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जय श्री राम से लेकर जय फलस्तीन तक... शपथ ग्रहण समारोह को सांसदों ने बनाया राजनीति का अखाड़ा

18वीं लोकसभा के पहले सत्र में सबसे पहले नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाई जा रही है। यह क्रम सोमवार को शुरू हुआ और मंगलवार को भी चलता रहा। हैदराबाद से निर्वाचित सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने शपथ के बाद जय फलस्तीन का नारा लगाकर संसद को अपने राजनीतिक एजेंडे का मंच बना दिया। पिछले दो दिनों में शपथ ग्रहण की मर्यादा बिखरी बिखरी दिखी जिसमें टीका टिप्पणी लगातार चलती रही।

By Agency Edited By: Sonu Gupta Updated: Tue, 25 Jun 2024 10:30 PM (IST)
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18वीं लोकसभा के पहले सत्र में पद एवं गोपनीयता की शपथ लेते सांसद असदुद्दीन ओवैसी और छत्रपाल गंगवार। फोटोः एएनआई।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। संसदीय मर्यादाओं को आघात पहुंचाने में 18वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित कई सांसदों ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। संसद की सदस्यता ग्रहण करते हुए वह शपथ तो यह ले रहे थे कि 'भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा व निष्ठा रखूंगा', लेकिन शपथ ग्रहण समारोह में भी राजनीतिक संदेश ज्यादा हावी हो रहे थे।

छत्रपाल गंगवार ने लगाया जय हिंदू राष्ट्र का नारा

हैदराबाद से कई बार के निर्वाचित सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने शपथ के बाद 'जय फलस्तीन' का नारा लगाकर संसद को अपने राजनीतिक एजेंडे का मंच बना दिया। इसी तरह भाजपा के बरेली सांसद छत्रपाल गंगवार ने ''जय हिंदू राष्ट्र'' का नारा लगाकर विपक्ष को उकसाने का प्रयास किया। वस्तुत: पिछले दो दिनों में शपथ ग्रहण की मर्यादा बिखरी बिखरी दिखी, जिसमें टीका टिप्पणी लगातार चलती रही।

नवनिर्वाचित सांसदों को दिलाई जा रही है शपथ

18वीं लोकसभा के पहले सत्र में सबसे पहले नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाई जा रही है। यह क्रम सोमवार को शुरू हुआ और मंगलवार को भी चलता रहा। यह तो पहले से ही माना जा रहा था कि इस बार विपक्ष के सदस्यों की संख्या बढ़ी है, इसलिए सदन में विपक्ष प्रभावी उपस्थिति दर्ज कराएगा और कई मुद्दों पर हंगामे की स्थिति बनेगी। मगर, इसके इतर शपथ ग्रहण के दौरान ही राजनीतिक विद्वेष और सांप्रदायिक उन्माद के कर्कश बोल यहां सुनाई पड़े।

असदुद्दीन ओवैसी ने लगाया जय फलस्तीन का नारा

 एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने तो हदें पार कर दीं। इसे उनकी धार्मिक स्वतंत्रता माना जा सकता है कि शपथ से पहले बिस्मिल्लाह पढ़ा और उर्दू में शपथ ली, लेकिन शपथ के बाद जिस तरह से उन्होंने ''जय भीम, जय मीम, जय तेलंगाना और जय फलस्तीन'' का नारा लगाया, वह सभी को हैरान कर देने वाला था। यही नहीं, सांसदों ने शपथ ग्रहण के पोडियम को अपने क्षेत्र, जाति, धर्म और नेताओं की जय-जयकार का मंच बनाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी।

भाजपा सांसद ने लगाए नरेंद्र मोदी जिंदाबाद के नारे

 भाजपा सांसद अतुल गर्ग ने शपथ लेने के बाद ''श्यामा प्रसाद मुखर्जी जिंदाबाद, दीनदयाल उपाध्याय जिंदाबाद, अटल बिहारी वाजपेयी जिंदाबाद, नरेंद्र मोदी जिंदाबाद'' के नारे लगाए तो तृणमूल कांग्रेस के अनेक सांसदों ने शपथ लेने के बाद जय बांग्ला, जय ममता बनर्जी और जय अभिषेक बनर्जी के नारे लगाए। शिवसेना उद्धव गुट के सांसदों ने बाला साहेब ठाकरे तो विपक्ष के अन्य सांसद संविधान हाथ में लिए जय भीम के नारे से अपनी राजनीति को धार देते दिखे।

पप्पू यादव ने की बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग

पूर्णिया के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने शपथ ग्रहण के दौरान ही बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग उठा डाली। संभवत: सभी ने ऐसे दृश्य भी पहली बार संसद में देखे होंगे कि जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शपथ लेने आए तो राहुल गांधी सहित विपक्ष के नेताओं ने लगातार संविधान की प्रतियां प्रतिक्रिया स्वरूप लहराईं।

मेरठ सांसद अरुण गोविल की शपथ के दौरान राम मंदिर मुद्दे के प्रभावहीन होने का संदेश देने की कोशिश विपक्ष ने की और अयोध्या से जीते सपा सांसद अवधेश प्रसाद की जय-जयकार शुरू कर दी। 

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