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विधानसभा ही नहीं निकाय चुनाव की तैयारियों में भी जुटी भाजपा, यूपी के अलावा कर्नाटक और त्रिपुरा पर भी मंथन

अगले साल नौ राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं। अगले दो तीन महीनों में ही उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव भी है। भाजपा किसी भी स्तर पर तार ढीला नहीं छोड़ना चाहती है। सुबह उन्होंने सबसे पहले मुख्यमंत्री योगी और अन्य नेताओं के साथ प्रदेश पर चर्चा की।

By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Tue, 13 Dec 2022 09:48 PM (IST)
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नड्डा ने इसकी पूरी निगरानी करने को कहा है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। गुजरात की ऐतिहासिक जीत और हिमाचल की फिसलन को पीछे छोड़ भाजपा कर्नाटक और त्रिपुरा विधानसभा तथा उत्तर प्रदेश के निकाय चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत दो अन्य राज्यों के प्रभारियों और टीमों के साथ अलग अलग चर्चा कर अपनी अपेक्षाएं सामने रख दी। हर राज्य को टास्क दे दिया गया है और ताकीद किया गया है कि तैयारियों में कोई कमी नहीं होनी चाहिए।

नड्डा ने निकाय चुनाव को पूरी तैयारी के साथ लड़ने का दिया निर्देश

अगले साल नौ राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं। अगले दो तीन महीनों में ही उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव भी है। भाजपा किसी भी स्तर पर तार ढीला नहीं छोड़ना चाहती है। सुबह उन्होंने सबसे पहले मुख्यमंत्री योगी और अन्य नेताओं के साथ प्रदेश पर चर्चा की। हाल ही में भाजपा रामपुर विधानसभा उपचुनाव जीती है लेकिन खतौली और मैनपुरी लोकसभा सपा के खाते में गया। उसकी समीक्षा के साथ ही नड्डा ने निकाय चुनाव को पूरी तैयारी के साथ लड़ने का निर्देश दिया।

समीक्षा बैठक का फार्मूला

बाद में दो अन्य राज्यों की समीक्षा बैठक में भी वही फार्मूला होगा जो उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव के लिए है। बताते हैं कि उन्होंने अभी से उम्मीदवारों की सूची तैयार करने को कहा है। उम्मीदवार वही होंगे जिन की क्षेत्र में पहचान और लोकप्रियता हो। घर घर संपर्क के अभियान को सघन बनाने का उन्होंने पहले ही निर्देश दिया है। नड्डा ने इसकी पूरी निगरानी करने को कहा है। बताया जाता है कि नड्डा ने स्पष्ट किया कि कोई भी काम आखिरी वक्त के लिए न छोड़ा जाए।

बूथ की ग्रेडिंग का काम भी जल्द होना चाहिए और कमजोर बूथ पर सक्रिय लोग लगाए जाने चाहिए। साथ ही यह स्पष्ट किया कि कोई भी पदाधिकारी बिना जिम्मेदारी के न रहें। स्पष्ट है कि जिम्मेदारी के साथ ही उन्हें जिम्मेवार भी बनना पड़ेगा और कामकाज का पूरा हिसाब भी देना होगा।नड्डा में हाल ही में केंद्रीय पदाधिकारियों की बैठक में सभी राज्यों के जल्द से कार्यकारिणी बुलाने को कहा था और उसे जिला स्तर तक ले जाने का निर्देश दिया था।

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