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'मणिपुर में हिंसा दुखद', PM Modi बोले- राज्य में शांति बहाली के लिए केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर कर रहीं काम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को मणिपुर के लोगों को आश्वासन दिया कि केंद्र और राज्य सरकार एक साथ मिलकर हिंसा प्रभावित राज्य में शांति बहाल करने के लिए एक साथ काम कर रही हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य में महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराध करने वाले दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी। महिलाओं के खिलाफ अपराध अस्वीकार्य हैं।

By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Thu, 10 Aug 2023 09:04 PM (IST)
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मणिपुर हिंसा पर पीएम मोदी ने जताया दुख, कहा- केंद्र और राज्य सरकारें एक साथ मिलकर कर रहीं हैं काम।फोटोःएएनआई।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कई माह से देश की राजनीति का केंद्र बने मणिपुर की हिंसा पर लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जवाब दिया तो न सिर्फ वहां के नागरिकों को शांति के प्रति आश्वस्त किया, बल्कि पूर्वोत्तर से जुड़ी कांग्रेस की पुरानी गाथा भी सुना डाली।

राज्य में उगेगा शांति का सूरजः पीएम मोदी

मणिपुर के नागरिकों को आश्वासन दिया कि जिस प्रकार के प्रयास केंद्र और राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे हैं, उससे निकट भविष्य में शांति का सूरज जरूर उगेगा। हम सब मिलकर चुनौती का समाधान निकालेंगे, वहां फिर से शांति की स्थापना होगी।

पीएम मोदी का राजनीतिक दलों को दो टूक

राजनीतिक दलों को पीएम ने दो टूक संदेश दिया कि राजनीति को जितना दूर रखेंगे, शांति उतना ही करीब आएंगी। वहीं, पूर्वोत्तर के विकास को अपनी सरकार की प्राथमिकता बताते हुए आरोप लगाया कि वहां की समस्याओं की एकमात्र जननी कांग्रेस है।

दोषियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए हो रहा प्रयास

विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर उत्तर देते हुए गुरुवार को प्रधानमंत्री ने कहा कि मणिपुर में अदालत का एक निर्णय आया। उसके पक्ष-विपक्ष में जो परिस्थितियां बनीं, उससे हिंसा का दौर शुरू हो गया। अनेक लोगों ने स्वजन को खोया। महिलाओं के साथ गंभीर अपराध हुआ, जो अक्षम्य है। दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार भरपूर प्रयास कर रही है।

पीएम मोदी ने कांग्रेस को लिया आड़े हाथों

इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने कांग्रेस को आड़े हाथों ले लिया। उनका इशारा बुधवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा संसद में दिए गए वक्तव्य 'मणिपुर में भारत माता की हत्या हो रही है..' की ओर था, लेकिन बिना किसी का नाम लिए बोले

सदन में मां भारती के बारे में जो कहा गया, उसने हर भारतीय के दिल को आघात पहुंचाया।

अपने हमले की धार बढ़ाते हुए बोले कि

14 अगस्त का विभाजन विभीषिका पीड़ादायक दिवस हमारे सामने है। यह वह लोग हैं, जिन्होंने मां भारती के तीन-तीन टुकड़े कर दिए। जब मां भारती की बेडि़यों को काटना था, तब उनकी भुजाएं काट दीं। 'भारत तेरे टुकड़े होंगे' नारा लगाने वालों को प्रोत्साहन देने के लिए पहुंच जाते हैं।

इंदिरा गांधी को याद कर क्या बोले पीएम मोदी?

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस का इतिहास भारत को छिन्न-भिन्न करने का रहा है। मणिपुर से बात शुरू कर प्रधानमंत्री ने संपूर्ण पूर्वोत्तर पर कांग्रेस को आईना दिखाने का प्रयास किया। इसके लिए उन्होंने तीन घटनाओं का भी उल्लेख किया। कहा

पांच मार्च 1966 को कांग्रेस ने मिजोरम में असहाय नागरिकों पर अपनी वायुसेना के माध्यम से हमला कराया। क्या मिजोरम के लोग देशवासी नहीं थे? उस समय इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं। कांग्रेस ने पूर्वोत्तर के लोगों के विश्वास की हत्या की है।

1962 में देश पर चीनी हमले का किया जिक्र

दूसरी घटना सुनाई कि 1962 में देश पर चीन ने हमला किया था। नागरिक मदद के लिए परेशान थे, लेकिन उस वक्त तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने एक रेडियो संदेश जारी कर जनता को उसके हाल पर छोड़ दिया। वह खौफनाक रेडिया प्रसारण आज भी शूल की तरह पूर्वोत्तर के लोगों को चुभ रहा है। इसी तरह जो लोग अपने आप को लोहिया जी का वारिस कहते हैं, वह सुनें। लोहिया जी ने नेहरू जी पर गंभीर आरोप लगाए थे कि जानबूझकर नेहरू जी पूर्वोत्तर का विकास नहीं कर रहे हैं।

पूर्वोत्तर के हालात के लिए कांग्रेस की राजनीति जिम्मेदार

प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर के विकास को अपनी प्राथमिकता बताते हुए बड़ी योजनाओं और विकास कार्यों का उल्लेख भी किया। कहा कि 400 बार हमारे मंत्री और 50 बार वह स्वयं पूर्वोत्तर गए। यह आंकड़ा नहीं, बल्कि पूर्वोत्तर के प्रति उनकी साधना और समर्पण है। वहीं, आरोप लगाया कि जहां इक्कादुक्का सीटें होती थीं, उनके प्रति सौतेला व्यवहार कांग्रेस के डीएनए में रहा है। पूर्वोत्तर के प्रति उनका यही रवैया था।

पूर्वोत्तर में समस्याओं की जननती एकमात्र कांग्रेसः पीएम मोदी

उन्होंने कहा कि आज मणिपुर की समस्याओं को ऐसे प्रस्तुत किया जा रहा है, जैसे बीते कुछ समय में ही वहां ऐसी परिस्थितियां पैदा हो गई हैं। पूर्वोत्तर की इन समस्याओं की जननी एकमात्र कांग्रेस है। वहां के लोग इसके जिम्मेदार नहीं, बल्कि कांग्रेस की राजनीति जिम्मेदार है।