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Presidential Election 2022: देश की 15वीं राष्ट्रपति निर्वाचित हुईं द्रौपदी मुर्मू, पीएम मोदी बोले- भारत ने रचा इतिहास

स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने भारत गणराज्य की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति निर्वाचित होने का इतिहास रच दिया है। राष्ट्रपति चुनाव में मुर्मू ने संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को भारी अंतर से पीछे छोड़ते हुए बड़ी जीत हासिल की।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Fri, 22 Jul 2022 02:01 AM (IST)
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द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) ने भारत गणराज्य की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति निर्वाचित होने का इतिहास रच दिया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। Droupadi Murmu Becomes The 15th President of India: स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में राजग उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति निर्वाचित होने का इतिहास रच दिया है। राष्ट्रपति चुनाव में मुर्मू ने संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को बड़े अंतर से हराया। तीसरे राउंड में ही बहुमत का आंकड़ा पार कर चुकी मुर्मू ने कुल 64 प्रतिशत मत प्राप्त किए। विपक्षी खेमे के करीब 17 सांसदों के अलावा बड़ी संख्या में विधायकों ने भी राजग प्रत्याशी के पक्ष में क्रास वो¨टग की। बहुमत का आंकड़ा पार करते ही मुर्मू को बधाई देने का तांता लग गया।

मतों का गणित

  • 4,754 सांसदों एवं विधायकों ने वोट डाले
  • 4,701 वोट वैध पाए गए
  • 53 वोट अमान्य पाए गए
  • 10,56,980 रहा कुल वैध मतों का मूल्य
  • 6,76,803 वोट द्रौपदी मुर्मू को मिले, यह कुल मतों का 64 प्रतिशत है
  • 3,80,177 मत मिले विपक्ष के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा को
  • 13 राज्यों से कोई मत अमान्य नहीं हुआ
  • देश की पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति के रूप में 25 जुलाई को शीर्ष संवैधानिक पद संभालेंगी मुर्मू
  • 64 प्रतिशत मत प्राप्त कर यशवंत सिन्हा को बड़े अंतर से हराया, तीसरे राउंड में स्पष्ट हो गई थी जीत
  • विपक्षी खेमे के 17 सांसदों और करीब 125 विधायकों ने मुर्मू के पक्ष में की क्रास वो¨टग
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर तमाम नेताओं ने दी बधाई, मोदी ने कहा- भारत ने रचा इतिहास
  • भाजपा ने दिल्ली से ओडिशा तक की विजय उत्सव की शुरुआत

भारत ने रचा इतिहास

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सबसे पहले मूर्म को उनके निवास पर जाकर बधाई दी और ट्वीट करते हुए कहा कि जब 1.3 अरब भारतीय आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, तब पूर्वी भारत के एक सुदूर हिस्से में जन्मी आदिवासी समुदाय की भारत की एक बेटी हमारी राष्ट्रपति बनी है। भारत ने इतिहास रच दिया है। मुर्मू का जीवन एक प्रेरणा है।

मतगणना की शुरुआत से ही बनाया बड़ा अंतर

चुनाव से पहले ही मुर्मू की जीत तय मानी जा रही थी। मतगणना के दौरान भी शुरुआत से ही बड़े अंतर से जीत की तस्वीर बनने लगी थी। सांसदों के वोटों की गिनती में ही मुर्मू अपने प्रतिद्वंद्वी सिन्हा से बहुत आगे निकल गई थीं।

तीसरे ही राउंड में हासिल किए 50 प्रतिशत से ज्यादा मत

तीसरे राउंड की मतगणना में ही मुर्मू ने 50 प्रतिशत से ज्यादा मत हासिल कर जीत हासिल कर ली थी। 10 घंटे से ज्यादा समय तक चली गिनती के बाद रिटर्निग आफिसर पीसी मोदी ने मुर्मू की जीत का औपचारिक एलान किया।

