गठबंधन में भी संप्रग पर भारी पड़ सकता है राजग, नए दलों के जुड़ने से संख्या 20 तक पहुंचने की संभावना
2024 में संप्रग के स्वरूप का अंदाजा काफी हद तक पिछले दिनों पटना में विपक्षी दलों की बैठक से लगाया जा सकता है। बैठक 15 दलों के नेता मौजूद थे। लेकिन बैठक के बाद आम आदमी पार्टी के रुख से साफ हो गया है कि वह 2024 में संप्रग के साथ जाने से परहेज कर सकता है। वहीं दूसरी ओर राजग में मौजूदा समय में 14 दल शामिल हैं।
By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraUpdated: Wed, 28 Jun 2023 12:12 AM (IST)
नई दिल्ली, नीलू रंजन। 2024 के मुकाबले की तैयारी के सिलसिले में गठबंधनों का दौर शुरू हो गया है। जहां कांग्रेस भाजपा विरोधी दलों को एकत्रित कर संप्रग को मजबूत बनाने की कोशिश में लगी है, वहीं भाजपा भी राजग में सहयोगियों की संख्या बढ़ाने की कोशिशों में जुट गया है। वैसे दोनों की ओर से ही तैयारियों को देंखे तो भाजपा के नेतृत्व वाले राजग में पार्टियों की संख्या कांग्रेस के नेतृत्व वाले संप्रग पर भारी पड़ सकती है।
इसकी बानगी संसद के नए भवन के उद्घाटन समारोह में विभिन्न दलों के शामिल होने और कार्यक्रम के बहिष्कार के दौरान भी देखने को मिला। कार्यक्रम के विरोध में 19 दलों की तुलना में समर्थन में 25 दल सामने आए थे। वैसे समर्थन और विरोध वाले कई दल संप्रग और राजग से बाहर हैं।
संप्रग का दायरा 16-17 पार्टियों तक बढ़ सकता है
2024 में संप्रग के स्वरूप का अंदाजा काफी हद तक पिछले दिनों पटना में विपक्षी दलों की बैठक से लगाया जा सकता है। बैठक 15 दलों के नेता मौजूद थे। लेकिन बैठक के बाद आम आदमी पार्टी (आप) के रुख से साफ हो गया है कि वह 2024 में संप्रग के साथ जाने से परहेज कर सकता है। माना जा रहा है कि 12 जुलाई को शिमला होने वाली बैठक में फारवर्ड ब्लाक, आरएसपी और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग जैसी पार्टियों को भी बुलाया जा सकता है, जो पटना की बैठक में नहीं थी। इस तरह से संप्रग का दायरा 16-17 पार्टियों तक बढ़ सकता है।वहीं दूसरी ओर राजग में मौजूदा समय में 14 दल शामिल हैं। 14 मई को इन दलों ने राजग के बैनर तले बयान जारी कर नए संसद भवन के बहिष्कार के विरोध की निंदा की थी। लेकिन इनमें राजग में शामिल होने जा रहे संभावित दल शामिल नहीं हैं। बिहार में उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी, मुकेश सैनी की वीआइपी और जीतन राम मांझी की हम पार्टी का राजग में शामिल होना तय माना जा रहा है।
टीडीपी भी कर सकती है वापसी
इसी तरह से उत्तर प्रदेश में भी ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के साथ भाजपा की बातचीत काफी आगे बढ़ चुकी है। दूसरी ओर 2014 के बाद राजग छोड़कर गए दलों की वापसी की कोशिशें भी शुरू हो गईं है। पिछले दिनों रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अकाली दल की वापसी के स्पष्ट संकेत दिये। वहीं चंद्रबाबू नायडू के साथ अमित शाह की मुलाकात के बाद टीडीपी की वापसी की भी अटकलें लगने शुरू हो गई हैं।जबकि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में हाशिये पर चली गई जेडीएस के 2024 के पहले राजग के खेमे में आने की बात शुरू हो गई है। वैसे दोनों दलों की ओर से अभी तक आधिकारिक रूप में कुछ नहीं कहा गया है। राजग के मौजूदा दलों में सिर्फ एक दल दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी के बाहर जाने की आसार दिख रहे हैं। इस तरह से 2024 के पहले राजग के कुनबे में लगभग 20 दल हो सकते हैं, जो संप्रग के कुनबे में शामिल दलों से ज्यादा होंगे।