लोकसभा अध्यक्ष के लिए भाजपा ने बिछाई बिसात, NDA के सहयोगी को मिल सकता है डिप्टी स्पीकर का पद
लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव के नजदीक आने के साथ ही सभी का ध्यान अध्यक्ष के पद पर केंद्रित हो गया है जिससे इस बात को लेकर व्यापक अटकलें लगाई जा रही हैं कि अगला पद कौन संभालेगा। जानकारी के लिए बता दें कि अध्यक्ष पद के लिए चुनाव 18वीं लोकसभा के प्रथम सत्र के प्रारंभ होने के दो दिन बाद 26 जून को होना है।
नीलू रंजन, जागरण। नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के बाद सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों की निगाहें आगामी लोकसभा अध्यक्ष पर टिकी है। राजग सहयोगियों के साथ विचार-विमर्श के बाद तय माना जा रहा है कि अगला लोकसभा अध्यक्ष भी भाजपा का ही होगा, लेकिन उपाध्यक्ष का पद भाजपा किसी सहयोगी दल को देने को तैयार है।
वहीं, विपक्ष लोकसभा अध्यक्ष पद के उम्मीदवार नाम की घोषणा के इंतजार में है। किसी दूसरे दल से भाजपा में आए नेता को लोकसभा अध्यक्ष बनाए जाने की स्थिति में विपक्ष का रूख नरम हो सकता है। लेकिन भाजपा के मूल कैडर के नेता को लोकसभा अध्यक्ष बनाए जाने की स्थिति में विपक्ष पूरी ताकत के साथ चुनौती पेश करेगा।
26 जून को नए लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव
ध्यान देने की बात है कि 24 और 25 जून को नव निर्वाचित सांसदों के शपथ ग्रहण के अगले दिन यानी 26 जून को नए लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होना है। तीसरे कार्यकाल में भाजपा के अकेले बहुमत से दूर रहने की स्थिति में लोकसभा अध्यक्ष पद को काफी अहम माना जा रहा है।अब तक अगले लोकसभा अध्यक्ष के उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं हुआ
लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव में राजग सहयोगी दलों के साथ राय मशविरा कर एकमत बनाने की जिम्मेदारी रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को सौंपी गई थी। राजनाथ सिंह के साथ बैठक में सभी राजग लोकसभा अध्यक्ष का पद भाजपा को देने के लिए तैयार हो गए हैं और जदयू ने सार्वजनिक रूप से इसका ऐलान भी कर दिया है। लेकिन भाजपा ने अभी तक अगले लोकसभा अध्यक्ष के उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है।
2019 की तरह चौंकाने वाले नाम सामने आ सकते हैं
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि इस बार भी 2019 की तरह चौंकाने वाले नाम सामने आ सकते हैं, जिसकी घोषणा एक-दो दिन पहले की जाएगी। सूत्रों के अनुसार राजग दलों के बीच लोकसभा अध्यक्ष के साथ ही उपाध्यक्ष पद पर भी चर्चा हुई। वैसे लोकसभा में उपाध्यक्ष पद विपक्ष के किसी नेता को देने की परंपरा रही है। लेकिन 2014 में भाजपा ने राजग के सहयोगी एआइएडीएमके के एम थंबीदुरई को उपाध्यक्ष बनाया था।2019 में किसी को उपाध्यक्ष नहीं बनाया गया
वहीं, 2019 में किसी को उपाध्यक्ष बनाया ही नहीं गया। अब बदली हुई परिस्थिति में भाजपा एक बार फिर सहयोगी दल को यह पद को देने को तैयार है। माना जा रहा है कि राजग में भाजपा के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी टीडीपी के खाते में यह जा सकता है। वहीं इस बार संख्या बल में मजबूत स्थिति में आए विपक्ष दल लोकसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद आसानी से भाजपा और सहयोगी दलों के खाते में नहीं देना चाहते हैं। लेकिन भाजपा की ओर से उम्मीदवार की घोषणा के अनुरूप वे अपनी रणनीति तय करेंगे।