Move to Jagran APP

कैसे होगा नशा मुक्‍त समाज, युवा कैसे आएंगे ड्रग्‍स की गिरफ्त से बाहर; असम के राज्‍यपाल मुखी बताई राह

असम के राज्यपाल जगदीश मुखी ने कहा कि युवाओं के साथ अधिक मजबूत पारिवारिक संबंध और उच्च नैतिक व्यक्तित्व से ही नशा मुक्त समाज का निर्माण किया जा सकता है। उन्होंने सामाजिक संस्थानों को नशा मुक्त समाज को सुनिश्चित करने के लिए सरकारी संस्थाओं के साथ काम करने को कहा।

By TilakrajEdited By: Updated: Wed, 27 Jul 2022 01:56 PM (IST)
Hero Image
नशीली दवाओं का खतरा समाज को बर्बाद कर रहा है
गुवाहाटी, एजेंसी। युवाओं में नशा की लत एक गंभीर समस्‍या बनती जा रही है। कई माता-पिता अपने बच्‍चों के भविष्‍य को लेकर बेहद परेशान रहते हैं। ऐसे में असम के राज्यपाल जगदीश मुखी ने माता-पिता से अपने बच्चों के साथ अधिक समय बिताने और उन्हें प्यार तथा घर पर ही सुरक्षित माहौल प्रदान करने का निवेदन किया है। उन्होंने कहा कि अधिक मजबूत पारिवारिक संबंध तथा उच्च नैतिक व्यक्तित्व ही एक नशा मुक्त समाज का निर्माण कर सकता है।

राज्यपाल ने ड्रग्‍स के खतरे के खिलाफ लड़ाई के लिए सरकार की एजेंसियों को सहयता करने वाली विभिन्न संस्थानों की भूमिका का भी रेखांकित किया। मुखी ने यहां मंगलवार को 60-दिवसीय नशा-विरोधी तंबाकू और शराब जागरूकता अभियान पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि शराब, तंबाकू और नशीली दवाओं के बढ़ते चलन के बाद भी अधिक मजबूत पारिवारिक संबंध, माता-पिता का मार्गदर्शन तथा उच्च नैतिक व्यक्तित्व युवाओं को इन सभी वस्तुओं से दूर रहने में मदद कर सकता है। उन्होंने कहा, 'माता-पिता को घर में ही बाच्चों को प्यार, सुरक्षित और स्थिर घर का महौल प्रदान करना चाहिए।'

उन्होंने आगे कहा कि मादक पदार्थों के दुष्प्रभाव से समाज में होने वाले नुकसान के खिलाफ समाजिक संगठनों को जागरूकता पैदा करने के लिए इसके प्रति समर्पित होकर लगातार काम करना चाहिए। राज्यपाल ने कहा, 'नशीली दवाओं का खतरा समाज को बर्बाद कर रहा है। इसलिए सामाजिक संस्थानों को नशा मुक्त समाज को सनिश्चित करने के लिए एक साथ प्रयास तथा इसको लेकर सरकार के साथ मिलकर नकारात्मक शक्तियों को हराने के लिए लगातार प्रयास करना चाहिए।'

राज्यपाल ने विद्यार्थियों से अपने उज्‍ज्‍वल भविष्य की और काम करने तथा एक नशा मुक्त समाज को बनाने में अपना समर्थन दने को कहा। उन्होंने शिक्षकों और शिक्षण संस्थानों से युवाओं को खेल, संगीत और अन्य रचनात्मक काम में प्रोत्साहित करने का निवेदन किया। आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, इस जागरूकता अभियान को एक गैर सरकारी संस्थान (एनजीओ) के द्वारा आयोजित किया गया था और राज्यपाल ने इसको पहले ही राजभवन से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था।