भाजपा ने मनाया विजय उत्सव

मुर्मू की जीत तय होते ही भाजपा की ओर से विजय उत्सव का सिलसिला शुरू हो गया। राजधानी दिल्ली से लेकर मुर्मू के गृह प्रदेश ओडिशा में उनके गांव समेत हर जगह पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इस ऐतिहासिक पल को यादगार बनाने के लिए पूरा जोर लगा दिया।

यशवंत सिन्‍हा समेत दिग्‍गजों ने दी बधाई

विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने भी मुर्मू को बधाई देते हुए कहा कि वह आशा करते हैं कि 15वें राष्ट्रपति के रूप में बिना भय और पक्षपात के वह संविधान के संरक्षक की भूमिका निभाएंगी। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह से लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत देश की तमाम हस्तियों ने भी मुर्मू को इस ऐतिहासिक जीत पर बधाई दी।

25 जुलाई को लेंगी शपथ

मुर्मू 25 जुलाई को संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में देश की अगली राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगी। वर्तमान राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द का कार्यकाल 24 जुलाई मध्यरात्रि को समाप्त हो रहा है।

सांसदों के 540 वोट मुर्मू और 208 वोट सिन्हा को मिले

पहले राउंड में सांसदों के मतों की गिनती हुई। इसमें 748 सांसदों के वोट वैध पाए गए, जिसमें 540 वोट मुर्मू को मिले। वहीं यशवंत सिन्हा को केवल 208 सांसदों के ही वोट मिले। आश्चर्य की बात यह रही कि 15 सांसदों के मत अवैध पाए गए। इतनी संख्या में सांसदों के वोट अवैध पाया जाना हतप्रभ करने वाली बात है। आठ सांसदों ने वोट नहीं डाला था। निर्वाचन अधिकारी पीसी मोदी के अनुसार सांसदों के कुल मत मूल्य का 72.19 प्रतिशत मुर्मू को और 27.81 प्रतिशत सिन्हा को मिले।

आंध्र से पूरे वोट मुर्मू को

आंध्र प्रदेश से पूरे वोट राजग प्रत्याशी के खाते में गए। वहीं केरल से एक विधायक के अतिरिक्त सभी वोट विपक्ष के प्रत्याशी सिन्हा को मिले। मतों के आधार पर देखें तो मुर्मू को उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र से सर्वाधिक मत मिले, जबकि सिन्हा को बंगाल और तमिलनाडु से सबसे ज्यादा मत मिले।

संसद में पड़े सबसे ज्यादा अमान्य वोट

अमान्य करार दिए गए 53 वोटों में से 15 संसद में डाले गए। इनके अलावा पांच-पांच वोट पंजाब और मध्य प्रदेश; चार-चार दिल्ली, बंगाल, कर्नाटक और महाराष्ट्र; तीन वोट उत्तर प्रदेश; दो असम और एक-एक उत्तराखंड, तेलंगाना, तमिलनाडु, मेघालय, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और पुडुचेरी में डाला गया।

इन राज्यों में नहीं पड़ा कोई अमान्य वोट

आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा, केरल, मणिपुर, मिजोरम, नगालैंड, ओडिशा, राजस्थान, सिक्किम और त्रिपुरा।

भाजपा को आगामी चुनावों में मिलेगा लाभ

मुर्मू के आदिवासी समुदाय से होने का लाभ न केवल भाजपा को राष्ट्रपति चुनाव में देखने को मिला है, बल्कि गुजरात, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों और अगले लोकसभा चुनाव में भी पार्टी को इससे लाभ उम्मीद है।

कई राज्यों में हुई क्रास वोटिंग

आंकड़ों के मुताबिक, 17 सांसदों के अलावा विभिन्न राज्यों में करीब 125 विधायकों ने भी अपने दलों के रुख के विपरीत जाकर मुर्मू के पक्ष में वोटिंग की। असम, झारखंड और मध्य प्रदेश के विपक्षी दलों के विधायकों ने अच्छी खासी संख्या ने राजग प्रत्याशी के पक्ष में मतदान किया। माना जा रहा है कि असम के 22, मध्य प्रदेश के 20, बिहार और छत्तीसगढ़ के छह-छह, गोवा के चार और गुजरात के 10 विधायकों ने क्रास वोटिंग की।