Delhi Services Bill: विपक्ष ने कहा, दिल्ली सेवा विधेयक लोकतंत्र व संविधान की मूल भावना के विरुद्ध
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की सरकार (संशोधन) विधेयक 2023 राज्यसभा में पेश किया। विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करते हुए सिंघवी ने सरकार का समर्थन कर रही पार्टियों को चेताया और कहा कि जो लोग समर्थन कर रहे हैं या समर्थन करने की घोषणा कर चुके हैं उन्हें यह सोचना चाहिए कि सबका नंबर आ सकता है।
By Jagran NewsEdited By: Amit SinghUpdated: Tue, 08 Aug 2023 12:10 AM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: दिल्ली सेवा विधेयक को विपक्ष ने लोकतंत्र और संविधान की मूल भावना के विरुद्ध बताया। राज्यसभा में इस पर चर्चा की शुरुआत भी विपक्ष की अगुआई करने वाली कांग्रेस ने ही की। पार्टी के वरिष्ठ नेता और अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सरकार ने पहले सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ द्वारा दिए गए फैसले को अध्यादेश के जरिये रातोंरात बदला, अब वह साधारण विधेयक के जरिये उनमें बदलाव करने जा रही है। इस दौरान उन्होंने कई शेरो-शायरी भी सुनाई, हालांकि एक शायरी में वह अपनी पार्टी के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर ही निशाना साध बैठे। जिसे लेकर सदन में जमकर ठहाके भी लगे।
सबका नंबर आ सकता है
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 राज्यसभा में पेश किया। विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करते हुए सिंघवी ने सरकार का समर्थन कर रही पार्टियों को चेताया और कहा कि जो लोग समर्थन कर रहे हैं या समर्थन करने की घोषणा कर चुके हैं, उन्हें यह सोचना चाहिए कि सबका नंबर आ सकता है। इस क्रम में उन्होंने प्रख्यात जर्मन धर्मशास्त्री मार्टिन नीमोलर को भी उद्धत किया जो पहले नाजी समर्थक थे और बाद में हिटलर के कटु आलोचक बन गए थे।
मूकदर्शक की भूमिका में होंगे मुख्यमंत्री
सिंघवी ने विधेयक को संघीय ढांचे के विरुद्ध बताते हुए कहा कि इसमें एक सिविल सर्विसेज अथारिटी बनाने की बात कही गई है जो तीन सदस्यीय होगी। इसमें मुख्यमंत्री भी रहेंगे, लेकिन ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़ा कोई भी फैसला बाकी दो सदस्य लेंगे, जो सचिव स्तर के होंगे। मुख्यमंत्री इसमें सिर्फ मूकदर्शक की भूमिका में रहेंगे। इसके आदेश उपराज्यपाल के हस्ताक्षर से जारी होंगे। इसी तरह सभी बोर्डों, कमेटियों के प्रमुखों की नियुक्तियां भी उपराज्यपाल ही करेंगे। यानी उपराज्यपाल अब दिल्ली के सुपर सीएम होंगे। इस दौरान सिंघवी ने एक शेर पढ़ा,
तुम से पहले जो इक शख्स यहां तख्ता नशीं था, उसको भी अपने खुदा होने पर इतना ही यकीं था।
मनमोहन सिंह पर निशाना साध बैठे सिंघवी
इसके बाद तो सदन में हो-हल्ला होने लगा। कई लोगों ने टोका और कहा कि इनसे पहले तो संप्रग सरकार थी और मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री थे। सिंघवी ने सरकार पर प्रतिशोध की भावना से विधेयक लाने का आरोप लगाया और कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के दो फैसलों के विरुद्ध है। अतीत में किसी भी सरकार ने दिल्ली सरकार के दर्जे को खत्म करने की कोशिश नहीं की थी और उन्होंने वर्तमान सरकार पर नियंत्रण के प्रति उन्मादी होने का आरोप भी लगाया।सिंघवी ने कहा,
यह दिल्ली के लोगों की क्षेत्रीय आवाज और क्षेत्रीय आकांक्षाओं पर आघात है। यह संघवाद के सिद्धांतों, सिविल सर्विसेज की जवाबदेही के सभी मानकों, विधानसभा आधारित लोकतंत्र के सभी माडलों का उल्लंघन है।