Move to Jagran APP

पीएम मोदी ने दिया नया नारा, 'गंदगी भारत छोड़ो', बोले- कमजोर बनाने वाली बुराइयां भागें, इससे अच्छा और क्या

पीएम मोदी ने राष्‍ट्रीय स्वच्छता केंद्र का उद्घाटन किया है। स्वच्छ भारत मिशन को प्रमोट करने के लिए राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र की शुरुआत की गई है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Sun, 09 Aug 2020 04:20 AM (IST)
Hero Image
पीएम मोदी ने दिया नया नारा, 'गंदगी भारत छोड़ो', बोले- कमजोर बनाने वाली बुराइयां भागें, इससे अच्छा और क्या
नई दिल्‍ली, एजेंसियां। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्‍ली में 'स्वच्छ भारत अभियान' के तहत बनाए गए 'राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र' (Rashtriya Swachhta Kendra) का उद्घाटन किया। महात्मा गांधी को समर्पित किए गए इस केंद्र में लोगों को स्वच्छ भारत मिशन की सफलता और स्‍वच्‍छता के फायदों के बारे में बताया जाएगा। राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र के उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने बच्‍चों से संवाद किया और उन्‍हें स्‍वच्‍छता की लड़ाई में अपनी सेना बताया। महात्‍मा गांधी ने आज के ही दिन आजादी की लड़ाई का आंदोलन शुरू करते हुए अंग्रेजों भारत छोड़ो का नारा दिया था। इसी तर्ज पर पीएम मोदी ने भी 'गंदगी भारत छोड़ो' का नया नारा दिया। 

भारत छोड़ें देश को कमजोर बनाने वाली बुराइयां 

प्रधानमंत्री ने कहा‍ कि महात्मा गांधी जी का अभियान था- अंग्रेजों भारत छोड़ो। अब हम लोग अभियान चला रहे हैं- गंदगी भारत छोड़ो। देश को कमजोर बनाने वाली बुराइयां भारत छोड़ें, इससे अच्छा और क्या होगा। इसी सोच के साथ पिछले छह वर्षों से देश में एक व्यापक 'भारत छोड़ो अभियान' चल रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा- गरीबी- भारत छोड़ो... खुले में शौच की मजबूरी- भारत छोड़ो... पानी के दर-दर भटकने की मजबूरी- भारत छोड़ो... भ्रष्टाचार की कुरीति- भारत छोड़ो..!

गंदगी भारत छोड़ो सप्‍ताह चलाने का आह्वान 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंदगीमुक्त भारत अभियान की शुरुआत की। शनिवार से शुरू हुआ अभियान 15 अगस्त तक चलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत छोड़ो के ये सभी संकल्प स्वराज से सुराज की भावना के अनुरूप हैं। आइए आज से 15 अगस्त तक यानि स्वतंत्रता दिवस तक देश में एक हफ्ते का लंबा अभियान चलाएं। स्वराज के सम्मान का सप्‍ताह यानी 'गंदगी भारत छोड़ो सप्‍ताह'... मोदी ने कहा कि स्वच्छता अभियान की सफलता के बाद अब देश को गंदगीमुक्त बनाने पर जोर देना होगा। कचरे से कंचन बनाना है। 

कचरा प्रबंधन पर जोर 

गंदगीमुक्त अभियान में कचरा प्रबंधन के बारे में लोगों को जागरूक बनाने पर जोर दिया जाएगा। मोदी ने कहा कि हमें कचरे से खाद बनाने, सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति पाने की दिशा में बढ़ना होगा। प्रधानमंत्री ने सभी कलेक्टरों से कहा कि वे 15 अगस्त तक अपने-अपने जिलों में यह अभियान सघनता से चलाएं। हर जिले के कलेक्टर गांवों में सामुदायिक शौचालय बनाएं और मरम्मत कराएं। इस दौरान 'दो गज की दूरी-मास्क जरूरी' के मंत्र पर भी अमल करना जरूरी है।   

60 करोड़ लोग शौचालय से जुड़े 

पिछले छह वर्षों के स्वच्छ भारत अभियान की सफलता की चर्चा करते हुए PM मोदी ने कहा कि इससे कोरोना से युद्ध में भी लाभ मिला है। उन्होंने कहा, 'अगर 2014 के पहले कोरोना जैसी आपदा आती तो क्या हम इसे रोक पाते। लॉकडाउन कभी सफल होता? उस समय 60 करोड़ की बड़ी आबादी खुले में शौच करने को मजबूर थी। कोरोना के दौरान शौचालय न होता तो क्या हाल होता?' उन्होंने कहा कि स्वच्छता एक सफर है, जो जीवनभर और पीढ़ी दर पीढ़ी चलने वाला है। देश के सभी गांवों ने खुद को खुले में शौचमुक्त (ओडीएफ) कर लिया है। 60 महीने के दौरान देश के 60 करोड़ लोग शौचालय से जुड़ गए हैं।

