Nitin Gadkari: 'हमारी सरकार के दोबारा आने की गारंटी नहीं, लेकिन...', नितिन गडकरी ने नागपुर में क्यों कहा ऐसा?
Nitin Gadkari on modi govt नितिन गडकरी के किसी भी बयान को काफी गंभीरता से लिया जाता है। हाल ही में गडकरी ने अपनी सरकार के चौथे कार्यकाल की गारंटी न होने की बात कही जो चर्चा का विषय बन गया। महाराष्ट्र के नागपुर में एक कार्यक्रम में बोलते हुए गडकरी ने बात अपने कैबिनेट सहयोगी रामदास अठावले की मौजूदगी में कही।
डिजिटल डेस्क, नागपुर। Nitin Gadkari on modi govt केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जब भी कोई बयान देते हैं उस पर काफी तवज्जो दी जाती है। हाल ही में गडकरी ने अपनी सरकार के चौथे कार्यकाल की गारंटी न होने की बात कही, जो चर्चा का विषय बन गया।
रामदास अठावले से किया मजाक
दरअसल, गडकरी महाराष्ट्र के नागपुर में एक कार्यक्रम में बोल रहे थे और वो अपने कैबिनेट सहयोगी रामदास अठावले के साथ मजाक करते हुए उनके कई सरकारों में कैबिनेट पद पर बने रहने की क्षमता पर तंज कस रहे थे। गडकरी ने कहा,
हालांकि, गडकरी ने बाद में साफ कर दिया कि वो बस मजाक कर रहे थे। बता दें कि रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (RPI) के नेता अठावले तीन बार मंत्री रह चुके हैं और उन्होंने भरोसा जताया कि अगर भाजपा सत्ता में लौटती है तो वो फिर से मंत्री बनेंगे।इस बात की गारंटी नहीं हो सकती कि हमारी सरकार चौथी बार भी जीतेगी, लेकिन यह निश्चित है कि रामदास अठावले मंत्री बनेंगे।
अठावले ने महाराष्ट्र चुनाव के लिए मांगी 12 सीटें
बता दें कि अठावले ने रविवार को महाराष्ट्र चुनाव को लेकर बड़ी मांग रखी है। उन्होंने सत्तारूढ़ महायुति सरकार में उनकी पार्टी RPI (A) को आगामी विधानसभा चुनावों में कम से कम 10 से 12 सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका देने की मांग भी की।
विदर्भ में तीन से चार सीटें मांगी
नागपुर में सम्मेलन को संबोधित करते हुए अठावले ने कहा कि आरपीआई-ए अपने पार्टी चिह्न पर चुनाव लड़ेगी और विदर्भ में तीन से चार सीटें मांगेगी, जिसमें उत्तर नागपुर, उमरेड (नागपुर), यवतमाल में उमरखेड़ और वाशिम शामिल हैं। अठावले की पार्टी महायुति गठबंधन का हिस्सा है, जिसमें भाजपा, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी शामिल है।अठावले ने दावा किया कि अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को महायुति सरकार में शामिल किए जाने के कारण, आरपीआई (ए) को वादे के बावजूद राज्य में कोई मंत्री पद नहीं मिला। उन्होंने दावा किया कि पार्टी को कैबिनेट पद, दो निगमों की अध्यक्षता और जिला स्तरीय समितियों में भूमिका देने का वादा किया गया था, लेकिन पवार के शामिल होने के कारण यह सब नहीं हो सका।बता दें कि महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटों के लिए नवंबर में चुनाव होने की संभावना है।