने सितंबर 2017 में कांग्रेस को अलविदा कह दिया था। इसके बाद वह भाजपा में शामिल हो गए। फिलहाल, केंद्रीय मंत्री हैं। कांग्रेस छोड़ने के पीछे राणे ने राज्य के नेताओं को तवज्जो नहीं दिया जाना बताया था।

10. विजय बहुगुणा

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने मई 2016 में कांग्रेस का साथ छोड़ दिया था। विजय बहुगुणा राज्‍य के आठ पूर्व विधायकों और अपने बेटे साकेत बहुगुणा के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे। फिलहाल, विजय बहुगुणा के बेटे साकेत बहुगुणा उत्तराखंड भाजपा सरकार में मंत्री हैं। विजय बहुगुणा अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी हरीश रावत को राज्‍य का मुख्‍यमंत्री सीएम बनाए जाने से नाराज थे, इसलिए कांग्रेस छोड़ी थी।

11. पेमा खांडू

अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू सितंबर 2016 में कांग्रेस छोड़ दी थी और 43 विधायकों संग पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल प्रदेश (पीपीए) में शामिल हो गए थे। हालांकि, बाद में भाजपा में शामिल हो गए और अभी  राज्‍य के मुख्‍यमंत्री हैं। उन्होंने कांग्रेस छोड़ने के पीछे की वजह भाजपा के 'विकास एजेंडा' को बताया।

12. रवि नाइक

कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री रवि नाइक ने दो बार कांग्रेस का हाथ छोड़ा। पहली बार 2000 में कांग्रेस का साथ छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे। हालांकि, साल 2002 में कांग्रेस में वापसी कर ली थी, लेकिन दिसंबर 2021 में फिर कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए।

13. जगदंबिका पाल

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगदंबिका पाल ने भी मार्च 2014 में कांग्रेस को अलविदा कह दिया था। उसके बाद उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था। बता दें कि जगदंबिका पाल तीन दिन के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर रहे थे।

14. नारायण दत्त तिवारी

कांग्रेस के कद्दावर नेता नारायण दत्त तिवारी यानी एनडी तिवारी तीन बार यूपी और एक बार उत्‍तराखंड के मुख्‍यमंत्री रहे। 53 साल तक कांग्रेस में रहने के बाद साल 2017 में 'हाथ' का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था।

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