यमुना को भी गंदे नालों से मुक्‍त करना है

पीएम मोदी ने कहा कि जैसे गंगा जी की निर्मलता को लेकर हमें उत्साहजनक परिणाम मिल रहे हैं, वैसे ही देश की दूसरी नदियों को भी हमें गंदगी से मुक्त करना है। यहां पास में ही यमुना जी हैं। यमुना जी को भी गंदे नालों से मुक्त करने के अभियान को हमें तेज करना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्‍वच्‍छ भारत अभियान से देश के बच्चे-बच्चे में पर्सनल और सोशल हाइजीन को लेकर जो चेतना पैदा हुई है। इसका बहुत बड़ा लाभ कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भी हमें मिल रहा है। आप कल्पना कीजिए, यदि कोरोना जैसी महामारी 2014 से पहले आती, तो क्या स्थिति होती।

गंदगी सबसे ज्यादा असर गरीब पर 

पीएम मोदी ने कहा, 'गांधी जी कहते थे... स्वराज सिर्फ साहसी और स्वच्छ जन ही ला सकते हैं। स्वच्छता और स्वराज के बीच के रिश्ते को लेकर गांधी जी इसलिए आश्वस्त थे क्योंकि उन्हें यकीन था कि गंदगी यदि सबसे ज्यादा नुकसान किसी का करती है, तो वो गरीब है। जबतक जनता में आत्मविश्वास पैदा नहीं होता, तबतक वो आजादी के लिए खड़ी कैसे हो सकती था? इसलिए, साउथ अफ्रीका से लेकर चंपारण और साबरमती आश्रम तक, उन्होंने स्वच्छता को ही अपने आंदोलन का बड़ा माध्यम बनाया। 

बदल रहा गरीबों का जीवन 

प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान ने हर देशवासी के आत्मविश्वास और आत्मबल को बढ़ाया है लेकिन इसका सबसे अधिक लाभ देश के गरीबों के जीवन पर दिख रहा है। स्वच्छ भारत अभियान से हमारी सामाजिक चेतना, समाज के रूप में हमारे आचार-व्यवहार में भी स्थाई परिवर्तन आया है। राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र, गांधी जी के स्वच्छाग्रह और उसके लिए समर्पित कोटि-कोटि भारतीयों के विराट संकल्प को एक जगह समेटे हुए है। इस केंद्र में सत्याग्रह की प्रेरणा से स्वच्छाग्रह की हमारी यात्रा को आधुनिक टेक्नॉलॉजी के माध्यम से दिखाया गया है। 

बच्‍चे ही बड़ों को रास्ता दिखा सकते हैं 

पीएम मोदी ने कहा कि इस ऐतिहासिक दिवस पर, राजघाट के समीप, राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र का लोकार्पण अपने आप में बहुत प्रासंगिक है। यह केंद्र, बापू के स्वच्छाग्रह के प्रति 130 करोड़ भारतीयों की श्रद्धांजलि है, कार्यांजलि है। पिछले साल देश के सभी गांवों ने अपने आप को खुले में शौच मुक्त घोषित किया था, इस सफलता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे बच्‍चे स्वच्छता चैंपियन बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाले हैं। शहर से लेकर गांव तक, स्कूल से लेकर घर तक आप ही बड़ों को रास्ता दिखा सकते हैं कि वह साफ-सफाई का ध्यान रखें।

स्वच्छ भारत मिशन पर बनी शॉर्ट फिल्म भी देखी

पीएम मोदी ने सबसे पहले महात्‍मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्‍पांजलि अर्पित की। इसके बाद उच्‍च तकनीकी अनुभव केंद्र का अवलोकन किया। इस दौरान राजघाट पर पीएम मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन पर बनी शॉर्ट फिल्म देखी। पीएम मोदी ने कहा कि इस केंद्र में सत्याग्रह की प्रेरणा से स्वच्छाग्रह की हमारी यात्रा को आधुनिक टेक्नॉलॉजी के माध्यम से दर्शाया गया है। मैं ये भी देख रहा था कि स्वच्छता रोबोट यहां आए बच्चों के बीच में काफी लोकप्रिय है। यह राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र, गांधी जी के स्वच्छाग्रह और उसके लिए समर्पित कोटि-कोटि भारतीयों के विराट संकल्प को एक जगह समेटे हुए है।