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Parliament Winter Session: 'स्वायत्त संस्थानों के प्रमुखों के चयन में 'एकरूपता' नहीं देख रही सरकार' लोकसभा में बोले किशन रेड्डी

संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो गया है। आज भी विभिन्न मु्द्दों पर चर्चा की गई जिसमें से एक स्वायत्त संस्थानों के प्रमुखों के चयन को लेकर रहा । केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने सोमवार को लोकसभा को जानकारी देते हुए बताया कि सरकार स्वायत्त संस्थानों के प्रमुखों के चयन में एकरूपता नहीं देख रही है। रेड्डी ने कहा कि संस्कृति मंत्रालय में 34 स्वायत्त निकाय हैं।

By AgencyEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Mon, 04 Dec 2023 04:03 PM (IST)
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लोकसभा में बोले किशन रेड्डी (Image: ANI)
पीटीआई, नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो गया है। सत्र की शुरुआत में विपक्षी का जोरदार हंगामा देखने को मिला तो वहीं सत्ता पक्ष के सांसदों ने मोदी-मोदी के नारे लगाए। हालांकि, हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही शुरू होने के 10 मिनट बाद ही दोपहर तक स्थगित कर दी गई। बता दें कि 22 दिसंबर तक चलने वाले इस सत्र में 21 महत्वपूर्ण बिल पेश किया जा सकता है।

स्वायत्त संस्थानों के प्रमुखों के चयन में 'एकरूपता' नहीं

आज भी विभिन्न मु्द्दों पर चर्चा की गई, जिसमें से एक स्वायत्त संस्थानों के प्रमुखों के चयन को लेकर रहा। एक लिखित उत्तर में, केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने सोमवार को लोकसभा को जानकारी देते हुए बताया कि स्वायत्त संस्थानों के शासी निकायों के प्रमुखों का चयन विभिन्न प्रक्रियाओं के माध्यम से आवश्यक कौशल सेट के आधार पर किया जाता है, लेकिन उनकी चयन प्रक्रिया में 'एकरूपता' पर विचार नहीं किया जा रहा।

संस्कृति मंत्रालय में 34 स्वायत्त निकाय

रेड्डी ने कहा कि संस्कृति मंत्रालय में 34 स्वायत्त निकाय हैं और हर एक संस्थान के पास कला और संस्कृति के विभिन्न रूपों के प्रचार, संरक्षण और प्रसार के लिए अलग-अलग अधिकार हैं। इन संस्थानों का नेतृत्व आवश्यक कौशल वाले अधिकारी करते हैं।

केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री ने कहा कि उनकी नियुक्तियां विभिन्न चयन प्रक्रियाओं और विभिन्न वेतन स्तरों के माध्यम से की जाती हैं। रेड्डी ने कहा कि स्वायत्त निकायों के एसोसिएशन के ज्ञापन, नियम और विनियम, उपनियम आदि उनके कामकाज से संबंधित सभी मामलों के लिए आवश्यक प्रशासनिक और वित्तीय दिशानिर्देश प्रदान करते हैं।

संस्थानों के लिए कोई निश्चित दिशानिर्देश नहीं

रेड्डी ने कहा, 'शासी निकायों में सदस्यों की संख्या या संस्थान में होने वाली बैठकों की संख्या के संबंध में संस्थानों के लिए कोई निश्चित दिशानिर्देश नहीं हैं।' रेड्डी ने जवाब में कहा, स्वायत्त संस्थानों के प्रमुखों और शासी निकायों के लिए चयन प्रक्रिया में एकरूपता इस मंत्रालय में विचाराधीन नहीं है।

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