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जगदीप धनखड़ को हटाना चाहता है विपक्ष, 87 सांसदों ने किए हस्ताक्षर, क्या पारित होगा महाभियोग प्रस्ताव?

Jagdeep Dhankhar विपक्षी दल राज्यसभा सभापति के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने जा रहे हैं। विपक्षी दलों ने सभापति जगदीप धनखड़ पर पक्षपात का आरोप लगाया। विपक्षी सूत्रों के मुताबिक 87 सांसद नोटिस पर साइन कर चुके हैं। हालांकि प्रस्ताव के पारित होने की उम्मीद न के बराबर है। इसकी वजह यह है कि विपक्ष के पास पर्याप्त संख्या बल नहीं है।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Sat, 10 Aug 2024 12:32 AM (IST)
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राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़। (फाइल फोटो)
पीटीआई, नई दिल्ली। विपक्षी दल राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ संविधान के अनुच्छेद 67 के तहत महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी में हैं। सूत्रों के मुताबिक अभी नोटिस के समय पर चर्चा करना और निर्णय लिया जाना है। हालांकि इसकी अभी आधिकारिक घोषणा किसी ने नहीं की है। वैसे भी विपक्ष के पास महाभियोग पारित कराने के लिए संख्या बल पर्याप्त नहीं है। मगर विपक्षी सूत्रों के मुताबिक नोटिस के लिए 87 सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं।

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क्या चाहता है विपक्ष?

विपक्षी सूत्रों ने जानकारी दी कि दो दिन पहले राज्यसभा में सदन के नेता जेपी नड्डा को अनौपचारिक रूप से सूचित किया गया था कि विपक्ष धनखड़ को हटाने के लिए एक प्रस्ताव प्रस्तुत करने पर विचार कर रहा है। विपक्ष चाहता है कि सदन नियमों और परंपरा के अनुसार चले और सदस्यों के खिलाफ व्यक्तिगत टिप्पणियां अस्वीकार्य हैं।

खरगे का माइक बंद करने का आरोप

कांग्रेस और इंडी गठबंधन में शामिल कई दलों ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ का रवैया पक्षपातपूर्ण दिखाई देता है। हालत यह है कि नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को बोलने नहीं दिया जाता। बार-बार उनका माइक बंद कर दिया जाता है। इस मामले में सभापति जगदीप धनखड़ और इंडी गठबंधन के सहयोगी दलों के बीच गतिरोध बढ़ गया है।

क्या है अनुच्छेद 67(बी?

बता दें कि अनुच्छेद 67(बी) के तहत उपराष्ट्रपति को राज्यसभा के सभी तत्कालीन सदस्यों के बहुमत से पारित और लोकसभा द्वारा सहमत एक प्रस्ताव के माध्यम से हटाया जा सकता है। हालांकि कोई भी प्रस्ताव तब तक पेश नहीं किया जाएगा, जब तक कि प्रस्ताव पेश करने के इरादे से कम से कम 14 दिन का नोटिस न दिया गया हो।

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